निर्भयता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए केतु का दिन त्रिवेणी संगम विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा
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निर्भयता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए केतु का दिन त्रिवेणी संगम विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा
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निर्भयता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए केतु का दिन त्रिवेणी संगम विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा
केतु का दिन त्रिवेणी संगम विशेष

काल सर्प दोष शांति पूजा

निर्भयता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए
temple venue
श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

निर्भयता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए केतु का दिन त्रिवेणी संगम विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा

सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। यह मास भगवान शिव और भगवान विष्ण दोनों की पूजा के लिए शुभ माना जाता है क्योंकि इस मास तक सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं और भगवान विष्णु को सृष्टि का कार्यभार सौंपते हैं। मान्यता है कि इस माह में भगवान शिव की पूजा करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषियों का कहना है कि अगर आपको सांप और मृत व्यक्तियों से जुड़े सपने आ रहे हैं या लगातार बुरे सपने आ रहे हैं। इसके अलावा अगर आप मानसिक अस्थिरता, अकेलेपन की भावना, बेवजह गुस्सा, बार-बार व्यापार में घाटा, रिश्तों में परेशानी या खराब स्वास्थ्य जैसी समस्याओं को सामना कर रहे हैं तो यह आपकी कुंडली में काल सर्प दोष की उपस्थिति का संकेत हो सकता है। काल सर्प दोष तब होता है जब कुंडली में सभी सात ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। इस दोष को ज्योतिष में सबसे अशुभ योगों में से एक माना जाता है। इस दोष से जुड़े नकारात्मक प्रभावों से राहत पाने के लिए काल सर्प दोष शांति पूजा करना लाभकारी माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में बुधवार को केतु का कारक माना जाता है। ऐसे में बुधवार के दिन काल सर्प दोष पूजा करके केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। मान्यता है कि बुधवार के दिन यह पूजा करने से भक्तों को निर्भयता प्राप्त होती है और उन्हें मानसिक स्थिरता प्राप्त करने में मदद मिलती है। यदि यह पूजा प्रयागराज में स्थित तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में की जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है, क्योंकि पौराणिक कथा के अनुसार, राजा परीक्षित को जब तक्षक नाग ने डसा था, तब इस मंदिर में उस घटना के प्रायश्चित में इन पांचों मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी और वरदान दिया गया था कि जो कोई भी इस मंदिर में जाकर दर्शन करेगा, उसके वंशजों को कभी सर्प की विष बाधा नहीं होगी। मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसलिए बुधवार के दिन प्रयागराज के श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में काल सर्प दोष शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और निर्भयता और मानसिक स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
निर्भयता के आशीर्वाद के लिए
हिंदू ज्योतिष के अनुसार, माना जाता है कि जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं, तो काल सर्प दोष होता है। कहा जाता है कि यह संरेखण व्यक्ति के जीवन में विभिन्न चुनौतियों और भय को लाता है, जिसमें मृत्यु का भय भी शामिल है। मान्यता है कि बुधवार के दिन प्रयागराज में स्थित श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर काल सर्प दोष शांति पूजा करने से भक्तों को अपने डर पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही भक्तों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति और साहस प्राप्त करने के लिए भगवान शिव द्वारा आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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मानसिक स्थिरता प्राप्त करें
ज्योतिष के अनुसार, जिन व्यक्तियों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उन्हें इस अवधि के दौरान विभिन्न मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का अनुभव होता है। मान्यता है कि केतु को समर्पित बुधवार के दिन श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में काल सर्प दोष शांति पूजा करने से भक्तों को आंतरिक शांति और भावनात्मक संतुलन का आशीर्वाद मिलता है, जो मानसिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। भगवान शिव के आशीर्वाद से मानसिक चिंताएं दूर होती हैं और जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
puja benefits
राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति
राहु और केतु को वैदिक ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है और अक्सर बाधाओं, गलतफहमियों और कर्म संबंधी चुनौतियों जैसे अशुभ प्रभावों से जुड़े होते हैं। माना जाता है कि जब काल सर्प दोष कुंडली में मौजूद होता है, तो यह राहु और केतु के नकारात्मक प्रभावों को बढ़ाता है। इस पूजा को करने से इन अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश

श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश
तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित एक प्राचीन और पवित्र स्थल है। यह मंदिर संगम नगरी में यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसे तक्षक तीर्थ के रूप में विश्व में एक अनोखा स्थान माना जाता है। दरियाबाद मुहल्ले के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित यह स्थान आदिकाल से संरक्षित है, जहाँ शेषनाग के अवशेष आज भी मौजूद हैं। तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर का इतिहास 5,000 साल से भी अधिक पुराना माना जाता है। पुराणों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण राजा परीक्षित की तक्षक नाग द्वारा डसे जाने की घटना के प्रायश्चित के रूप में हुआ था। इसके बाद इस स्थान पर पांच प्रमुख मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई और मान्यता दी गई कि यहाँ दर्शन करने वाले भक्तों के वंशजों को सर्प विष बाधा से मुक्त रखा जाएगा। कहा जाता है कि तक्षक समूची सर्प जाति के अधिपति हैं और उनके इस स्थान पर निवास से यह स्थल काल सर्प दोष, राहु की महादशा, नागदोष, और विष बाधा जैसी समस्याओं से मुक्ति पाने का प्रमुख स्थान बन गया है। तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर की मान्यता है कि यहाँ शिवलिंग के दर्शन से श्रद्धालुओं को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और उनके वंशज सर्प विष बाधा से सुरक्षित रहते हैं।

सावन के महीने में इस स्थान पर सांपों का आना-जाना देखा जाता है, जो इसे और भी पवित्र और रहस्यमयी बनाता है। तक्षकेश्वर तीर्थ में दर्शन करने से विशेष रूप से सर्प दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है, और इसीलिए इसे भारत का एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक स्थल माना गया है। तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर की वास्तुकला नागर शैली की है, जिसमें एक विशाल शिखर और गुंबद बने हुए हैं। शिवलिंग के चारों ओर तांबे का अर्घ्य है, और परिसर में हनुमान जी और गणेश जी की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। 1992 में यहाँ खुदाई के दौरान कई प्राचीन अवशेष और बारीक नक्काशी से सुसज्जित पत्थर मिले थे, जो इस स्थान को अत्यंत प्राचीन सभ्यता से जोड़ते हैं। पुरातत्व विभाग ने इन अवशेषों का अध्ययन किया और इसे अति प्राचीन सभ्यता का स्थल मानते हुए शोध जारी रखा है। तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में अद्वितीय इतिहास, धार्मिक आस्था, और प्राचीन वास्तुकला का संगम है, जो इसे प्रयागराज में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक धरोहर बनाता है।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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