नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए सोमवार स्फटिक शिवलिंगम विशेष स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन
नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए सोमवार स्फटिक शिवलिंगम विशेष स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन
नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए सोमवार स्फटिक शिवलिंगम विशेष स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन
नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए सोमवार स्फटिक शिवलिंगम विशेष स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन
नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए सोमवार स्फटिक शिवलिंगम विशेष स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन
नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए सोमवार स्फटिक शिवलिंगम विशेष स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन
नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए सोमवार स्फटिक शिवलिंगम विशेष स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन
सोमवार स्फटिक शिवलिंगम विशेष

स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन

नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए
temple venue
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
pooja date
28 अक्टूबर, सोमवार, कार्तिक कृष्ण एकादशी
पूजा बुकिंग बंद होने में शेष समय:
Day
Hour
Min
Sec
slideslideslide
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए सोमवार स्फटिक शिवलिंगम विशेष स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन

सनातन धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है। पौराणिक कथानुसार, सोमवार के दिन ही चंद्र देव ने भगवान शिव की उपासना कर श्राप से मुक्ति पाई जाती है। तब से माना जाता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपना दिव्य आशीष प्रदान करते हैं। शास्त्रों में भगवान शिव की आराधना के लिए कई तरह के अनुष्ठान बताए गए हैं, जिनमें स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्त्रनाम रुद्राक्ष अर्चन भी शामिल है। इस अनुष्ठान में स्फटिक शिवलिंग का भस्म से अभिषेक किया जाता है और भगवान शिव के 1008 नामों का उच्चारण करते हुए रुद्राक्ष अर्पित किए जाते हैं। वैरागी होने के कारण भस्म को भगवान शिव का श्रृंगार माना जाता है। मान्यता है कि भस्म चढ़ाने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और उस भक्त के सभी दुखों को हर लेते हैं।

इसके साथ ही रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना जाता है और कहा जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। मान्यता है कि सोमवार के दिन शिवलिंग का भस्म से अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन करने से भगवान शिव द्वारा नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि यह अनुष्ठान दक्षिण भारत के तिरुनेलवेली में स्थित एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में किया जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकता है, क्योंकि इस मंदिर में देश का सबसे बड़ा भगवान शिव का स्फटिक लिंगम मौजूद है। इसलिए सोमवार के शुभ दिन पर तमिलनाडु के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव द्वारा नकारात्मक ऊर्जाओं एवं अस्वस्थता से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
देवों के देव महादेव नकारात्मक शक्तियों का विनाश करने के लिए पूजनीय है। इसलिए माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन करने से भगवान शिव द्वारा नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
अस्वस्थता से सुरक्षा के लिए
कई बार व्यक्ति संपूर्ण उपचार कराने के बाद भी स्वस्थ नहीं होता है और रोगों से घिरा रहता है। शास्त्रों में रोगों और दोषों से मुक्ति के लिए भगवान शिव की पूजा को लाभकारी बताया गया है। मान्यता है कि सोमवार पर स्फटिक लिंगम भस्म अभिषेक और 1008 शिव सहस्रनाम रुद्राक्ष अर्चन करने से अस्वस्थता से सुरक्षा मिलता है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ जीवन को प्राप्त कर सकता है।
puja benefits
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
भगवान शिव अपने भक्‍तों की पूजा से बहुत जल्‍दी ही प्रसन्‍न हो जाते हैं, इसलिए उन्हें भोलेभंडारी भी कहते हैं। शास्त्रों में ऐसी कई पौराणिक कथाएं मिलती है, जिनमें भक्तों ने भगवान शिव को प्रसन्न करके मनवांछित फल की प्राप्ति की थी। इसलिए मान्यता है कि सोमवार के दिन यह पूजा करने से भगवान शिव द्वारा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु

एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में स्थित एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर एक पूजनीय तीर्थस्थल है, जिसका आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। 120 साल पहले प्रतिष्ठित ऋषि मायांडी सिद्धर द्वारा स्थापित यह मंदिर चिरस्थायी परंपरा और भक्ति का प्रमाण है। ऋषि मायांडी सिद्धर ने भगवान राम के गहन ध्यान और दर्शन के बाद इस मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर से जुडी कई चमत्कारिक कथाओं के बारे में सुनने को मिलता है, जिनमें भगवान पेरुमल की मुख्य मूर्ति भी शामिल है, जिसे मूर्तिकला का कोई औपचारिक ज्ञान न रखने वाले एक साधारण व्यक्ति ने गढ़ा था। मंदिर में कई पवित्र मूर्तियाँ हैं, जिनमें शुद्ध स्पष्ट क्वार्ट्ज से बना उल्लेखनीय स्फटिक लिंगम भी शामिल है।

शास्त्रों के अनुसार, स्फटिक लिंगम की पूजा करने से भक्तों में आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और शक्ति आती है, साथ ही चिंताएँ और नकारात्मक प्रभाव से भी राहत मिलता है। यह स्फटिक लिंगम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऋषिकेश के बाद भारत में सबसे बड़े स्फटिक लिंगम में से एक है। यह मंदिर भगवान राम से जुड़े होने के कारण भी प्रसिद्ध है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहाँ भगवान राम ने जटायु को मोक्ष प्रदान किया था और अपने पिता का अंतिम संस्कार किया था। भक्तगण एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव और भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहाँ पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में उन्हें सभी प्रयासों में सफलता मिलती है।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान शिव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान शिव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

दिल्ली
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों