पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मोक्षदा एकादशी मोक्ष तीर्थ विशेष नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा
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पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मोक्षदा एकादशी मोक्ष तीर्थ विशेष नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा
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मोक्षदा एकादशी मोक्ष तीर्थ विशेष

नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा

पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए
temple venue
गंगा घाट, हरिद्वार, उत्तराखंड
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मोक्षदा एकादशी मोक्ष तीर्थ विशेष नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा

हिंदू धर्म में मोक्षदा एकादशी का गहरा आध्यात्मिक महत्व है। यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष रूप से पवित्र माना गया है, जो पापों से मुक्ति प्रदान करने और मृत्यु के बाद मोक्ष (आत्मा की मुक्ति) दिलाने में सहायक होते हैं। ब्रह्माण्ड पुराण में उल्लेख मिलता है कि चंपक नगर के राजा वैखानस ने स्वप्न में अपने दिवंगत पिता को नरक में कष्ट भोगते हुए देखा। इस पीड़ा का कारण जानने के लिए उन्होंने परवतः मुनि से परामर्श लिया। मुनि ने बताया कि उनके पिता ने अपने वैवाहिक कर्तव्यों की उपेक्षा करके एक गंभीर पाप किया था, जिसके कारण उन्हें यह दंड भुगतना पड़ रहा है। मुनि ने राजा को मोक्षदा एकादशी व्रत का पालन करने और भगवान विष्णु की भक्ति करने का सुझाव दिया। राजा ने अपने परिवार और प्रजा के साथ पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ इस व्रत का पालन किया। उनकी प्रार्थनाओं से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उनके पिता को नरक से मुक्त कर स्वर्ग में स्थान प्रदान किया। यह कथा भगवान विष्णु की कृपा और मोक्षदा एकादशी के महत्व को दर्शाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और उनके आशीर्वाद से जीवन सुखमय और समृद्ध हो जाता है।

मोक्षदा एकादशी के दिन किए जाने वाले विशेष अनुष्ठानों में नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा का बहुत महत्व है। मान्यता है कि इन अनुष्ठानों को करने से पितृ दोष का निवारण होता है, पितरों को शांति मिलती है, और उनकी आत्मा भगवान विष्णु के परमधाम में स्थान प्राप्त करती है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने गरुड़ देव को बताया है कि जिन लोगों की अकाल मृत्यु या असामयिक मृत्यु हुई होती है, या जिनकी आत्मा किसी बुरे कर्म के कारण पिशाच योनि में भटक रही होती है, वे दूसरों के जीवन में कठिनाइयों का कारण बन सकते हैं। ऐसी आत्माओं की मुक्ति के लिए नारायण बलि और नाग बलि पूजा अत्यंत प्रभावी मानी गई है। भगवान विष्णु ने यह भी बताया है कि ये विशेष अनुष्ठान पवित्र नदियों जैसे गंगा के किनारे अनुभवी पंडितों द्वारा किए जाने चाहिए। इसी कारण, मोक्षदा एकादशी के अवसर पर गंगा घाट, हरिद्वार पर यह पूजा आयोजित की जा रही है। हरिद्वार को "मोक्ष तीर्थ" कहा जाता है, जो अपनी प्राचीन और आध्यात्मिक महत्ता के कारण प्रसिद्ध है। हिंदू धर्म के सात सबसे पवित्र स्थानों में से एक हरिद्वार में गंगा नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त होती है। गंगा घाट पर नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा के माध्यम से पितरों की आत्मा को शांति प्रदान की जाती है। अतः, इस मोक्षदा एकादशी पर श्री मंदिर के माध्यम से गंगा घाट, हरिद्वार पर इस महापूजा में भाग लें और अपने भगवान विष्णु द्वारा अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए
मोक्षदा एकादशी के दिन नारायण बलि पूजा करना एक अत्यंत पवित्र और मान्य परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि यह पूजा दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करती है। यह विशेष अनुष्ठान पितरों को सम्मान देने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह पूजा पितरों को सांसारिक बंधनों से मुक्त कर, उन्हें आध्यात्मिक शांति और मोक्ष प्रदान करने में सहायक मानी जाती है।
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पितृ दोष निवारण के लिए
मान्यता है कि महापूजा अनुष्ठान के अंतर्गत किए जाने वाले पितृ तर्पण और पिंडदान पितरों का सम्मान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। इन कर्मों से पितृ दोष और उनके कारण वर्तमान जीवन में आ रही बाधाओं का निवारण होता है। यह पूजा पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करती है और उनके आशीर्वाद से परिवार को सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।
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परिवार में उन्नति और शांति के लिए
पितृ दोष परिवार में गलतफहमियों और विवादों का कारण बन सकता है। ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी जैसे पवित्र दिन पर नारायण बलि, नाग बलि, और पितृ शांति महापूजा करने से पितृ दोष का निवारण होता है। यह पूजा परिवार में एकता लाने, विवादों को सुलझाने, और शांति एवं समृद्धि स्थापित करने में सहायक मानी जाती है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो और दिव्य आशीर्वाद बॉक्स

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में दिव्य आशीर्वाद बॉक्स प्राप्त करें।

गंगा घाट, हरिद्वार, उत्तराखंड

गंगा घाट, हरिद्वार, उत्तराखंड
पूरे विश्व में हरिद्वार, एक तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है, इसे कुंभ नगरी के नाम से भी जाना जाता है। महाकुंभ के दौरान हजारों लाखों की संख्या में देश-विदेश से लोग गंगा में डुबकी लगाने आते हैं। वहीं, हरिद्वार में कुछ प्राचीन घाट भी हैं जिनकी मान्यता प्राचीन ग्रंथों में भी लिखी हुई है। शास्त्रों में नारायण बलि का मुख्य उद्देश्य पितृदोष निवारण करना और नागबलि का उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना बताया गया है।

श्री गंगा घाट पर इस पूजा को करने से पितृ दोष का निवारण होता है। मान्यता है कि यहां पूरे रीति-रिवाजों के नारायण बलि पूजा आत्मा को शुद्धि प्रदान करते हैं। हरिद्वार में हो रही नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा करने से पितरों को शांति मिलती है और कुंडली से पितृ दोष की समस्त नकारात्मकताएं भी दूर हो जाती हैं।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
शेखर कारखानीस

शेखर कारखानीस

29 January, 2025

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मुझे ये सेवा करणे का भाग्य प्राप्त हुआ मै सच मे धन्य हो गया....बस महाकाल की इस सृष्टी पर कृपा बनी रहे...मै श्री मंदिर का आभार व्यक्त करता हु दिल से ...जय महाकाल....जय श्रीराम 🙏🙏🚩🚩❤️❤️


UMASANKAR RATH

UMASANKAR RATH

28 January, 2025

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मुझे बहुत अच्छा लगा मेरे प्रसाद कब आएगा


Himanshu Kumar Sinha

Himanshu Kumar Sinha

28 January, 2025

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Only superbly excellent experience.Thank you very much

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
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दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
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शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

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