सफलता प्राप्ति एवं मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दुर्गा अष्टमी चंडी महायज्ञ विशेष 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन
सफलता प्राप्ति एवं मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दुर्गा अष्टमी चंडी महायज्ञ विशेष 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन
सफलता प्राप्ति एवं मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दुर्गा अष्टमी चंडी महायज्ञ विशेष 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन
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दुर्गा अष्टमी चंडी महायज्ञ विशेष

1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन

सफलता प्राप्ति एवं मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
temple venue
श्री दुर्गा कुंड मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
pooja date
9 नवम्बर, शनिवार, दुर्गा अष्टमी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

सफलता प्राप्ति एवं मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दुर्गा अष्टमी चंडी महायज्ञ विशेष 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन

हिंदू धर्म में हर महीने की शुक्ल अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन मां दुर्गा एवं उनके नौ रूपों को समर्पित है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन उनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक कथानुसार, महिषासुर नाम के एक असुर को भगवान ब्रह्मा द्वारा अमरता का वरदान प्राप्त था। जिसके चलते उसने तीनों लोकों में हमला कर दिया और देवताओं को पराजित कर दिया। इसके बाद सभी देवताओं ने भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा जी से मदद मांगी। महिषासुर को केवल एक स्त्री ही हरा सकती थी। इसलिए त्रिदेवों ने अपनी दिव्य शक्तियों से मां दुर्गा को उत्पन्न किया। मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध चला। इस दौरान महिषासुर ने मां दुर्गा को भ्रमित करने के लिए कई रूप धारण किए लेकिन अंततः उसने जब भैंसे का रूप धारण किया तो मां दुर्गा मौके का फायदा उठाते हुए अपने त्रिशूल से महिषासुर का वध किया और तीनों लोकों में एक बार फिर से शांति स्थापित की। इसलिए दुर्गा अष्टमी के दौरान भक्त मां दुर्गा और उनके नौ रूपों को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान करते हैं, जिनमें से एक है नवार्ण मंत्र। नवार्ण, नव और अर्ण के युग्म से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है नौ अक्षर।

शास्त्रों में ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाऐ विच्चे’ को नवार्ण मंत्र कहा गया है। इसके हर अक्षर से शक्ति अर्थात मां दुर्गा के नौ रूपों का सीधा संबध है। पहला अक्षर "ऐं" है, जो माँ शैलपुत्री से संबंधित है। दूसरा अक्षर "ह्रीं" है, जो माँ ब्रह्मचारिणी द्वारा नियंत्रित होता है। तीसरा अक्षर "क्लीं" माँ चंद्रघंटा से जुड़ा है। चौथा अक्षर "च" माँ कूष्माण्डा से संबंधित है। पाँचवाँ अक्षर "मुं" माँ स्कंदमाता पर प्रभाव डालता है। छठा अक्षर "डा" माँ कात्यायिनी से जुड़ा हुआ है। सातवाँ अक्षर "यै" माँ कालरात्रि से संबंधित है और आठवाँ अक्षर "वि" माँ महागौरी को दर्शाता है। नौवाँ अक्षर "चै" माँ सिद्धिदात्री से जुड़ा है। इसी कारणवश हिंदु धर्म में दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर नवार्ण मंत्र का जाप को सबसे प्रभावशाली माना गया है, क्योंकि यह मंत्र मां दुर्गा को नौ रूपों को समर्पित है। मान्यता है कि दुर्गा अष्टमी के दौरान नवार्ण मंत्र का जाप करने से मां दुर्गा का दिव्य आशीष प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। यदि नवार्ण मंत्र के जाप के साथ दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन भी किया जाए तो यह अंत्यत और कई गुना अत्यधिक फलदायी हो सकता है। कहा जाता है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से एक दैवीय ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और देवी दुर्गा द्वारा मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए काशी के प्रसिद्ध श्री दुर्गा कुंड मंदिर में 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन का आयोजन किया जा रहा है। यह अनुष्ठान आठ ब्राह्मणों द्वारा किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लें और मां दुर्गा द्वारा सफलता प्राप्ति एवं मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
सफलता प्राप्त करने के लिए
हिंदू धर्म में माँ दुर्गा को उनकी अपार शक्ति और भक्तों के जीवन से सभी बाधाओं को दूर करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि दुर्गा अष्टमी के दौरान जो भी भक्त श्रद्धापूर्वक माँ दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती का पाठ और नव चंडी महाहवन करता है, उसे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। कहा जाता है कि चाहे लक्ष्य व्यक्तिगत हों या व्यावसायिक, माँ दुर्गा की कृपा से भक्त को चुनौतियों का सामना करने की शक्ति मिलती है और उसकी सफलता सुनिश्चित होती है।
puja benefits
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
मान्यता है कि यदि देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। नवार्ण मंत्र मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित एक प्रभावशाली मंत्र है। ऐसे में दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर भक्त काशी के श्री दु्र्गा कुंड में नवार्ण मंत्र के साथ दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन कर मां दुर्गा द्वारा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
मान्यता है कि दुर्गा सप्तशती और नव चंडी महाहवन ऐसे दिव्य अनुष्ठान है, जिससे भक्त के चारों ओर एक दैवीय सुरक्षा कवच उत्पन्न होता है, जो नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके साथ ही कहा जाता है कि इस दैवीय सुरक्षा कवच के माध्यम से नकारात्मक प्रभावों को भी दूर किया जा सकता है। यदि यह अनुष्ठान दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर किया जाए तो यह कई अधिक प्रभावशाली हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार, दुर्गा अष्टमी पर 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती एवं नव चंडी महाहवन करने से मां दुर्गा द्वारा नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पूजा प्रक्रिया

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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

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श्री दुर्गा कुंड मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश

श्री दुर्गा कुंड मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
भगवान शिव की नगरी काशी में स्थापित श्री दुर्गा कुंड मंदिर, जहाँ माँ आदिशक्ति दुर्गा अदृश्य रूप में विराजमान है। मान्यता है की माता रानी का यह मंदिर आदिकालीन है तथा यह सिद्ध मंदिर काशी के प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का उल्लेख स्कन्द पुराण के काशी खंड में भी पाया जाता है। इस मंदिर में माँ दुर्गा यंत्र के रूप में विराजमान है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार 17वीं शताब्दी में रानी भवानी ने करवाया था। इस मंदिर के एक तरफ कुंड है, जिसे दुर्गा कुंड कहा जाता है।

मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की शुंभ-निशुंभ का वध करने के बाद मातारानी ने यहाँ विश्राम किया था। भक्तों में यह आस्था है की माँ दुर्गा यहाँ अपने चौथे स्वरुप कुष्मांडा के रूप में स्थित है। इसलिए नवरात्रि में इस मंदिर में देश के हर एक कोने से असंख्य श्रद्धालु दर्शन एवं पूजा-अर्चना करने आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण होने का आशीष प्राप्त करते हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
देवी मां की पूजा संपन्न होने के बाद पवित्र तीर्थ प्रसाद जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, चुनरी, सिंदूर, लाल मौली 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह प्रसाद,आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

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पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
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2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री दुर्गा कुंड मंदिर में माँ दुर्गा को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
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3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री दुर्गा कुंड मंदिर में माँ दुर्गा को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
देवी मां की पूजा संपन्न होने के बाद पवित्र तीर्थ प्रसाद जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, चुनरी, सिंदूर, लाल मौली 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह प्रसाद,आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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