परिवारिक शांति, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए वैकुण्ठ चतुर्दशी ज्योर्तिलिंग विशेष हरिहर मिलन पूजा एवं 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन
परिवारिक शांति, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए वैकुण्ठ चतुर्दशी ज्योर्तिलिंग विशेष हरिहर मिलन पूजा एवं 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन
परिवारिक शांति, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए वैकुण्ठ चतुर्दशी ज्योर्तिलिंग विशेष हरिहर मिलन पूजा एवं 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन
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परिवारिक शांति, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए वैकुण्ठ चतुर्दशी ज्योर्तिलिंग विशेष हरिहर मिलन पूजा एवं 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन
वैकुण्ठ चतुर्दशी ज्योर्तिलिंग विशेष

हरिहर मिलन पूजा एवं 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन

परिवारिक शांति, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
14 नवम्बर, गुरुवार, वैकुण्ठ चतुर्दशी
पूजा बुकिंग बंद होने में शेष समय:
Day
Hour
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

परिवारिक शांति, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए वैकुण्ठ चतुर्दशी ज्योर्तिलिंग विशेष हरिहर मिलन पूजा एवं 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन

वैकुण्ठ चतुर्थी, ऐसी तिथि है जिस दिन भगवान शिव एवं श्री हरि विष्णु की पूजा एकसाथ की जाती है, अन्यथा ऐसा बहुत कम होता है कि एक ही दिन इन दोनों देवताओं का संयुक्त रूप से पूजन किया जाए। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुण्ठ चतुर्दशी मनाई जाती है, जिसे हरिहर मिलन के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पूर्व यह त्योहार मनाया जाता है। इस तिथि के पीछे एक पौराणिक कथा है, दअरसल जब श्री हरि विष्णु अपनी योगनिद्रा से जागते हैं तो भोलेनाथ की पूजा करने के लिए काशी पहुंचते हैं, वहां वो मणिकर्णिका घाट पर स्नान करते हैं और 1,000 स्वर्ण कमल के फूल भगवान शिव को अर्पित करने का संकल्प लेते हैं। जिस दौरान, भगवान शिव परीक्षा लेने के लिए एक फूल कम कर दिया तभी उन्होंने अपनी आंख भोलेनाथ को भेंट करने की सोची। लेकिन, भगवान शिव प्रकट हो गए और उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। अपने प्रति श्री हरि का प्रेम देखकर भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए।

इसके पश्चात भगवान शिव ने उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान किया और कहा, कि जो भक्त इस पवित्र दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करेगा, वो सीधे उनके निवास स्थान यानी बैकुंठ धाम जाएगा। तभी से बैकुंठ चतुर्दशी को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भगवान शिव प्रसन्न होकर उन्हें वापस से सृष्टि का कार्यभार सौंपते हैं। इस दिन इन दोनों देवताओं का मिलन होता है जिस कारण वैकुण्ठ चतुर्थी पर भगवान शिव (हर) को प्रिय बेलपत्र श्री हरि विष्णु को और भगवान विष्णु (हरि) को प्रिय तुलसी दल शिव जी को अर्पित किया जाता है। इस शुभ अवसर पर भक्तगण शिव जी एवं विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए कई अनुष्ठान करते हैं जिसमें हरिहर मिलन पूजन भी शामिल है। इसमें भगवान विष्णु (हरि) और भगवान शिव (हर) की पूजा की जाती है, जो सृष्टि के पालन और संहार की शक्ति का प्रतीक हैं। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव एवं विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में हरिहर मिलन पूजा एवं 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और इन दोनों देवताओं से परिवारिक शांति, समृद्धि एवं खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
पारिवारिक शांति और समृद्धि के लिए
मान्यता है कि हरिहर मिलन पूजा से सद्भाव, आर्थिक स्थिरता और समृद्धि आती है। इसलिए वैकुण्ठ चतुर्दशी पर हरिहर मिलन पूजन कर भक्त धन और भौतिक सफलता के लिए भगवान शिव एवं विष्णु से आशीर्वाद मांगते हैं। वहीं, 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन सभी बाधाओं को दूर कर सकती है और समृद्धि को आकर्षित कर सकती है। कहा जाता है कि वैकुण्ठ चतुर्दशी पर यह पूजा करने से पारिवारिक शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
परिवार में खुशहाली के लिए
माना जाता है कि वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन हरिहर मिलन पूजा के साथ 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन करने से भगवान शिव एवं श्री हरि विष्णु का आशीष प्राप्त होता है, जिससे आंतरिक शांति और मन की संतुलित स्थिति को बढ़ावा मिलता है। ऐसा माना जाता है कि यह पूजा मन में उत्पन्न नकारात्मक भावनाओं को दूर करने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।
puja benefits
बेहतर स्वास्थ्य के आशीष के लिए
माना जाता है कि हरिहर मिलन पूजा एवं 1100 बिल्व-तुलसी अर्चन शरीर और मन को शुद्ध करके समग्र कल्याण को बढ़ावा देती है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु एवं शिव जी की कृपा से दुखों का निवारण हो सकता है, जिससे व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यह पूजा करने से विशेष रूप से बेहतर स्वास्थ्य और जीवन शक्ति सुनिश्चित होती है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद पवित्र तीर्थ प्रसाद जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, लाल मौली आदि 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह प्रसाद,आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

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पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद पवित्र तीर्थ प्रसाद जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, लाल मौली आदि 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह प्रसाद,आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान विष्णु एवं शिव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद पवित्र तीर्थ प्रसाद जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, लाल मौली आदि 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह प्रसाद,आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान विष्णु एवं शिव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद पवित्र तीर्थ प्रसाद जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, लाल मौली आदि 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह प्रसाद,आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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