नकारात्मकता से पूर्ण सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय के लिए संपूर्ण रक्षा शक्तिपीठ महानुष्ठान श्री हनुमान, भैरव, महाकाली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ
नकारात्मकता से पूर्ण सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय के लिए संपूर्ण रक्षा शक्तिपीठ महानुष्ठान श्री हनुमान, भैरव, महाकाली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ
नकारात्मकता से पूर्ण सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय के लिए संपूर्ण रक्षा शक्तिपीठ महानुष्ठान श्री हनुमान, भैरव, महाकाली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ
नकारात्मकता से पूर्ण सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय के लिए संपूर्ण रक्षा शक्तिपीठ महानुष्ठान श्री हनुमान, भैरव, महाकाली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ
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नकारात्मकता से पूर्ण सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय के लिए संपूर्ण रक्षा शक्तिपीठ महानुष्ठान श्री हनुमान, भैरव, महाकाली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ
संपूर्ण रक्षा शक्तिपीठ महानुष्ठान

श्री हनुमान, भैरव, महाकाली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ

नकारात्मकता से पूर्ण सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय के लिए
temple venue
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर, कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल
pooja date
8 नवम्बर, शुक्रवार, कार्तिक शुक्ल सप्तमी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

नकारात्मकता से पूर्ण सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय के लिए संपूर्ण रक्षा शक्तिपीठ महानुष्ठान श्री हनुमान, भैरव, महाकाली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ

पूरे इतिहास में, मनुष्य ने बाधाओं और नकारात्मकता को दूर करने के लिए शक्ति और साहस के लिए विभिन्न देवताओं की पूजा की है। इनमें से, भगवान हनुमान, भगवान भैरव और माँ काली को नकारात्मक शक्तियों और बुराई से उनकी शक्तिशाली सुरक्षा के लिए पूजा जाता है। संकटमोचन के रूप में पहचाने जाने वाले हनुमान जी की अटूट भक्ति और शक्ति ने रावण के खिलाफ युद्ध के दौरान भगवान राम की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रामायण में बताया गया है कि कैसे, सीता के अपहरण के दौरान, हनुमान ने उन्हें बचाने के लिए राम के दृढ़ संकल्प का आश्वासन देने के लिए समुद्र पार छलांग लगाई। उनकी बहादुरी, बुद्धिमत्ता और दैवीय शक्तियाँ अंततः दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने में मददगार होती हैं। वैसे हनुमान जी को भगवान शिव के रूपों में से एक माना जाता है और उनकी पूजा करने से लोगों को दिव्य सहायता मिलती है। जिस तरह भगवान हनुमान अपने भक्तों को सभी समस्याओं से बचाते हैं और दुश्मनों पर विजय दिलाते हैं, उसी तरह भगवान भैरव, भय को दूर करने और भक्तों को नुकसान से बचाने के लिए पूजनीय हैं। भगवान भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक प्राचीन कथा है।

एक बार भगवान विष्णु एवं ब्रह्मा जी में सर्वश्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ। तब एक अग्नि स्तंभ प्रकट हुआ और कहा कि जो इसका ओर-छोर जान लेगा, वही सर्वश्रेष्ठ होगा। ब्रह्मा जी हंस रूप में स्तंभ के ऊपरी भाग का पता लगाने गए, जबकि विष्णु जी वराह रूप में निचले भाग का। विष्णु जी हार मान गए। तब अग्नि स्तंभ ने पुरुष रूप लिया और वो भगवान शिव के रूप में प्रकट हुए। शिवजी ने ब्रह्मा जी को असत्य बोलने पर कभी न पूजे जाने का श्राप दे दिया। क्रोधित ब्रह्मा जी ने शिवजी को अपशब्द कहे, जिससे शिवजी ने अपने अंश से विकराल भैरव को उत्पन्न किया। भैरव ने ब्रह्मा जी के पांचवे मुख को काट दिया, जो उनके हाथ से नहीं छूटा। यह ब्रह्महत्या थी, जिससे मुक्ति के लिए भैरव को सृष्टि का विचरण करना पड़ा। अंततः काशी में भैरव के हाथ से ब्रह्मा जी का कपाल छूटा और वे ब्रह्महत्या से मुक्त हो गए। शिवजी ने कहा कि भैरव ने कालचक्र पर विजय प्राप्त की है, इसलिए उनका नाम 'काल भैरव' होगा और वे काशी के कोतवाल रहेंगे, तभी से वो काशी की रक्षा करते हैं। इसी तरह मां काली भी भक्तों को बुरी शक्तियों और नकारात्मकता से बचाती हैं। शास्त्रों के अनुसार, देवताओं ने राक्षस रक्तबीज को हराने के लिए संघर्ष किया, जिसे जमीन पर गिरने वाले रक्त की हर बूंद से प्रजनन करने की शक्ति प्राप्त थी। जैसे-जैसे देवताओं ने उससे युद्ध किया, उसके रक्त से और भी राक्षस पैदा हुए, जिससे वह लगभग अजेय हो गया। रक्तबीज को हराने के लिए, माँ काली प्रकट हुईं और युद्ध के मैदान पर अपनी जीभ फैला दी, जिससे रक्त जमीन पर न गिरे, जिससे राक्षस फिर से पैदा न हो सके। इस तरह, माँ काली ने देवताओं को विनाश से बचाया। ये देवता मिलकर नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करते हैं और छिपी हुई बाधाओं को दूर करते हैं, जिससे भक्तों को संपूर्ण रक्षा मिलती है। इसलिए, कोलकाता के शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में श्री हनुमान, भैरव और महा काली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

पूजा लाभ

puja benefits
नकारात्मकता से पूर्ण सुरक्षा के लिए
माँ काली और भगवान भैरव की एक साथ पूजा करने से एक शक्तिशाली कवच ​​बनता है जो सभी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करता है। माँ काली की प्रचंड ऊर्जा, भगवान भैरव की शक्ति के साथ मिलकर भय को दूर करती है, जो सुरक्षा प्रदान करती है जिससे भक्तों को सभी नकारात्मक प्रभावों से पूर्ण सुरक्षा मिलती है।
puja benefits
शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए
भगवान हनुमान ने भगवान राम को उनके शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सहायता की, भक्तों को चुनौतियों और प्रतिकूलताओं पर विजय पाने के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। संकटमोचन के रूप में जाने जाने वाले हनुमान जी यह सुनिश्चित करते हैं कि न्याय की जीत हो और बाधाएँ दूर हों, विरोध का सामना करने में शक्ति और साहस प्रदान करते हैं।
puja benefits
बाधाओं के निवारण के लिए
माँ काली, भगवान भैरव और भगवान हनुमान का संयुक्त आशीर्वाद सफलता और शांति के मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। यह महायज्ञ उनकी सामूहिक ऊर्जा का आह्वान करता है, अदृश्य बाधाओं को दूर करता है और प्रगति के लिए सुगम मार्ग बनाता है। इन शक्तिशाली देवताओं के आशीर्वाद से भक्तों को जीवन के सभी पहलुओं में नई स्पष्टता, दृढ़ संकल्प और कठिनाइयों से मुक्ति का अनुभव होता है।

पूजा प्रक्रिया

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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर, कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल

शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर, कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल
कालीघाट मंदिर, जो कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है, हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है और अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जो शक्ति, ऊर्जा और विनाश की देवी मानी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां देवी सती का दाहिने पैर की उंगली गिरी थी, जब भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे। इस कारण, यह स्थल अत्यंत पवित्र 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यहां इस मंदिर में देवी काली की प्रचण्ड रूप की प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा में देवी काली भगवान शिव की छाती पर पैर रखे नजर आ रही हैं और उनके गले में नरमुंडों की माला है, उनके हाथ में कुछ कुल्हाड़ी और कुछ नरमुंड हैं, कमर में कुछ नरमुंड भी बंधे हुए हैं। उनकी जीभ बाहर निकली हुई है और जीभ से कुछ रक्त की बूंदे टपक रह हैं। गौरतलब है कि प्रतिमा में मां काली की जीभ स्वर्ण से बनी हुई है।

वर्तमान में मौजूद मंदिर का निर्माण सबॉर्नो रॉय चौधरी परिवार और बाबू कालीप्रसाद दत्तो के संरक्षण में किया गया था, जिसका निर्माण सन् 1798 में शुरू हुआ और 1809 में पूर्ण हुआ। कालीघाट मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत बड़ा है। यह मंदिर कई सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है, जो यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कालीघाट में देवी काली की पूजा से भक्तों को डर, बुराई, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा, यह मंदिर बंगाल के सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है और यहां के धार्मिक त्योहार, विशेषकर दुर्गा पूजा और काली पूजा, बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

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2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में भगवान हनुमान, भगवान भैरव और माँ काली को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में भगवान हनुमान, भगवान भैरव और माँ काली को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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