मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए शुक्ल नवमी ज्योतिर्लिंग विशेष चंद्र ग्रह शांति पूजा: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन
मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए शुक्ल नवमी ज्योतिर्लिंग विशेष चंद्र ग्रह शांति पूजा: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन
मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए शुक्ल नवमी ज्योतिर्लिंग विशेष चंद्र ग्रह शांति पूजा: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन
मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए शुक्ल नवमी ज्योतिर्लिंग विशेष चंद्र ग्रह शांति पूजा: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन
मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए शुक्ल नवमी ज्योतिर्लिंग विशेष चंद्र ग्रह शांति पूजा: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन
मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए शुक्ल नवमी ज्योतिर्लिंग विशेष चंद्र ग्रह शांति पूजा: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन
मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए शुक्ल नवमी ज्योतिर्लिंग विशेष चंद्र ग्रह शांति पूजा: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन
शुक्ल नवमी ज्योतिर्लिंग विशेष

चंद्र ग्रह शांति पूजा: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन

मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
12 सितम्बर, गुरुवार, भाद्रपद शुक्ल नवमी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए शुक्ल नवमी ज्योतिर्लिंग विशेष चंद्र ग्रह शांति पूजा: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन

हिंदू पंचांग को दो भागों में विभाजित किया गया है, जिन्हें पक्ष के रूप में जाना जाता है - शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। जो पंद्रह-पंद्रह दिनों के होते हैं और यह अमावस्या या पूर्णिमा के साथ समाप्त होते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की प्रत्येक तिथि एक विशिष्ट देवता को समर्पित है। शुक्ल पक्ष के दौरान पड़ने वाली नवमी चंद्र देव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्र देव के लिए कोई भी पूजा करने से शुभ परिणाम मिलते हैं। प्रचलित कथाओं के अनुसार, राजा दक्ष की 27 बेटियों का विवाह चंद्र देव, चंद्र से हुआ था। जिसमें से चंद्र देव को अपनी एक पत्नी रोहिणी के प्रति विशेष लगाव था, जिससे उनकी अन्य पत्नियां नाराज हो गई और राजा दक्ष के शिकायत की। दक्ष के समझाने पर भी जब चंद्र देव का व्यवहार नहीं बदला तो राजा दक्ष ने उन्हें 15 दिन में नष्ट हो जाने का श्राप दे दिया, जिसके कारण वह आकार में छोटे और कमजोर होने लगे। स्थिति को समझते हुए नारद मुनी ने चंद्र देव को भगवान शिव की आराधना करने को कहा। चंद्र देव ने अपनी घोर तपस्या से भगवान शिव को जल्दी ही प्रसन्न कर लिया। भगवान शिव ने चंद्र देव को आशीर्वाद दिया की 15 दिन तुम्हारी शक्ति बढ़ेगी और 15 दिन तक तुम्हारी शक्ति घटेगी। इसी कारणवश पूर्णिमा और अमावस्या की परंपरा की शुरुआत हुई।

धार्मिक ग्रंथों में चंद्र देव को मन, मानसिक शांति और स्थिरता का देवता माना गया है। ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक भी माना गया है। चंद्र दोष से मुक्ति के लिए भगवान शिव की पूजा बहुत लाभकारी मानी जाती है। इस दोष निवारण पूजा का महत्व तब और बढ़ जाता है जब इसे किसी ज्योतिर्लिंग पर किया जाता है। इसलिए शुक्ल नवमी के पावन दिन पर मध्य प्रदेश के श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में चंद्र ग्रह शांति: 10,000 चंद्र मूल मंत्र जाप और हवन का आयोजन किया जाएगा। यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा है और इसे स्वयंभू लिंग माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति को सभी पापों और दोषों से मुक्ति मिलती है और मानसिक कल्याण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव और चंद्र देव का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
मानसिक कल्याण का आशीष पाने के लिए
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। यदि कुंडली में चंद्र ग्रह अशांत हो, तो व्यक्ति बिना किसी स्पष्ट कारण के ही दुखी रहता है। मान्यता है कि श्रावण शुक्ल नवमी पर ज्योतिर्लिंग में चंद्र ग्रह शांति पूजा करने से मानसिक कल्याण का आशीष प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही, यह भक्तों को तर्कसंगत निर्णय लेने और जीवन के विभिन्न पहलुओं में स्पष्ट रूप से सोचने की क्षमता को बढ़ाता है।
puja benefits
चंद्रमा के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव की कृपा से चंद्रमा को अपने सभी कष्टों से मुक्ति मिली तभी से कुंडली में चंद्रमा के अशुभ प्रभावों से सुरक्षा के लिए शिव जी की पूजा की जाती है। वहीं ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, जिन जातकों के लिए चंद्रमा अशुभ हों वो दूसरों पर विश्वास नहीं कर सकते हैं और छोटी-छोटी बातों पर चिंतित व चिड़चिड़े हो जाते हैं। इसलिए मान्यता है कि शुक्ल नवमी पर ज्योतिर्लिंग में चंद्रमा की पूजा करने से जातक में सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
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सकारात्मक एवं अच्छी आदतों को विकसित करने के लिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो तो इसके कारण व्यक्ति का स्वभाव नकारात्मक होने लगता है और बुरी आदतों मे पड़ जाता है। ऐसे में शुक्ल नवमी पर ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव के सामने चंद्र ग्रह शांति पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है। इससे सकारात्मक एवं अच्छी आदतों को विकसित करने का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
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आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान शिव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान शिव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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