साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
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साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ विशेष

दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ

साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, वीरभूम, पश्चिम बंगाल
pooja date
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं
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आपके पूरे पूजा की वीडियो रिकॉर्डिंग 2 दिनों में शेयर की जाएगी
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पूरे विधि द्वारा पूजा होगी
मंदिर के सर्वश्रेष्ठ पंडितजी आपकी पूजा करेंगे
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विशेष मंत्र द्वारा कृपा मिलेगी
भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्र शेयर किया जाएगा
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तीर्थ प्रसाद घर भेजा जाएगा
पूजा के बाद तीर्थ प्रसाद को आपके घर पर पहुँचाया जाएगा

साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ

सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व मां दुर्गा के नौ रूपो को समर्पित है। धार्मिक दृष्टिकोण से, नवरात्रि का नवां दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इसे नवरात्री महानवमी भी कहते हैं। नवरात्रि पर देवी दुर्गा के अलावा, दस महाविद्या की पूजा करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, दस महाविद्याएँ भी देवी दुर्गा के ही रूप हैं और इन्हें सभी सिद्धियों की दाता माना जाता है। दस महाविद्याओं में मां काली प्रथम महाविद्या है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, माँ काली के विभिन्न सौम्य और उग्र रूपों की पूजा दस महाविद्याओं के रूप में की जाती है। मां काली भगवान शिव के महाकाल रूप की शक्ति का प्रतीक हैं। ब्रह्मनील तंत्र में मां काली के दो रूपों का वर्णन किया गया है: प्रथम रूप रक्त-लाल काली है, जिसे 'सुंदरी' कहते हैं, द्वितीय रूप काली है जो काजल की तरह कृष्ण रंग की हैं, जिन्हें 'दक्षिणा' भी कहा जाता है। माना जाता है कि मां काली की पूजा नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है और आत्मविश्वास बढ़ाती है।

मां काली की पूजा विभिन्न अनुष्ठानों के माध्यम से की जाती है, जिनमें दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन और काली कवच पाठ शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा को करना अत्यधिक लाभकारी होता है। यह एक पवित्र अग्नि अनुष्ठान और मां काली को समर्पित मंत्रों का पाठ है, जिसे मां काली की कृपा पाने और बाधाओं से सुरक्षा के लिए किया जाता है। माना जाता है कि इस पूजा को महानवमी के दिन पूरी भक्ति के साथ करने से साहस और बाधाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि यह पूजा किसी शक्तिपीठ में की जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रह्मांड के निर्माण से पहले, माँ काली अंधकार के रूप में मौजूद थीं। सृष्टि की शुरुआत करने के लिए, उन्होंने प्रकृति के निर्माण की शुरुआत करते हुए, उज्ज्वल माँ तारा के रूप में प्रकट हुईं। इसी कारण से पश्चिम बंगाल के शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर में मां महाकाली की पूजा का विशेष महत्व है। यह शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है और ऐसा माना जाता है कि यहां सती की तीसरी आंख गिरी थी। इसलिए नवरात्रि महानवमी के शुभ अवसर पर शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और मां काली द्वारा साहस प्राप्ति और बाधाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

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साहस प्राप्ति के लिए
मां महाकाली को भय पर विजय पाने वाली देवी के रूप में भी पूजा जाता है, उनका उग्र रूप निडरता और साहस का प्रतीक है, जो भक्तों को डर का सामना करने और उस पर काबू पाने में मदद करता है। मान्यता है कि नवरात्रि महानवमी शक्तिपीठ तारापीठ मंदिर में दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ करने से भक्तों को मां महाकाली द्वारा बिना डरे जीवन की चुनौतियों का सामना करने का साहस और शक्ति का आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
बाधाओं से सुरक्षा के लिए
मान्यता है कि नवरात्रि महानवमी पर मां महाकाली के इस हवन को करने से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे करियर, आर्थिक एवं स्वास्थ्य से जुड़ी कई अनचाही बाधाओं एवं चुनौतियों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि इस पूजा का प्रभाव अत्यंत लाभकारी होता और मां काली की कृपा से भक्तों को सफलता और समृद्धि का आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं एवं बुरी शक्तियों का विनाश
मां काली सभी बुरी एवं नकारात्मक शक्तियों के विनाश करने वाली और अपने भक्तों को सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी है। मान्यता है कि नवरात्रि महानवमी पर तारापीठ में देवी काली की इस विशेष पूजा से भक्तों को नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीष प्राप्त होता है। यह विशेष पूजा, महाकाली की परिवर्तनकारी ऊर्जा का आह्वान करती है और आपके जीवन से नकारात्मकता को दूर करती है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, वीरभूम, पश्चिम बंगाल

शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, वीरभूम, पश्चिम बंगाल
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां तारा की उत्पत्ति उस समय हुई थी जब समुद्र मंथन के समय विष निकला था, उस दौरान भगवान शिव ने यह विष ग्रहण कर लिया था, जिसके कारण शिवजी के शरीर में अत्याधिक जलन और पीड़ा होने लगी थी। भगवान शिव को पीड़ा से मुक्त करने के लिए मां काली ने दूसरा स्वरूप धारण किया और शिव जी को स्तनपान कराया, जिसके बाद उनके शरीर की जलन शांत हुई थी। इसलिए कहते हैं कि तारा देवी मां काली का ही दूसरा स्वरूप है।

पुराणों के अनुसार पश्चिम बंगाल में स्थित श्री तारापीठ मंदिर तंत्र साधना का जागृत स्थल माना जाता है। 10 महाविद्या में दूसरा स्थान रखने वाली मां तारा यहां अपने सौम्य रूप में विराजित हैं। मान्यता है कि सुदर्शन चक्र से भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर के टुकड़े किए थें। उस दौरान माता सती के अंगों में से आंख की पुतली यहां गिरी थी। बांग्ला में आंख की पुतली को तारा कहते हैं और इसलिए इस जगह का नाम तारापीठ पड़ा। यहां पूजा करने से भक्तों के जीवन से सभी तरह की आपदाएं दूर हो जाती हैं।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

श्री मंदिर पर पूजाएं इतनी वास्तविक क्यों लगती हैं?

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
Mithilesh Pandey wife nirmala pandey son nirmit pandey bhai Tara dutt Pandey wife Indra pandey son vaibhav

Mithilesh Pandey wife nirmala pandey son nirmit pandey bhai Tara dutt Pandey wife Indra pandey son vaibhav

09 December, 2024

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Bahut badiya is app ke madhyam se mai har hafte ke Puja ka aayojan kar leta hu .jisse mere saare nakaratmak gayab ho jaati hai ,


Bhupendra Jethabhai Hadiya

Bhupendra Jethabhai Hadiya

09 December, 2024

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Best puja by panditji 🙏🙏🙏


ashvini Rajendra Kamble

ashvini Rajendra Kamble

09 December, 2024

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आप के इस मध्यम से हमारा ये पूजा यज्ञ हुआ है इसके लिए आप का अनेको धन्यवाद आप नहीं जानते ये पूजा कारवानी मेरे लिए बहुत ज़रूरी थी मेरी आस्था माँ बगलामुखी माता पे बहुत है

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
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शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
4 May 2023

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

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