सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी 21 कन्या महानुष्ठान षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी 21 कन्या महानुष्ठान षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी 21 कन्या महानुष्ठान षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी 21 कन्या महानुष्ठान षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी 21 कन्या महानुष्ठान षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी 21 कन्या महानुष्ठान षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी 21 कन्या महानुष्ठान षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन
नवरात्रि महानवमी 21 कन्या महानुष्ठान

षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन

सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए नवरात्रि महानवमी 21 कन्या महानुष्ठान षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन

सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। धार्मिक दृष्टिकोण से नवरात्रि का नौवें दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे महानवमी भी कहा जाता है। महानवमी पर देवी लक्ष्मी की उपासना को शुभ और फलदायी माना जाता है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के दिव्य अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें से एक है षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन। इस अनुष्ठान में माँ लक्ष्मी के 16 रूपों की पूजा की जाती है। 'षोडश' का संस्कृत में अर्थ है 16, और इस विशेष पूजा के द्वारा 16 शक्तिशाली देवी-रूपों से 16 प्रकार के आशीर्वाद प्राप्त किए जा सकते हैं। इन 16 देवियों के साथ भगवान गणेश, भगवान कुबेर, माँ वाराही, माँ दुर्गा और माँ श्यामला देवी की भी त्रिकोणीय रूप में पूजा होती है। इस तरह, कुल 21 देवताओं की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस पूजा के माध्यम से 21 देवी-देवताओं का दिव्य आशीष प्राप्त होता है।

इसके अतिरिक्त, कन्या पूजन नवरात्रि के दौरान किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें छोटी बालिकाओं की पूजा की जाती है, जो माँ दुर्गा के अवतारों का प्रतीक होती हैं। परंपरा के अनुसार, माँ दुर्गा ने कालासुर राक्षस का वध करने के लिए एक छोटी कन्या का रूप धारण किया था, जो उनकी सृजनात्मक शक्ति का प्रतीक है। कन्या पूजन, जिसे कंजक पूजन भी कहा जाता है, आमतौर पर नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन किया जाता है। इस पूजा में 21 कन्याएं दीप जलाकर 21 देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। इस वर्ष महा नवमी शुक्रवार के दिन पड़ रही है, जिससे इस पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। मान्यता है कि महानवमी और शुक्रवार पर षोडश कन्या पूजन करने से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस पूजा के साथ चंडी हवन करने से यह पूजा कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है। कहा जाता है कि चंडी हवन करने से सभी नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए, नवरात्रि महानवमी पर तिरुनेलवेली के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
माँ लक्ष्मी अपनी असीम करुणा के लिए जानी जाती हैं। कहा जाता है कि जो भक्त सच्ची भक्ति से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, मां लक्ष्मी उन्हें अपना दिव्य आशीर्वाद प्रदान करती है। माना जाता है कि नवरात्रि महानवमी पर षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन करने से सभी मनोकामनाओं की पूरी होती है, चाहे फिर वो मनोकामनाएँ भौतिक हो या भावनात्मक हो। अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए और मां लक्ष्मी का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए तिरुनेलवेली के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में होने वाली इस पूजा में भाग लें।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए
मान्यता है कि नवरात्रि महानवमी पर चंडी हवन करने से शक्तिशाली सुरक्षा मिलती है। यह हवन एक दिव्य कवच के रूप में कार्य करता है, जो आपके परिवार और घर को विपत्तियों और दुर्भाग्य से बचाता है। इस पवित्र अनुष्ठान में माँ दुर्गा की उग्र ऊर्जा का आह्वान किया जाता है, जिससे नकारात्मक प्रभावों का अंत होता है। नवरात्रि महानवमी के दिन चंडी हवन करने से एक सुरक्षात्मक घेरा बनता है, जिससे शांति, सद्भाव और सुरक्षा प्राप्त होती है।
puja benefits
जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
शास्त्रों के अनुसार, माँ लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। इसी कारण, यह माना जाता है कि नवरात्रि महा नवमी के दिन षोडश लक्ष्मी कन्या पूजन और चंडी हवन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, जिससे भक्त अपने जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक सुखों का आनंद प्राप्त करता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु

एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली, तमिलनाडु
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में स्थित एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर एक पूजनीय तीर्थस्थल है, जिसका आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। 120 साल पहले प्रतिष्ठित ऋषि मायांडी सिद्धर द्वारा स्थापित यह मंदिर चिरस्थायी परंपरा और भक्ति का प्रमाण है। ऋषि मायांडी सिद्धर ने भगवान राम के गहन ध्यान और दर्शन के बाद इस मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर से जुडी कई चमत्कारिक कथाओं के बारे में सुनने को मिलता है, जिनमें भगवान पेरुमल की मुख्य मूर्ति भी शामिल है, जिसे मूर्तिकला का कोई औपचारिक ज्ञान न रखने वाले एक साधारण व्यक्ति ने गढ़ा था। मंदिर में कई पवित्र मूर्तियाँ हैं, जिनमें शुद्ध स्पष्ट क्वार्ट्ज से बना उल्लेखनीय स्फटिक लिंगम भी शामिल है।

शास्त्रों के अनुसार, स्फटिक लिंगम की पूजा करने से भक्तों में आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और शक्ति आती है, साथ ही चिंताएँ और नकारात्मक प्रभाव से भी राहत मिलता है। यह स्फटिक लिंगम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऋषिकेश के बाद भारत में सबसे बड़े स्फटिक लिंगम में से एक है। भक्तगण एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव और भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहाँ पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में उन्हें सभी प्रयासों में सफलता मिलती है।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

श्री मंदिर पर पूजाएं इतनी वास्तविक क्यों लगती हैं?

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
Mithilesh Pandey wife nirmala pandey son nirmit pandey bhai Tara dutt Pandey wife Indra pandey son vaibhav

Mithilesh Pandey wife nirmala pandey son nirmit pandey bhai Tara dutt Pandey wife Indra pandey son vaibhav

09 December, 2024

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Bahut badiya is app ke madhyam se mai har hafte ke Puja ka aayojan kar leta hu .jisse mere saare nakaratmak gayab ho jaati hai ,


Bhupendra Jethabhai Hadiya

Bhupendra Jethabhai Hadiya

09 December, 2024

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Best puja by panditji 🙏🙏🙏


ashvini Rajendra Kamble

ashvini Rajendra Kamble

09 December, 2024

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आप के इस मध्यम से हमारा ये पूजा यज्ञ हुआ है इसके लिए आप का अनेको धन्यवाद आप नहीं जानते ये पूजा कारवानी मेरे लिए बहुत ज़रूरी थी मेरी आस्था माँ बगलामुखी माता पे बहुत है

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
7 May 2023
शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
4 May 2023

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

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