सनातन धर्म में दिवाली पर्व बड़े ही उल्लास और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ इसी दिन 14 वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे। भगवान श्री राम के आने की खुशी में प्रजा ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। इसी प्रथा के चलते दिवाली पर संपूर्ण भारतवाशी दीप जलाते हैं। यह दिन केवल भगवान श्री राम से ही नहीं बल्कि धन की देवी मां लक्ष्मी से भी जुड़ा है। पौराणिक कथानुसार, समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी का जन्म दिवाली के समय पर ही हुआ था। यही कारण है कि इस दिन भक्त मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान करते हैं। मान्यता है कि दिवाली पर जो भी भक्त देवी लक्ष्मी की श्रद्धापूर्वक आराधना करता है, मां लक्ष्मी उनके उन्हें धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। मान्यता है कि दिवाली के दिन महालक्ष्मी मंत्र का जाप करने से भक्तों को अपार धन की प्राप्ति होती है और साथ ही साथ उन्हें देवी लक्ष्मी द्वारा सभी प्रकार की आर्थिक बाधाओं से सुरक्षा मिलती है।
वहीं देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से एक है वैभव लक्ष्मी। लक्ष्मी जी के इस स्वरूप को वैभव देने वाला माना गया है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी के इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करने से दरिद्रता से राहत मिलती है और घर में वैभव का आगमन होता है। ऐसे में दिवाली पर 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा एवं धन समृद्धि हवन करना लाभकारी हो सकता है। धन समृद्धि हवन एक वैदिन अग्नि अनुष्ठान है, जिसमें धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अग्नि में आहुतियां दी जाती है। माना जाता है कि यह हवन करने से जीवन में प्रचुर धन और आंनद का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यताओं के अनुसार, यदि यह अनुष्ठान किसी शक्तिपीठ में किया जाए तो इससे कई गुना अधिक फल की प्राप्ति हो सकती है। इसलिए दिवाली के शुभ अवसर पर शक्तिपीठ मां महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा और धन समृद्धि हवन का आयोजन किया जा रहा है। यह मंदिर पवित्र 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में केवल भक्त ही नहीं बल्कि सूर्य देव भी साल में तीन बार माँ महालक्ष्मी को प्रणाम करने आते है। मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। ऐसे में आप भी श्री मंदिर के माध्यम से 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा और धन समृद्धि हवन में भाग लें और मां लक्ष्मी से जीवन में धन-संपदा और आनंद की प्रचुरता का आशीष प्राप्त करें।