सनातन धर्म में रमा एकादशी का विशेष महत्व है। हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी मनाई जाती है। इसे रंभा एकादशी या हरिहर एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। रमा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। माना जाता है कि इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों और दोषों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। रमा एकादशी पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा भी शुभ मानी जाती है क्योंकि भगवान विष्णु पितरों के देवता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जिन लोगों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाता, उनकी शांति के लिए नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा का विधान बताया गया है, और इस अनुष्ठान को रमा एकादशी पर करने से इसका लाभ कई गुना बढ़ सकता है। कहा जाता है कि जब तक पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती तब तक उनके वंशजो को पितृदोष का सामना करना पड़ता है। पितृदोष के कारण जीवन में आर्थिक हानि, गृह क्लेश आदि जैसी कई तरह की समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, नारायण बलि पूजा पितृदोष निवारण के लिए की जाती है और नागबलि पूजा का मुख्य उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना है। मान्यता है कि यह दोनों पूजाएं एक साथ करने से ही सफल होती है।
गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु आगे यह भी बताते हैं कि इस विशेष पूजा को गंगा जैसी पवित्र नदियों के तट पर अनुभवी पंडितों द्वारा किया जाना चाहिए। हरिद्वार में गंगा घाट पितृ कर्मकांड के लिए पूजनीय स्थल हैं। मान्यता है कि यहां नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा करने से दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है। इसलिए रमा एकादशी के शुभ दिन पर हरिद्वार के गंगा घाट में नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में भाग लें और भगवान विष्णु द्वारा दिवंगत आत्माओं की शांति का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, इस पूजा के साथ गंगा आरती और दीप दान करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस पूजा के साथ मोक्षदायिनी मां गंगा की आरती करने से यह पूजा अत्यधिक फलदायी हो सकती है। वहीं पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दीप दान का भी विशेष महत्व है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए गंगा आरती और दीप दान का चुनाव करके अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।