आदर्श जीवनसाथी और रिश्ते में आनंद पाने के लिए प्रदोष शक्तिपीठ विशेष शिव-गौरी पूजन, चंडी पाठ और हवन
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प्रदोष शक्तिपीठ विशेष

शिव-गौरी पूजन, चंडी पाठ और हवन

आदर्श जीवनसाथी और रिश्ते में आनंद पाने के लिए
temple venue
शक्तिपीठ मां मंगलागौरी मंदिर , गया, बिहार
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं
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पूरे विधि द्वारा पूजा होगी
मंदिर के सर्वश्रेष्ठ पंडितजी आपकी पूजा करेंगे
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विशेष मंत्र द्वारा कृपा मिलेगी
भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्र शेयर किया जाएगा
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तीर्थ प्रसाद घर भेजा जाएगा
पूजा के बाद तीर्थ प्रसाद को आपके घर पर पहुँचाया जाएगा

आदर्श जीवनसाथी और रिश्ते में आनंद पाने के लिए प्रदोष शक्तिपीठ विशेष शिव-गौरी पूजन, चंडी पाठ और हवन

हिंदु धर्म में प्रदोष तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष तिथि कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा का विधान है। कहते हैं शिव और शक्ति एक दूसरे के बिना अधूरे हैं इसलिए देवी पार्वती को पूर्ण रूप से प्रसन्न करने और उनसे मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की भी स्तुति की जाती है। इसलिए इस शुभ दिन पर शिव-गौरी पूजन के साथ अगर चंडी पाठ भी किया जाए तो यह अत्यंत प्रभावशाली होता है। चंडी पाठ को दुर्गा सप्तशती या दुर्गा पाठ भी कहा जाता है। ये शक्ति की देवी माता दुर्गा के राक्षस महिषासुर पर विजय की कहानी की व्याख्या करता है। मां मंगला गौरी माता पार्वती का ही एक रूप हैं। इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की। सालों तक, उन्होंने अन्न-जल त्याग दिया और तप की तीव्रता के कारण उनका शरीर काला पड़ने लगा। तभी भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और उनके समक्ष प्रकट हुए, उन्होंने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का निर्णय लिया। हालांकि, तपस्या के कारण काले पड़ चुके पार्वती के शरीर को देख भगवान शिव ने पवित्र गंगा के जल से माता पार्वती को नहलाया, जिससे उनकी त्वचा काली से चमकदार गौर वर्ण की हो गई। इसी रूप में, देवी पार्वती ‘महागौरी’ के नाम से प्रसिद्ध हुईं।

आदिशक्ति माता पार्वती के मंगल रूप होने के कारण इन्हें कई जगहों पर मां मंगला गौरी के नाम से भी जाना जाता हैं। मान्यता है कि यह पवित्र अनुष्ठान अगर शक्तिपीठ में की जाए तो अत्यंत प्रभावशाली होगी। मंगला गौरी का मंदिर गया के भष्मकूट पर्वत पर स्थित हैं जो कि 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां श्रद्धालु पूजा कर अपनी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं। पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि यहां देवी सती का वक्ष स्थल गिरा था, जिससे यह अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन शक्तिपीठ बन गया। मान्यता है कि इस मंदिर में माता की अराधना करने से वैवाहिक सुख, आदर्श जीवनसाथी की प्राप्ति, व्यापार, धन धान्य में समृद्धि प्राप्त होती है। जो भी भक्त सच्चे मन से देवी की पूजा करते हैं, वो उसके सभी कष्ट हर लेती हैं। इसलिए इस प्रदोष तिथि के शुभ अवसर पर गया में स्थित शक्तिपीठ मंगलागौरी मंदिर में शिव-गौरी पूजन, चंडी पाठ और हवन का आयोजन किया जा रहा है, श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव एवं देवी मां से आदर्श जीवनसाथी की प्राप्ति के साथ सुखी वैवाहिक जीवन का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
आर्दश जीवनसाथी के लिए
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को अपने जीवनसाथी के रूप में पाया था। माना जाता है कि मां महागौरी कुंवारी कन्याओं से शीघ्र प्रसन्न होकर, उन्हें मनचाहा जीवन साथी एवं योग्य पति का वरदान देती हैं। मां पार्वती भगवान शिव की शक्ति है और सदैव उनके साथ रहती हैं। ऐसे में कहा जाता है कि अविवाहित भक्त प्रदोष तिथि पर शिव-गौरी पूजन, चंडी पाठ के साथ हवन की पूजा कर इनसे आदर्श जीवनसाथी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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रिश्तों में आनंद प्राप्त के लिए
कहते हैं कि शिव गौरी पूजन से रिश्तों में आनंद के साथ सौभाग्यवती का आशीष मिलता है। माना जाता है कि मां महागौरी की उपसना से देवी अविवाहितों लोगों के विवाह में आने वाली सभी बाधाओं का नाश करती हैं। मान्यता है कि जो भक्त शिव-गौरी पूजन के साथ चंडी पाठ और हवन भक्ति भाव से करते हैं, उनके सुहाग की रक्षा मां स्वयं करती हैं और उनके रिश्तों में आनंद का आशीष भी देती हैं।
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नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति
शिव-गौरी पूजन के साथ चंडी पाठ और हवन भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से रक्षा प्रदान करता हैं। शिव गौरी का आवाह्रन करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है। मान्यता है कि प्रदोष तिथि के शुभ अवसर पर मां महागौरी की पूजा से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती है। इससे व्यक्ति के काम सफलता पूर्वक पूर्ण होते हैं। वहीं शिव गौरी की अराधना करने से वो प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा चयन करें

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गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो एवं प्रसाद

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

शक्तिपीठ मां मंगलागौरी मंदिर , गया, बिहार

शक्तिपीठ मां मंगलागौरी मंदिर , गया, बिहार
बिहार के गया जिले में स्थित मां मंगलागौरी का मंदिर है, जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि मां मंगलागौरी सबकी मनोकामना पूरी करती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जब अपनी पत्‍नी सती के जले हुए शरीर को लेकर आकाश में व्‍याकुल होकर घूम रहे थे तो माता सती के शरीर के 51 टुकड़े देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में गिरे थे। इन स्‍थानों को शक्तिपीठों के रूप में जाना जाता है। इन्‍हीं में से एक है गया का मंगलागौरी मंदिर। यहां देवी सती का वक्ष यानि (स्‍तन) गया के भस्‍मकूट पर्वत पर गिरा और वो दो पत्‍थर बन गए, जहां मां मंगलागौरी निवास करती हैं। मान्‍यता है कि यहां आकर जो मनुष्‍य इन शिलाओं को स्‍पर्श करता है वो अमरत्‍व को प्राप्‍त करता है।

माना जाता है कि इस मंदिर में आकर जो भी भक्‍त सच्‍चे मन से मां की पूजा अर्चना करते हैं, मां उसकी झोली खुशियों से भर देती हैं। इस मंदिर का उल्‍लेख, पद्म पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण और अन्‍य हिंदू ग्रंथों में भी मिलता है। तांत्रिक कार्यों की सिद्धि के लिए भी इस मंदिर को प्रमुखता दी जाती है। कहते हैं इस मंदिर में मां शक्ति का वास है। इस शक्तिपीठ की एक और विशेषता यह है कि मनुष्‍य अपने जीवन काल में ही अपना श्राद्ध कर्म यहां आकर कर सकते हैं।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
तीश मोड़

तीश मोड़

17 February, 2025

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बहुत ही अतुलनीय कार्य है आपका भगवन आपको ऐसे ही कार्य करने की ताक़त दे


Ramesh Tripathi

Ramesh Tripathi

17 February, 2025

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Hame vishwas hai ki Puja poorn vishwas aur aastha se hui hogi avm hame Prabhu ka Aasirwad prapt hoga apne pariwar ke liye.Jai Bholenath sahai rehna Hamesha.🙏🏽🕉️🌼


S JAREENA BEGUM

S JAREENA BEGUM

16 February, 2025

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Namaste guruji ap ku bhuth,bahut, dhanyawad guruji,, ap ki sevaiya acche hai Ghar bhite Puja karwana, bhuth bhuth accha hai ,,meri mano kamna Puri hone baad mai mai ap se spark karungi

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
7 May 2023
शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
4 May 2023

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

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श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

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