मानसिक स्थिरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए राहु का नक्षत्र विशेष 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन
मानसिक स्थिरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए राहु का नक्षत्र विशेष 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन
मानसिक स्थिरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए राहु का नक्षत्र विशेष 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन
मानसिक स्थिरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए राहु का नक्षत्र विशेष 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन
मानसिक स्थिरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए राहु का नक्षत्र विशेष 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन
मानसिक स्थिरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए राहु का नक्षत्र विशेष 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन
मानसिक स्थिरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए राहु का नक्षत्र विशेष 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन
राहु का नक्षत्र विशेष

18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन

मानसिक स्थिरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
राहु पैठाणी मंदिर, पौड़ी, उत्तराखंड
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

मानसिक स्थिरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए राहु का नक्षत्र विशेष 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन

ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का काफी महत्व होता है, क्योंकि इन्हीं ग्रहों के कारण व्यक्ति के जीवन में खुशियां और परेशानियां आती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो, सभी ग्रहों में राहु को सबसे खतरनाक ग्रह माना जाता है, क्योंकि यह जीवन में बहुत सारी परेशानियां लेकर आता है। जिसभी कुंडली में राहु युति करता है, उस कुंडली में राहु अशुभ प्रभाव प्रदान करता है। इसी के साथ उस जातक को कई सारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। राहु के नकारात्मक प्रभावों से व्यक्ति के जीवन में मानसिक अस्थिरता, भय एवं चिंता जैसी कई तरह की समस्याओं का सिलसिला लगा रहता है। यदि किसी जातक पर राहु की बुरी दृष्टि पड़ जाए तो वह व्यक्ति दिन पर दिन शारीरिक रूप से कमजोर होने लगता है और बुरी आदतों में फंस जाता है। राहु के प्रकोप से पीड़ित व्यक्ति आत्मविश्वासी और कलंक का भी भागी हो सकता है। इसके अलावा कहा जाता है कि कुंडली में मौजूद राहु दोष जीवन में कई अशुभ घटनाओं का कारण भी बन सकता है। वैसे तो राहु जातक के जीवन में बुरे परिणाम देने के लिए विख्यात है। इसके बावजूद राहु की अपनी विशेषता है।

यदि किसी जातक के जीवन में यह शुभ स्थान पर हो, तो उसे जीवन में सफलता, लग्जरी और कई अन्य सुखद परिणाम मिल सकते हैं। ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह कहा गया है, जिसका अर्थ है कि अन्य ग्रहों की तरह इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं है। इस रूप में होने के बावजूद इसके दुष्प्रभाव सबसे भयावह हैं। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिसमें राहु मूल मंत्र जाप भी है। यह भी कहा गया है कि राहु के अशुभत्व से मुक्ति के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि राहु भगवान शिव के भक्त हैं। इसके अलावा राहु द्वारा शासित नक्षत्र में अगर राहु की पूजा की जाती है तो इसके नकारात्मक प्रभाव में कमी आ सकती है। कुंडली में राहु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए राहु मंत्र का जाप प्रभावशाली माना जाता है। इसलिए राहु द्वारा शासित शतभिषा नक्षत्र में 18,000 राहु मूल मंत्र जाप के साथ दशांश हवन का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय परम्पराओ में हवन का बहुत महत्व बताया गया है। दशांश हवन प्रत्येक मंत्रो को सिद्ध करने के बाद किया जाता है। दशांश हवन का अर्थ होता है कि जितना जप किया है उसका दस प्रतिशत हवन कर देना। इसलिए राहु द्वारा शासित शतभिषा नक्षत्र में हरिद्वार के श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में होने वाले इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और भगवान शिव से राहु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

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मानसिक स्थिरता के आशीष के लिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी जातक के कुंडली में राहु की दशा चल रही हो तो उसके सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभाव‍ित होती है। कोई भी फैसला लेने में उसे दुव‍िधा होने लगती है, व्यक्ति गलतफहमी या आपसी तालमेल जैसी समस्या से जूझता है। इसलिए भगवान शिव के इस मंदिर में शतभिषा नक्षत्र के दौरान 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन करने से इन प्रभावों को दूर किया जा सकता है और मानसिक स्थिरता का आशीष प्राप्त किया जा सकता है।
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नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
ज्योतिषियों की मानें तो राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति के आस-पास नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। जिससे व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचारों की बढोत्तरी होने लगती है और किसी भी काम में सफलता नहीं मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में राहु के अशुभ प्रभावों से राहत के लिए 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन को लाभकारी माना गया है। इसलिए शतभिषा नक्षत्र पर यह पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीष प्राप्त किया जा सकता है।
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आर्थिक संघर्ष से राहत के लिए
राहु की महादशा लंबे समय तक रहती है, इससे जीवन में कई मुश्किलें आती हैं। नौकरी या कारोबार में व्यक्ति को बहुत घाटा उठाना पड़ता है, जिसके कारण जातक को आर्थिक संघर्ष का सामना करना पड़ता है। मान्यता है कि राहु के हानिकारक प्रभाव को शांत करने के लिए 18,000 राहु मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन करना लाभकारी हो सकता है। वहीं शतभिषा नक्षत्र के दौरान यह पूजा करना अत्यंत फलदायी हो सकता है।

पूजा प्रक्रिया

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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

राहु पैठाणी मंदिर, पौड़ी, उत्तराखंड

राहु पैठाणी मंदिर, पौड़ी, उत्तराखंड
उत्तराखंड में स्थित इस राहु मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ राहु की भी पूजा की जाती है। यह देश के उन मंदिरों में से है, जहां राहु की पूजा भगवान श‍िव के साथ होती है। माना जाता है कि राहु और केतु स्वरभानु नामक असुर के शरीर के भाग हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब स्वरभानु ने देवताओं की पंगत में बैठकर छल से अमृत पी लिया तभी भगवान विष्णु को उसके छल का पता चल गया और उन्होनें अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था, जिससे कि वह अमर न हो जाए, लेक‍िन अमृत चखने के कारण स्वरभानु तो अमर हो गया था। स्वरभानु का न‍ि‍चला ह‍िस्‍सा केतु बना तो धड़ से ऊपर स‍िर वाला भाग राहु कहलाया। यही स‍िर वाला हिस्सा सुदर्शन से कटने के बाद पौड़ी में स्‍थ‍ित इसी स्थान पर गिरा जो राहु मंदि‍र के नाम से जाना गया।

मान्यता है कि राहु के कारण उत्पन्न होने वाले विभिन्न दोषों को दूर करने के लिए लोग राहु के मंदिर में जाते हैं। वहीं यहां विशेष रूप से कालसर्प दोष, राहु-केतु दोष, और राहु महादशा से राहत पाने के लिए पूजा-अर्चना की जाती है। कई जगहों पर वर्णित है कि इस मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य जी ने करवाया था। लेकिन इस मंदिर को लेकर एक और कथा है जिसमें बताया गया है कि इसका निर्माण पांडवों ने उस समय करवाया जब वो स्वर्गारोहिणी यात्रा पर थे, तब राहु दोष से बचने के लिए पांडवों ने इसी मंदिर में भगवान शिव और राहु की पूजा की थी।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

श्री मंदिर पर पूजाएं इतनी वास्तविक क्यों लगती हैं?

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
Mithilesh Pandey wife nirmala pandey son nirmit pandey bhai Tara dutt Pandey wife Indra pandey son vaibhav

Mithilesh Pandey wife nirmala pandey son nirmit pandey bhai Tara dutt Pandey wife Indra pandey son vaibhav

09 December, 2024

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Bahut badiya is app ke madhyam se mai har hafte ke Puja ka aayojan kar leta hu .jisse mere saare nakaratmak gayab ho jaati hai ,


Bhupendra Jethabhai Hadiya

Bhupendra Jethabhai Hadiya

09 December, 2024

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Best puja by panditji 🙏🙏🙏


ashvini Rajendra Kamble

ashvini Rajendra Kamble

09 December, 2024

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आप के इस मध्यम से हमारा ये पूजा यज्ञ हुआ है इसके लिए आप का अनेको धन्यवाद आप नहीं जानते ये पूजा कारवानी मेरे लिए बहुत ज़रूरी थी मेरी आस्था माँ बगलामुखी माता पे बहुत है

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

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