सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए गंगोत्री धाम विशेष शिव गंगा अभिषेक पूजा एवं गंगा लहरी पाठ
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गंगोत्री धाम विशेष

शिव गंगा अभिषेक पूजा एवं गंगा लहरी पाठ

सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
temple venue
गंगा घाट, गंगोत्री धाम
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं
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सम्पूर्ण पूजा की वीडियो देखें
आपके पूरे पूजा की वीडियो रिकॉर्डिंग 2 दिनों में शेयर की जाएगी
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पूरे विधि द्वारा पूजा होगी
मंदिर के सर्वश्रेष्ठ पंडितजी आपकी पूजा करेंगे
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विशेष मंत्र द्वारा कृपा मिलेगी
भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्र शेयर किया जाएगा
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तीर्थ प्रसाद घर भेजा जाएगा
पूजा के बाद तीर्थ प्रसाद को आपके घर पर पहुँचाया जाएगा

सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए गंगोत्री धाम विशेष शिव गंगा अभिषेक पूजा एवं गंगा लहरी पाठ

शास्त्रों की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था इसलिए इसे गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, उत्तराखंड के चार धाम में मौजूद गंगोत्री धाम है, जहां देवी गंगा का अवतरण हुआ था। इस क्षेत्र में भगवान श्री रामचन्द्र के पूर्वज रघुकुल के चक्रवर्ती राजा भगीरथ ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तप किया था, जिनकी तपस्या से शिवजी प्रसन्न होकर यहां प्रकट हुए एवं उन्होंने मां गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर उनका वेग शांत किया था। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर देवी गंगा को प्रसन्न करने के लिए गंगोत्री धाम में गंगा की पूजा अत्यंत फलदायी सिद्ध होती है। इस दिन मां गंगा की अराधना कर भक्त अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।

वैसे तो गंगा जी की अराधना विभिन्न तरीके से की जाती है लेकिन गंगा लहरी पाठ, मां गंगा का श्रेष्ठतम काव्य ग्रंथ है। इसीलिए गंगोत्री में हर दिन सांध्यकालीन आरती के बाद गंगा लहरी का पाठ होता है। इस ग्रंथ में मां गंगा की महिमा और विविध गुणों का वर्णन किया गया है। पंडित जगन्नाथ मिश्र द्वारा संस्कृत में रचित गंगा लहरी में 52 श्लोक हैं। वहीं शिव गंगा अभिषेक को लेकर पौराणिक मान्यता है कि गंगाजल से शिव जलाभिषेक करने से कई गुना अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। गंगा दशहरा के पावन पर्व पर श्री मंदिर द्वारा पहली बार शिव गंगा अभिषेक पूजा एवं गंगा लहरी पाठ का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भाग लेकर आप देवी गंगा के आशीष से अपनी सारी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं।

पूजा लाभ

puja benefits
सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए
गंगा दशहरा के पावन दिन पर मां गंगा की अराधना करने से भक्तों को संपूर्ण सुख का आशीष मिलता है। मां गंगा का सर्वश्रेष्ठ काव्य गंगा लहरी पाठ है जिसको करने से देवी गंगा भक्तों की सभी कामनाएं पूरी करती हैं, वहीं इसके साथ शिव गंगा अभिषेक पूजा करने से भक्तों को भोलेनाथ की कृपा भी प्राप्त होती है।
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आर्थिक लाभ के लिए
शिव गंगा अभिषेक का महत्व पुराणों में भी बताया गया है। भगवान शिव के साथ गंगा की पूजा करने से भक्तों को विशेष आर्थिक उन्नति का वरदान मिलता है। गंगा दशहरा के पावन पर्व पर इस पूजा में भाग लेने वाले भक्तों को जीवन में धन से जुडी समस्याएं नहीं होती और हमेशा घर सुख समृद्धि से भरा रहता है।
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ग्रह पीड़ा से मुक्ति
नवग्रहों के अधिष्ठाता देव भगवान शिव है। शिव गंगा अभिषेक पूजा करने से नवग्रह की पीड़ा दूर होती है। यदि शनि की साढ़े साती या राहु की महादशा, चंद्र, मंगल, सूर्य, बुध, शुक्र या केतु की पीड़ा है तो शिव गंगा अभिषेक पूजा एवं गंगा लहरी पाठ से इसके दुष्प्रभाव को दूर किया जा सकता है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

गंगा घाट,गंगोत्री धाम

गंगा घाट,गंगोत्री धाम
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। इस दिव्य भूमि पर पवित्र चार धाम यात्रा की जाती है। इस पवित्र भूमि पर स्थित पवित्र स्थानों में से एक गंगोत्री है। चार धाम यात्रा के दूसरे नंबर में गंगोत्री की यात्रा की जाती है। गंगोत्री गंगा नदी का उद्गम स्थल है, माना जाता है कि इस स्थान पर मां गंगा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगीरथ ने अपने पूर्वजों को मोक्ष प्राप्ति के लिए यहां तपस्या की थी और उनके अथक प्रयासों के बाद मां गंगा धरती पर आईं, लेकिन मां गंगा का वेग इतना तेज था कि अगर वह सीधे धरती पर गिरतीं तो धरती नष्ट हो जाती। प्रलय की स्थिति बन जाती और वह पाताल लोक चली जातीं। भक्तों की प्रार्थना पर भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में समेट लिया और उसके बाद मां गंगा कैलाश होते हुए धरती पर पहुंचीं और भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया।

भगीरथ के प्रयासों के कारण ही गोमुख से बहने वाली गंगा को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है। कुछ दूर बहने के बाद जब यह देवप्रयाग में अलकनंदा नदी में मिल जाती है, तो इसे गंगा के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि राजा भगीरथ ने जिस पत्थर पर ध्यान लगाया था, वह आज भी यहाँ मौजूद है और इसे भगीरथ शिला के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि जो भी गंगा दशहरा के शुभ दिन गंगोत्री धाम में गंगा घाट पर पूजा करता है, उसे माँ गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वह उन्हें पवित्रता, समृद्धि, पापों से मुक्ति और उनकी आध्यात्मिक यात्रा के लिए दिव्य कृपा प्रदान करती हैं।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
तीश मोड़

तीश मोड़

17 February, 2025

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बहुत ही अतुलनीय कार्य है आपका भगवन आपको ऐसे ही कार्य करने की ताक़त दे


Ramesh Tripathi

Ramesh Tripathi

17 February, 2025

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Hame vishwas hai ki Puja poorn vishwas aur aastha se hui hogi avm hame Prabhu ka Aasirwad prapt hoga apne pariwar ke liye.Jai Bholenath sahai rehna Hamesha.🙏🏽🕉️🌼


S JAREENA BEGUM

S JAREENA BEGUM

16 February, 2025

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Namaste guruji ap ku bhuth,bahut, dhanyawad guruji,, ap ki sevaiya acche hai Ghar bhite Puja karwana, bhuth bhuth accha hai ,,meri mano kamna Puri hone baad mai mai ap se spark karungi

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
7 May 2023
शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
4 May 2023

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

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श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

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