क्या काल सर्प दोष आपके जीवन में बार-बार डर, आर्थिक परेशानियां और लगातार असफलता ला रहा है?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, काल सर्प दोष को सबसे प्रभावशाली और कठिन राहु-केतु दोष माना जाता है। यह तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सारे ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस स्थिति से व्यक्ति के जीवन में कर्मों से जुड़ी रुकावटें आने लगती हैं। इस दोष से पीड़ित लोगों को अक्सर सपनों में सांप या मृत पूर्वज दिखाई देते हैं, उन्हें बिना वजह डर लगता है, भावनाएं अस्थिर हो जाती हैं, घर में झगड़े होते हैं, बुरी आदतें लग जाती हैं, और निर्णय लेने या पैसे संभालने में लगातार परेशानी आती है। सभी ग्रह दोषों में यह दोष जीवन के कई हिस्सों को प्रभावित करता है, इसलिए इसे खासतौर पर अशुभ माना जाता है।
वहीं राहु और केतु को गुस्सैल लेकिन आध्यात्मिक ग्रह माना जाता है, और ये दोनों भगवान शिव के भक्त हैं। इसलिए ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से इस दोष का असर कम हो सकता है। वैशाख अमावस्या का दिन इस दोष के असर को कम करने के लिए बहुत अच्छा समय माना जाता है। इस दिन, पौड़ी के प्रसिद्ध राहु पैठाणी मंदिर में काल सर्प दोष शांति पूजा और भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाएगा। मान्यता है कि जब भगवान विष्णु ने स्वरभानु का सिर काटा था, तो उसका सिर वाला भाग (जो राहु बना) इसी स्थान पर गिरा था। इस कारण, राहु पूजा के लिए यह मंदिर बहुत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा करने से राहु शांत होते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद भी मिलता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में शामिल होकर आप भी काल सर्प दोष के असर को कम कर सकते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।