🙏 श्री खाटू श्याम जी को कलयुग का कृष्ण क्यों कहा जाता है?
श्री खाटू श्याम जी को कलयुग के कृष्ण के रूप में इसलिए पूजा जाता है क्योंकि श्री कृष्ण ने स्वयं उन्हें अपने नाम और रूप में पूजनीय होने का आशीर्वाद दिया था। महाभारत में गहराई से निहित उनकी कहानी भक्ति, त्याग और दिव्य कृपा को उजागर करती है। महान युद्ध से पहले, सभी समय के महान योद्धा और भीम के पराक्रमी पोते बर्बरीक के पास भगवान शिव से तीन दिव्य बाण थे, जो उन्हें अजेय बनाते थे। उन्होंने निष्पक्षता सुनिश्चित करते हुए कमजोर पक्ष का समर्थन करने की कसम खाई। हालाँकि, कृष्ण ने एक समस्या का अनुमान लगाया - चूँकि कमजोर पक्ष बदलता रहेगा, बर्बरीक के हस्तक्षेप से दोनों सेनाओं का विनाश हो जाएगा, जिससे वह अकेला जीवित बचेगा। इस तबाही को रोकने के लिए, श्री कृष्ण ने बर्बरीक की शक्ति का परीक्षण किया और फिर उसका सबसे बड़ा बलिदान मांगा - उसका सिर। कृष्ण की दिव्य इच्छा को पहचानते हुए, बर्बरीक ने बिना किसी हिचकिचाहट के इसे स्वेच्छा से पेश किया। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर, कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलयुग में बर्बरीक को श्याम जी के रूप में पूजा जाएगा, जो भक्तों की प्रार्थना को शीघ्र पूरा करेंगे। बाद में, उनका पवित्र सिर खाटू, राजस्थान में पाया गया, जहाँ उन्हें अब भक्तों के रक्षक श्री खाटू श्याम जी के रूप में पूजा जाता है।
🔹 एकादशी पर खाटू श्याम जी की पूजा क्यों करनी चाहिए?
एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित एक अत्यंत शुभ दिन है। चूंकि श्याम जी को कलयुग में कृष्ण का अवतार माना जाता है, इसलिए एकादशी पर उनकी पूजा करने से बाधाएं दूर होती हैं, नकारात्मक कर्म जलते हैं और दैवीय कृपा मिलती है। इसलिए, इस एकादशी पर खाटू श्याम मंदिर, उज्जैन में श्री खाटू श्याम पूजा, अभिषेक और श्रृंगार का आयोजन किया जाएगा। बाबा श्याम जी का सबसे प्रिय प्रसाद, कच्चे गाय के दूध का उपयोग अभिषेक के लिए किया जाएगा, जिससे समृद्धि और कल्याण होगा। श्रृंगार एक विशेष प्रसाद है जिसमें बाबा श्याम जी को दिव्य वस्त्र, सुंदर आभूषण और सुगंधित फूलों से सजाया जाता है, जो उनकी शाश्वत कृपा को दर्शाता है। श्रृंगार करने से वे प्रसन्न होते हैं, भक्तों को जीवन में सुख, सद्भाव और सफलता प्रदान करते हैं। इस पवित्र एकादशी पर, श्री खाटू श्याम जी की दिव्य कृपा में डूब जाएँ। पूजा-अर्चना, अभिषेक और श्रृंगार करके भक्त समृद्धि, सुरक्षा और मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं। बाबा श्याम जी की असीम कृपा पाने का यह मौका न चूकें!