👉 पांच दिनों के भव्य अनुष्ठान के दौरान 22- 26 जून तक प्रतिदिन साधु भोजन एवं वस्त्र दान किया जाएगा🌸
असम के गुवाहाटी में कामाख्या तीर्थ क्षेत्र में मनाए जाने वाले अंबुबाची मेले में हर साल लाखों लोग शामिल होते हैं। शक्तिपीठ मां कामाख्या मंदिर और अंबुबाची महोत्सव का गहरा ऐतिहासिक संबंध है। कथाओं में वर्णित है कि सतयुग में मां कामाख्या हर 16 साल में एक बार रजस्वला होती थीं और तब अंबुबाची मेला आयोजित किया जाता था। द्वापर युग में यह महोत्सव हर 12 साल और त्रेतायुग में हर 7 साल पर मनाया जाता था। कलयुग में यह महोत्सव हर साल जून के महीने में मनाया जाता है। इस दौरान तीन दिनों के लिए मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान माता विश्राम कर रही होती हैं इसलिए इस महोत्सव की भव्यता इसी बात से स्पष्ट होती है कि इसमें भाग लेने और तांत्रिक अनुष्ठान करने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर से तंत्र साधक आते हैं।
इस तीर्थ को वाम मार्ग साधना का सबसे पूजनीय स्थल माना जाता है। इस वर्ष अंबुबाची मेला 22 से 26 जून तक रहेगा, इस दौरान इन पांच दिनों तक साधुओं को भोजन एवं वस्त्र दान किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि अंबुबाची के दौरान कामाख्या तीर्थ क्षेत्र में ऋषियों व साधुओं को भोजन और वस्त्र दान करने से मां कामाख्या बहुत प्रसन्न होती हैं। इसलिए, जो भक्त अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या तीर्थ क्षेत्र की यात्रा नहीं कर पा रहे, वे भी ऋषियों व साधुओं को भोजन और वस्त्र दान करके मां कामाख्या का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।