श्री राम की कुलदेवी का मंदिर
.अयोध्या, उत्तरप्रदेश, भारत
अयोध्या का बड़ी देवकाली मंदिर नए घाट पर स्थित है और अयोध्या की 14 कोस की परिधि में है। अयोध्या का प्रसिद्ध फैजाबाद देवकाली मन्दिर श्री राम की कुलदेवी के नाम से भी जाना जाता है। सिर्फ दो ही स्थानों पर लक्ष्मी, काली और सरस्वती माता एक साथ स्थित है, उन दोनों स्थानों में से एक तो अयोध्या है और दूसरा स्थान जम्मू में त्रिकूट पर्वत है।
मंदिर का इतिहास
अयोध्या का प्रसिद्ध बड़ी देवकली मंदिर औरैया जिला मुख्यालय के दक्षिण दिशा में और यमुना नदी के तट पर स्थित है। प्राचीन कथाओं और रीति-रिवाजों के अनुसार यह मंदिर 11वीं शताब्दी ईस्वी का है, लेकिन पुरातत्व की दृष्टि से इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था।अयोध्या का देवकली मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है।
मंदिर का महत्व
जिस प्रकार माता कौशल्या भगवान राम को जन्म देने के बाद माता देवकाली से मिलने आई थीं। इसी तरह पुत्र प्राप्ति के बाद भी लोग अपने पुत्र के साथ मां बड़ी देवकाली देवी मन्दिर, अयोध्या में दर्शन के लिए आते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त सच्चे मन से धार्मिक स्थल देवकली मंदिर में अपनी मनोकामना मांगते हैं। माँ उनकी हर मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
मंदिर की वास्तुकला
बड़ी देवकाली देवी मन्दिर, अयोध्या यमुना घाट पर विश्रान्त घाट का निर्माण कराया गया। 1772 में मराठा छत्रप सदाजी भाऊ राव ने इटावा सहित क्षेत्र को अपने अधिकार में ले लिया और मंदिर को मराठा शैली का रूप दिया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भगवान श्रीराम की कुलदेवी का मंदिर का उपयोग क्रांतिकारियों ने अपने आश्रय स्थल के रूप में किया था। बात करें मंदिर की तो उसका मुख्य द्वार मुख्य सड़क के ठीक बगल में है। द्वार ऊँचा है और उसके दोनों ओर दो शेर बैठे हैं।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
06:00 AM - 01:00 PMशाम को मंदिर खुलने का समय
04:00 PM - 09:00 PMदोपहर मनदिर बंद होने का समय
01:00 PM - 04:00 AMसुबह की आरती का समय
07:30 AM - 08:00 PMसायंकाल आरती का समय
08:00 PM - 09:00 PMमंदिर का प्रसाद
अयोध्या के बड़ी देवकाली मंदिर में माताजी को विशेष तौर पर हलवा और पूड़ी का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
यात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है