10वीं शताब्दी में बना भव्य मंदिर
.अयोध्या, उत्तरप्रदेश, भारत
अयोध्या में स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर पवनपुत्र हनुमान को समर्पित 10वीं शताब्दी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। जो कि अयोध्या की सरयू नदी के दाहिने तट पर ऊंचे टीले पर स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अयोध्या में भगवान श्री राम जन्मभूमि के दर्शन करने से पूर्व यहाँ पर हनुमानजी के अद्भुत दर्शन करना चाहिए। जहाँ मंदिर के प्रांगण में माता अंजनी बाल हनुमान को अपनी गोद में बैठे हुए है।
मंदिर का इतिहास
हनुमान गढ़ी मंदिर का इतिहास कई सौ साल पुराना माना जाता है। हनुमानगढ़ी मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में अवध के नवाब शुजाउदौला ने करवाया था और उन्होंने मंदिर को नष्ट होने से भी बचाया था। उसके बाद हनुमान गढ़ी मंदिर का निर्माण स्वामी अभयारामदासजी के निर्देश में किया गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पवनपुत्र हनुमान ने यहीं रहकर कोतवाल के रूप में अयोध्या की रक्षा की थी।
मंदिर का महत्व
सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में एक गुप्त पूजा होती है, जो एक रहस्य है क्योंकि इसके बारे में कोई नहीं जानता। पूजा सुबह तीन बजे शुरू होती है और आठ पुजारी इसमें हिस्सा लेते हैं। इस दौरान मंदिर आने वाले लोग पूजा में शामिल नहीं हो सकते है। पुजारी इसे गुप्त रखते हैं और मंदिर के बाहर किसी को भी इसके बारे में नहीं पता है।
मंदिर की वास्तुकला
हनुमान गढ़ी मंदिर वास्तव में एक गुफा मंदिर है। वहां तक पहुंचने के लिए लगभग 76 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां पर स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा हमेशा फूल मालाओं से सुशोभित रहती है। इस मंदिर परिसर के चारों कोनो में परिपत्र गढ़ हैं। मंदिर परिसर में मां अंजनी व बाल (बच्चे) हनुमान की मूर्ति है जिसमें हनुमानजी, अपनी मां अंजनी की गोदी में बालक रूप में लेटे हैं। हनुमानगढ़ी में ही अयोध्या की सबसे ऊंची इमारत भी है जो चारों तरफ से नजर आती है। इस विशाल मंदिर व उसका आवासीय परिसर करीब 52 बीघा में फैला है।
मंदिर का समय
गर्मियों में सुबह मंदिर खुलने का समय
07:30 AM - 11:30 AMगर्मियों में दोपहर में बंद होने का समय
11:30 AM - 04:00 PMगर्मियों में सायंकाल मंदिर खुलने का समय
04:30 PM - 09:30 PMसर्दियों में सुबह मंदिर खुलने का समय
09:00 AM - 11:00 AMसर्दियों में दोपहर में बंद होने का समय
11:00 AM - 04:00 PMसर्दियों में सायंकाल मंदिर खुलने का समय
04:00 PM - 09:00 PMमंदिर का प्रसाद
हनुमान गढ़ी मंदिर में आने वाले भक्त हनुमान जी को सिंदूर, चमेली तेल, देशी घी, बेशन लड्डू, तुलसी पत्र, इत्र, चंदन आदि प्रसाद चढ़ाते हैं
यात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है
मंदिर समिति