श्री राम मंदिर
.अयोध्या, उत्तरप्रदेश, भारत
श्री राम जन्मभूमि मंदिर उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में सरयू नदी के तट पर स्थित है। जहां पहले इसी स्थान पर भगवान श्री राम का राजमहल हुआ करता था, जिसे आज श्री राम जन्मभूमि मंदिर के नाम से जाना जाता है। जहां एक भव्य और विशाल राम लला का मंदिर बनने जा रहा है। जो कि बहुत ही अद्भुत और विशेष होगा।
मंदिर का इतिहास
ग्रंथों और धार्मिक साक्ष्यों के अनुसार लगभग 100 ईसा पूर्व में सम्राट विक्रमादित्य ने इस महल पर एक भव्य मंदिर बनवाया था। उसके बाद 15वीं सदी में आक्रमणकारियों ने इस मंदिर को जीर्ण शीर्ण कर दिया। परन्तु सन् 1992 में जब इस मंदिर का पुर्ननिर्माण किया जाना था, तब वहां के मुस्लिम समप्रदाय ने इस जगह पर मंदिर बनाने का विरोध किया और इसी जगह मस्जिद होने का दावा किया। उसके बाद यह विवाद इतना बढ़ गया कि मामला कॉर्ट तक पहुंच गया, जो कि 27 वर्ष तक चला। उसके बाद 2019 में जाँच पड़ताल के बाद वैज्ञानिक प्रमाणिकता होने के बाद इलाहाबाद (प्रयागराज) उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि इस जगह पर पहले श्री राम का मंदिर था, इसलिए अयोध्या की इस जगह पर श्री राम मंदिर फिर से बनाया जाए।
मंदिर का महत्व
राम जन्मभूमि होने के कारण इस मंदिर का महत्व ज्यादा होता है। यहां श्री राम को रामलल्ला के रूप में विराजमान किया गया है । यह मंदिर हिन्दुओ की आस्था और अखंडता का प्रतीक है। अयोध्या में राम मंदिर होने के साक्ष्य मिले थे, जिनकी वैज्ञानिक प्रमाणिकता होने पर इस मंदिर के अस्तित्व और आस्था को और मज़बूती मिली। इसीलिए कई सालों के संघर्ष के बाद आज राम जन्मभूमि का संपूर्ण अधिकार हिन्दुओं को प्राप्त हुआ है।
मंदिर की वास्तुकला
अयोध्या का राम मंदिर नागर मंदिर शैली में बनाया गया था। लेकिन अभी जो मंदिर बनेगा उसकी वास्तुकला की ज़िम्मेदारी अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार को दी गई है जो इस मंदिर को उसकी मूल शिल्पशैली के अनुरूप ही बना रहे है। मंदिर के आधार से लेकर सर्वोच्च अंश तक मंदिर का चतुष्कोण होना नागर शैली के मंदिरों की पहचान है। यह राम मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 161 फीट ऊंचा होगा।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
05:00 AM - 12:00 AMसायंकाल मंदिर खुलने का समय
04:00 PM - 09:00 PMसुबह की आरती का समय
07:00 AM - 08:00 AMसायंकाल आरती का समय
07:00 PM - 08:00 PMमंदिर का प्रसाद
अयोध्या राम मंदिर में मुख्य रूप से दूध के पेड़े और रबड़ी का भोग लगाया जाता है। श्री रामलल्ला के शिशु रूप होने के कारण उन्हें राबड़ी का भोग लगाया जाता है ।
यात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है
मंदिर समिति