शीतला आरती | Sheetla Aarti
शास्त्रों के अनुसार शीतला माता की पूजा अर्चना और आरती करने से व्यक्ति को निरोगी काया करता होती है। स्कंद पुराण में शीतला माता के बारे में वर्णन किया गया है कि जो भी व्यक्ति शीतला माता की आरती करता है, उसको चेचक, चिकन पॉक्स यानि की माता, खसरा, फोड़े और नेत्र रोग कभी नहीं होता है। इसी के साथ अगर कोई व्यक्ति शीतला माता की आरती रोज़ करता है, तो माँ उसे संक्रमण रोगों से बचाती है। तो आइए पढ़ते है शीतला माता की आरती हिंदी में (Shitala Mata Aarti in Hindi)
शीतला माता की आरती | Aarti Sheetla Mata Ji Ki
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता॥ रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता ।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें, जगमग छवि छाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता ।
वेद पुराण वरणत, पार नहीं पाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
इन्द्र मृदङ्ग बजावत, चन्द्र वीणा हाथा ।
सूरज ताल बजावै, नारद मुनि गाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
घण्टा शङ्ख शहनाई, बाजै मन भाता ।
करै भक्तजन आरती, लखि लखि हर्षाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
ब्रह्म रूप वरदानी, तुही तीन काल ज्ञाता ।
भक्तन को सुख देती, मातु पिता भ्राता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
जो जन ध्यान लगावे, प्रेम शक्ति पाता ।
सकल मनोरथ पावे, भवनिधि तर जाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
रोगों से जो पीड़ित कोई, शरण तेरी आता ।
कोढ़ी पावे निर्मल काया, अन्ध नेत्र पाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
बांझ पुत्र को पावे, दारिद्र कट जाता ।
ताको भजै जो नाहीं, सिर धुनि पछताता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
शीतल करती जननी, तू ही है जग त्राता ।
उत्पत्ति व्याधि बिनाशन, तू सब की घाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
दास विचित्र कर जोड़े, सुन मेरी माता ।
भक्ति आपनी दीजै, और न कुछ भाता ॥
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता॥