सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में भजन | Sare Tirath Dham Apke Charno Me Bhajan
ये एक ऐसा भजन है जो श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ है और गुरु के प्रति भक्त की गहरे सम्मान को दिखाता है। इस भजन में एक भक्त गुरु के दिव्य चरणों में समर्पण और उनके प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करता है, यह भजन गुरु की महिमा और उनके आशीर्वाद के महत्व को समझाने का एक सुंदर तरीका है।
जब आप इस भजन को सुनते हैं, तो आपको यह एहसास होता है कि सारे तीर्थ स्थलों का महत्व केवल उस स्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि गुरु के चरणों में समर्पित भक्त को हर स्थान पर दिव्य आशीर्वाद और शांति मिलती है। इस भजन में यह संदेश दिया गया है कि गुरु के चरणों में ही सबसे बड़ा तीर्थ है, और उनके बिना जीवन की यात्रा अधूरी है।
इस भजन को सुनते वक्त, आपको यह अनुभव होगा कि गुरु की कृपा से ही जीवन के सारे दुख समाप्त होते हैं और आत्मा को शांति मिलती है। यह भजन आत्मसमर्पण और गुरु के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, जो हर भक्त को अपने जीवन में गुरु के चरणों में प्रेम और भक्ति से जुड़ने की प्रेरणा देता है।
सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में लिरिक्स | Sare Tirath Dham Apke Charno Me Lyrics
सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
हृदय में माँ गौरी लक्ष्मी,
कंठ शारदा माता है ।
जो भी मुख से वचन कहें,
वो वचन सिद्ध हो जाता है ।
हैं गुरु ब्रह्मा, हैं गुरु विष्णु,
हैं शंकर भगवान आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
जनम के दाता मात पिता हैं,
आप करम के दाता हैं ।
आप मिलाते हैं ईश्वर से,
आप ही भाग्य विधाता हैं ।
दुखिया मन को रोगी तन को,
मिलता है आराम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
निर्बल को बलवान बना दो,
मूर्ख को गुणवान प्रभु ।
देवकमल और वंसी को भी,
ज्ञान का दो वरदान गुरु ।
हे महा दानी हे महा ज्ञानी,
रहूँ मैं सुबहो-शाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।
कर्ता करे ना कर सके,
पर गुरु किए सब होये ।
सात द्वीप नौ खंड मे,
मेरे गुरु से बड़ा ना कोए ॥
सब धरती कागज़ करूँ,
लेखनी सब वनराय ।
समुद्र को स्याही,
पर गुरु गुण लिख्यो ना जाए ॥
सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।