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108 शुक्र नाम

क्या आप जानते हैं 108 शुक्र नाम? पाएं प्रेम, विवाह और धन से जुड़ी समस्याओं का समाधान। इन मंत्रों के जप से जीवन में आएगी खुशहाली और समृद्धि।

108 शुक्र नाम और मंत्र के बारे में

"108 शुक्र नाम और मंत्र" देवी शुक्र देव की भक्ति के महत्वपूर्ण साधन हैं। इनके जाप से प्रेम, विवाह और आर्थिक समृद्धि से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है। शुक्र देव का नियमित पूजा और मंत्र जप मन को शांति देता है, रिश्तों में मधुरता लाता है और समृद्धि के मार्ग को खोलता है। सही विधि से इनका जाप करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

108 शुक्र के नाम

शुक्र ग्रह, सूर्य से दूरी के हिसाब से दूसरा ग्रह है और पृथ्वी का सबसे निकटतम पड़ोसी है। इसे अक्सर "सुबह का तारा" या "शाम का तारा" भी कहा जाता है क्योंकि यह अक्सर सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद आसमान में चमकता दिखाई देता है। उनकी पूजा में 108 नामों का जप बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

हर नाम उनके किसी अनोखे रूप या गुण का प्रतीक है। इन नामों का जप करने से भक्तों को शुक्र ग्रह का आशीर्वाद मिलता है, साथ ही जीवन में आने वाली मुश्किलें दूर होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ज्योतिष में शुक्र को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। इसे प्रेम, सुंदरता, धन, विलासिता और वैवाहिक सुख का कारक माना जाता है। शुक्र ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा होता है।

शुक्र ग्रह का स्वभाव

  • सुंदरता और आकर्षण : शुक्र व्यक्ति को आकर्षक बनाता है और उसके व्यक्तित्व में एक चमक लाता है।
  • धन और संपत्ति : यह धन और संपत्ति का कारक है। शुक्र मजबूत होने पर व्यक्ति को धन प्राप्त होता है और वह सुख-सुविधाओं से भरा जीवन जीता है।
  • विवाह और संबंध : शुक्र विवाह और प्रेम संबंधों को प्रभावित करता है। शुक्र मजबूत होने पर व्यक्ति को सुखद वैवाहिक जीवन मिलता है।
  • कला और सृजनशीलता : शुक्र कला और सृजनशीलता को भी प्रभावित करता है। शुक्र मजबूत होने पर व्यक्ति में कलात्मक प्रतिभा होती है।
  • भौतिक सुख : शुक्र भौतिक सुखों का कारक है। शुक्र मजबूत होने पर व्यक्ति भौतिक सुखों का आनंद लेता है।

शुक्र ग्रह की स्थिति

  • शुभ स्थिति : यदि शुक्र किसी शुभ भाव में या शुभ ग्रह के साथ स्थित हो तो व्यक्ति को धन, वैभव, सुख और संतान प्राप्त होती है।
  • अशुभ स्थिति : यदि शुक्र किसी अशुभ भाव में या अशुभ ग्रह के साथ स्थित हो तो व्यक्ति को धन हानि, वैवाहिक जीवन में समस्याएं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

शुक्र ग्रह का प्रभाव

  • वृषभ और तुला राशि : शुक्र का स्वामित्व वृषभ और तुला राशि पर होता है। इन राशियों में शुक्र मजबूत होता है और इन राशियों के जातकों को शुक्र के शुभ फल प्राप्त होते हैं।
  • मीन राशि : मीन राशि में शुक्र उच्च का होता है, जिसका अर्थ है कि मीन राशि में शुक्र सबसे अधिक शक्तिशाली होता है।
  • कन्या राशि : कन्या राशि में शुक्र नीच का होता है, जिसका अर्थ है कि कन्या राशि में शुक्र सबसे कमजोर होता है।

शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय

  • शुक्रवार का व्रत : शुक्रवार का व्रत करने से शुक्र मजबूत होता है।
  • सफेद रंग के वस्त्र पहनें : सफेद रंग शुक्र का रंग है। सफेद रंग के वस्त्र पहनने से शुक्र मजबूत होता है।
  • मूंगे की अंगूठी धारण करें : मूंगा शुक्र का रत्न है। मूंगे की अंगूठी धारण करने से शुक्र मजबूत होता है।
  • लक्ष्मी जी की पूजा : लक्ष्मी जी शुक्र की देवी हैं। लक्ष्मी जी की पूजा करने से शुक्र मजबूत होता है।

शुक्र ग्रह से जुड़े गुण: सौंदर्य, प्रेम, कला और वैभव

सौंदर्य

आकर्षण : शुक्र व्यक्ति को आकर्षक बनाता है। यह व्यक्ति के चेहरे के लक्षणों, शरीर के आकार और समग्र व्यक्तित्व पर प्रभाव डालता है। शैली : शुक्र व्यक्ति की शैली और ड्रेसिंग सेंस को भी प्रभावित करता है। शुक्र मजबूत होने पर व्यक्ति फैशनेबल और स्टाइलिश होता है।

प्रेम

रोमांस : शुक्र रोमांस और प्रेम का कारक है। यह व्यक्ति को प्रेम करने और प्रेम पाने की क्षमता प्रदान करता है। संबंध : शुक्र व्यक्ति के संबंधों को प्रभावित करता है। यह व्यक्ति को अपने साथी के साथ गहरा जुड़ाव बनाने में मदद करता है।

कला

सृजनात्मकता : शुक्र व्यक्ति को सृजनात्मक बनाता है। यह व्यक्ति को कला, संगीत, साहित्य और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में प्रतिभा प्रदान करता है। सौंदर्य बोध : शुक्र व्यक्ति को सौंदर्य का बोध कराता है। यह व्यक्ति को कला और सौंदर्य को समझने और सराहने में सक्षम बनाता है।

वैभव

धन : शुक्र धन और संपत्ति का कारक है। यह व्यक्ति को धन प्राप्त करने में मदद करता है। सुख-सुविधाएं : शुक्र व्यक्ति को सुख-सुविधाएं प्रदान करता है। यह व्यक्ति को आरामदायक जीवन जीने में मदद करता है।

शुक्र ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर

  • व्यक्तित्व : शुक्र व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करता है। यह व्यक्ति को मिलनसार, आकर्षक और लोकप्रिय बनाता है।

  • वैवाहिक जीवन : शुक्र व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। यह व्यक्ति को सुखद वैवाहिक जीवन प्रदान करता है।

  • करियर : शुक्र व्यक्ति के करियर को भी प्रभावित करता है। यह व्यक्ति को कला, फैशन, मनोरंजन और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता दिला सकता है।

शुक्र 108 नाम के मंत्र

S Noमंत्र
1ॐ शुक्राय नमः।
2ॐ शुचये नमः।
3ॐ शुभगुणाय नमः।
4ॐ शुभदाय नमः।
5ॐ शुभलक्षणाय नमः।
6ॐ शोभनाक्षाय नमः।
7ॐ शुभ्रवाहाय नमः।
8ॐ शुद्धस्फटिकभास्वराय नमः।
9ॐ दीनार्तिहरकाय नमः।
10ॐ दैत्यगुरवे नमः।
11ॐ देवाभिवन्दिताय नमः।
12ॐ काव्यासक्ताय नमः।
13ॐ कामपालाय नमः।
14ॐ कवये नमः।
15ॐ कल्याणदायकाय नमः।
16ॐ भद्रमूर्तये नमः।
17ॐ भद्रगुणाय नमः।
18ॐ भार्गवाय नमः।
19ॐ भक्तपालनाय नमः।
20ॐ भोगदाय नमः।
21ॐ भुवनाध्यक्षाय नमः।
22ॐ भुक्तिमुक्तिफलप्रदाय नमः।
23ॐ चारुशीलाय नमः।
24ॐ चारुरूपाय नमः।
25ॐ चारुचन्द्रनिभाननाय नमः।
26ॐ निधये नमः।
27ॐ निखिलशास्त्रज्ञाय नमः।
28ॐ नीतिविद्याधुरन्धराय नमः।
29ॐ सर्वलक्षणसम्पन्नाय नमः।
30ॐ सर्वापद्गुणवर्जिताय नमः।
31ॐ समानाधिकनिर्मुक्ताय नमः।
32ॐ सकलागमपारगाय नमः।
33ॐ भृगवे नमः।
34ॐ भोगकराय नमः।
35ॐ भूमिसुरपालनतत्पराय नमः।
36ॐ मनस्विने नमः।
37ॐ मानदाय नमः।
38ॐ मान्याय नमः।
39ॐ मायातीताय नमः।
40ॐ महायशसे नमः।
41ॐ बलिप्रसन्नाय नमः।
42ॐ अभयदाय नमः।
43ॐ बलिने नमः।
44ॐ सत्यपराक्रमाय नमः।
45ॐ भवपाशपरित्यागाय नमः।
46ॐ बलिबन्धविमोचकाय नमः।
47ॐ घनाशयाय नमः।
48ॐ घनाध्यक्षाय नमः।
49ॐ कम्बुग्रीवाय नमः।
50ॐ कलाधराय नमः।
51ॐ कारुण्यरससम्पूर्णाय नमः।
52ॐ कल्याणगुणवर्धनाय नमः।
53ॐ श्वेताम्बराय नमः।
54ॐ श्वेतवपुषे नमः।
55ॐ चतुर्भुजसमन्विताय नमः।
56ॐ अक्षमालाधराय नमः।
57ॐ अचिन्त्याय नमः।
58ॐ अक्षीणगुणभासुराय नमः।
59ॐ नक्षत्रगणसञ्चाराय नमः।
60ॐ नयदाय नमः।
61ॐ नीतिमार्गदाय नमः।
62ॐ वर्षप्रदाय नमः।
63ॐ हृषीकेशाय नमः।
64ॐ क्लेशनाशकराय नमः।
65ॐ कवये नमः।
66ॐ चिन्तितार्थप्रदाय नमः।
67ॐ शान्तमतये नमः।
68ॐ चित्तसमाधिकृते नमः।
69ॐ आधिव्याधिहराय नमः।
70ॐ भूरिविक्रमाय नमः।
71ॐ पुण्यदायकाय नमः।
72ॐ पुराणपुरुषाय नमः।
73ॐ पूज्याय नमः।
74ॐ पुरुहूतादिसन्नुताय नमः।
75ॐ अजेयाय नमः।
76ॐ विजितारातये नमः।
77ॐ विविधाभरणोज्ज्वलाय नमः।
78ॐ कुन्दपुष्पप्रतीकाशाय नमः।
79ॐ मन्दहासाय नमः।
80ॐ महामतये नमः।
81ॐ मुक्ताफलसमानाभाय नमः।
82ॐ मुक्तिदाय नमः।
83ॐ मुनिसन्नुताय नमः।
84ॐ रत्नसिंहासनारूढाय नमः।
85ॐ रथस्थाय नमः।
86ॐ रजतप्रभाय नमः।
87ॐ सूर्यप्राग्देशसञ्चाराय नमः।
88ॐ सुरशत्रुसुहृदे नमः।
89ॐ कवये नमः।
90ॐ तुलावृषभराशीशाय नमः।
91ॐ दुर्धराय नमः।
92ॐ धर्मपालकाय नमः।
93ॐ भाग्यदाय नमः।
94ॐ भव्यचारित्राय नमः।
95ॐ भवपाशविमोचकाय नमः।
96ॐ गौडदेशेश्वराय नमः।
97ॐ गोप्त्रे नमः।
98ॐ गुणिने नमः।
99ॐ गुणविभूषणाय नमः।
100ॐ ज्येष्ठानक्षत्रसम्भूताय नमः।
101ॐ ज्येष्ठाय नमः।
102ॐ श्रेष्ठाय नमः।
103ॐ शुचिस्मिताय नमः।
104ॐ अपवर्गप्रदाय नमः।
105ॐ अनन्ताय नमः।
106ॐ सन्तानफलदायकाय नमः।
107ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः।
108ॐ सर्वगीर्वाणगणसन्नुताय नमः।
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Published by Sri Mandir·December 12, 2024

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