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चन्द्र कवच

क्या आप जानते हैं कि चन्द्र कवच के पाठ से मन की शांति, भावनात्मक स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है? जानें इसकी विधि, लाभ और प्रभावशाली श्लोक।

चन्द्र कवच के बारे में

चंद्र कवच एक शक्तिशाली वैदिक स्तोत्र है, जिसे पढ़ने से चंद्र ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचाव होता है। यह कवच विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी कुंडली में चंद्र दोष, चंद्र ग्रह की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो या जिन्हें मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता की आवश्यकता हो।

चंद्र कवच श्लोक

अस्य श्री चंद्र कवच स्तॊत्र महा मंत्रस्य ।

गौतम ऋषिः । अनुष्टुप छंदः । श्री चंद्रॊ दॆवता ।

चंद्र प्रीत्यर्थॆ जपॆ विनियॊगः ॥

ध्यानम्‌

समं चतुर्भुजं वंदॆ कॆयूर मकुटॊज्वलम्‌ ।

वासुदॆवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम्‌ ॥

ऎवं ध्यात्वा जपॆन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम्‌ ॥

अथ चंद्र कवचं

शशि: पातु शिरॊ दॆशं फालं पातु कलानिधि ।

चक्षुषिः चंद्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः ॥ १ ॥

प्राणं कृपाकरः पातु मुखं कुमुदबांधवः ।

पातु कंठं च मॆ सॊमः स्कंधॆ जैवातृकस्तथा ॥ २ ॥

करौ सुधाकर: पातु वक्षः पातु निशाकरः ।

हृदयं पातु मॆ चंद्रॊ नाभिं शंकरभूषणः ॥ ३ ॥

मध्यं पातु सुरश्रॆष्टः कटिं पातु सुधाकरः ।

ऊरू तारापतिः पातु मृगांकॊ जानुनी सदा ॥ ४ ॥

अभ्दिजः पातु मॆ जंघॆ पातु पादौ विधुः सदा ।

सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चंद्रॊखिलं वपुः ॥ ५ ॥

फलश्रुतिः

ऎतद्धिकवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम्‌ ।

यः पठॆत च्छृणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवॆत ॥

॥ इती श्री चंद्र कवचं संपूर्णम्‌ ॥

चन्द्र कवच का पाठ करने के लाभ

मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति

  • चंद्रमा मन का कारक ग्रह है, इसका पाठ डिप्रेशन, चिंता, तनाव और अनिद्रा जैसी मानसिक समस्याओं को दूर करता है। यह क्रोध और आवेग को नियंत्रित करने में भी सहायक है।

चंद्र दोष और ग्रह पीड़ा से मुक्ति

  • जिनकी कुंडली में चंद्र कमजोर, नीच राशि में, राहु-केतु से पीड़ित या शनि के प्रभाव में हो, उन्हें इस पाठ से राहत मिलती है। चंद्रमा की महादशा, अंतर्दशा और ढैया के दुष्प्रभाव भी कम होते हैं।

पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में शांति

  • जिनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं हैं या परिवार में अशांति है, उनके लिए चंद्र कवच अत्यंत लाभकारी है। पति-पत्नी के रिश्तों में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।

भावनात्मक संतुलन और धैर्य

  • यह कवच अत्यधिक भावुकता, मूड स्विंग्स और अकारण भय को दूर करता है। मन को संयमित और धैर्यवान बनाता है।

चंद्रमा से जुड़े व्यवसायों में सफलता

  • जिनका व्यवसाय जल, दूध, औषधि, आभूषण, चांदी, वस्त्र, कला, संगीत या फिल्म उद्योग से जुड़ा हो, उनके लिए चंद्र कवच अत्यधिक शुभ होता है। यह विद्या, ज्ञान और स्मरण शक्ति को भी बढ़ाता है।

यात्राओं में सुरक्षा और सफलता

  • यात्रा करते समय यदि कोई भय हो तो चंद्र कवच पाठ करने से सुरक्षित यात्रा होती है। यह विदेश यात्रा, समुद्री यात्रा और जल मार्ग की यात्रा में विशेष रूप से सहायक होता है।

आर्थिक उन्नति और सुख-समृद्धि

  • यदि व्यक्ति धन की कमी, अस्थिर आय या आर्थिक असुरक्षा से परेशान है, तो यह कवच धन को आकर्षित करता है। जीवन में स्थिरता लाकर आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है।

कुंडली में कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति

  • यदि चंद्र राहु-केतु से ग्रस्त हो तो कालसर्प दोष उत्पन्न होता है, जिससे अनेक परेशानियां आती हैं। चंद्र कवच इस दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।

विद्यार्थियों और विद्वानों के लिए लाभकारी

  • यह विद्यार्थियों की याददाश्त, एकाग्रता और रचनात्मकता को बढ़ाता है। परीक्षा में सफलता और बौद्धिक विकास के लिए अत्यंत उपयोगी है।

जल संबंधी रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति

  • चंद्रमा जल तत्व का स्वामी है, इसलिए यह सर्दी-जुकाम, कफ दोष, हड्डियों की कमजोरी, त्वचा रोग और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को ठीक करने में सहायक होता है। शरीर को ऊर्जा, ताजगी और सकारात्मकता से भरता है।

चन्द्र कवच पाठ विधि

पाठ करने का उचित समय

  • सोमवार और पूर्णिमा के दिन पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
  • रात्रि के समय (8:00 PM - 10:00 PM) या प्रातः काल (4:00 AM - 6:00 AM) सबसे शुभ माना जाता है।
  • चंद्र ग्रह की महादशा, अंतर्दशा या चंद्र दोष होने पर प्रतिदिन पाठ करना लाभकारी होता है।

पाठ करने से पहले आवश्यक तैयारी

स्थान और वातावरण

  • स्वच्छ और शांत जगह पर पाठ करें।
  • उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • चंद्रदेव की प्रतिमा, शिवलिंग या माता दुर्गा का चित्र स्थापित करें।
  • सफेद कपड़ा बिछाकर, खुद सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें।

पूजन सामग्री

  • जल से भरा एक कलश
  • सफेद फूल (चमेली या श्वेत कमल)
  • चंदन, अक्षत (चावल), कुमकुम
  • सफेद मिठाई या खीर (प्रसाद के लिए)
  • चंद्र मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष या मोती की माला

संकल्प और प्रार्थना

हाथ में जल लेकर संकल्प लें : "ॐ नमः चन्द्राय! मैं अपने मन और आत्मा की शुद्धि के लिए चंद्र कवच का पाठ कर रहा/रही हूँ। कृपया मुझे मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करें।" इसके बाद जल अर्पण करें और "ॐ चं चन्द्राय नमः" मंत्र का 11 बार जप करें।

चंद्र कवच का पाठ करें

शुद्ध उच्चारण और श्रद्धा के साथ चंद्र कवच का पाठ करें-

  • पहले गणपति वंदना करें – "ॐ गं गणपतये नमः"
  • फिर गुरु वंदना करें – "गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः"
  • इसके बाद चंद्र कवच का पाठ करें (पूर्ण चंद्र कवच नीचे दिया गया है)

पाठ के बाद क्या करें?

  • चंद्रदेव को जल अर्पित करें – जल से भरा कलश रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें।
  • शांति के लिए प्रार्थना करें – "हे चंद्रदेव, कृपा करें और मेरे मन को शांत रखें।"
  • सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाएं और फिर परिवार में बांटें।
  • 108 बार "ॐ चं चन्द्राय नमः" मंत्र का जप करें (रुद्राक्ष या मोती की माला से करें)।

विशेष नियम और सावधानियां

  • पाठ करते समय ध्यान केंद्रित करें और किसी से बात न करें।
  • मांसाहार, नशा और तामसिक भोजन से बचें।
  • नकारात्मक विचारों से दूर रहें और शुद्ध मन से पाठ करें।
  • राहु, केतु, शनि के उपायों के साथ इस पाठ को करने से अधिक लाभ मिलता है।
  • पूर्णिमा के दिन जल में केवड़ा या गुलाब डालकर स्नान करें और पाठ करें।
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Published by Sri Mandir·April 16, 2025

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