कामख्या कवच
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कामख्या कवच

क्या आप जानते हैं कामख्या कवच का पाठ साधक को सिद्धि और सुरक्षा दोनों प्रदान करता है? जानें इसकी विधि और लाभ विस्तार से।

कामख्या कवच के बारे में

कामख्या कवच देवी कामख्या का एक अत्यंत शक्तिशाली और रहस्यमय कवच है। इसके पाठ से साधक को तांत्रिक सिद्धियों, आकर्षण शक्ति और भय से रक्षा का वरदान प्राप्त होता है। यह कवच साधक को हर प्रकार की नकारात्मकता से बचाता है और जीवन में सफलता, समृद्धि तथा सौभाग्य प्रदान करता है।

कामख्या कवच

भगवती कामाख्या सभी सिद्धियाँ देने वाली विद्या हैं। वे तांत्रिक विद्याओं में सबसे श्रेष्ठ मानी जाती हैं। उनकी तांत्रिक उपासना करने से मनुष्य सभी बाधाओं से मुक्त होकर धन और समृद्धि प्राप्त कर सकता है।

कामाख्या कवच भगवती कामाख्या का रक्षा कवच है। यदि इसका नित्य पाठ किया जाए या इसे भोजपत्र पर लिखकर गले या भुजा पर धारण किया जाए, तो यह सभी तांत्रिक शक्तियों और दुष्ट शत्रुओं से रक्षा करता है। साथ ही, इससे भगवती कामाख्या की कृपा और सिद्धि भी प्राप्त होती है।

कामख्या कवच श्लोक

ॐ अस्य श्रीकामाख्या-कवचस्य ब्रह्मा ऋषिः,

अनुष्टुप् छन्दः,

श्रीकामाख्या देवता,

धन-ऐश्वर्य-सिद्ध्यर्थं जपे विनियोगः।

कामाख्या मे शिरः पातु, भालं देवी तथैव च।

नेत्रे तारिणि मे रक्षेत्, कर्णौ श्रीभैरवी तथा॥

नासिकां सर्वदा पातु, जिह्वां मे धूम्रलोचना।

कण्ठं मे पातु वरदा, हृदयं ललिता सदा॥

बाहुं मे चण्डिका पातु, करौ मे करवीरिणी।

स्तनौ मे पातु कौमारी, हृदयं मे महेश्वरी॥

नाभिं गुह्यं च मे रक्षेत्, पादौ श्रीभुवनेश्वरी।

सर्वाङ्गं मे सदा पातु, कामाख्या परमेश्वरी॥

रक्षाहीनं तु यत्स्थानं वर्जितं कवचेन च।

तत्सर्वं रक्षितं देवि त्वया त्रैलोक्य-वन्दिते॥

इदं कवचमज्ञात्वा यो जपेत्साधकोत्तमः।

न तस्य जायते सिद्धिर्मरणं तस्य निश्चितम्॥

कवचं पठते नित्यं भक्तियुक्तो विशेषतः।

स सर्वान् कामनापूर्वान् लभते नात्र संशयः॥

अष्टोत्तरशतं यस्तु पठेन्नियतमानसः।

सर्वान् सिद्धीनवाप्नोति कामाख्या-प्रसादतः॥

राजद्वारे गजे वापि संग्रामे शत्रुसंक्षये।

यः पठेत् कवचं देव्या सर्वत्र विजय भवेत्॥

यः संध्या-काले पठति सततं श्रद्धयान्वितः।

स योगी योगयुक्तः स्यात् योगिनां योगदायकः॥

इति श्रीकामाख्या देवी कवचं संपूर्णम्॥

कामख्या कवच का पाठ करने के लाभ

आध्यात्मिक लाभ

  • माँ कामाख्या की कृपा – इस कवच का पाठ करने से माँ कामाख्या का आशीर्वाद मिलता है।
  • मन को शांति और ध्यान शक्ति – जो लोग ध्यान करते हैं, उनके लिए यह कवच बहुत फायदेमंद है।
  • सिद्धि प्राप्ति में सहायक – साधना करने वालों के लिए यह कवच बहुत जरूरी है।
  • नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा – यह कवच बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।

मानसिक लाभ

  • डर और चिंता दूर होती है – अगर किसी को डर, घबराहट या चिंता होती है, तो यह कवच उसे दूर करता है।
  • बुद्धि और याददाश्त तेज होती है – विद्यार्थियों और पढ़ने-लिखने वालों के लिए यह कवच बहुत लाभकारी है।
  • आत्मविश्वास बढ़ता है – जीवन में जो लोग हिम्मत हार जाते हैं, उनके लिए यह कवच बहुत अच्छा होता है।

धन और सुख-समृद्धि के लाभ

  • धन की कमी नहीं रहती – इस कवच का पाठ करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
  • व्यापार और नौकरी में तरक्की होती है – व्यापारियों और नौकरी करने वालों के लिए यह कवच बहुत लाभकारी है।
  • ऋण से मुक्ति मिलती है – जिन लोगों पर कर्ज होता है, उन्हें यह कवच पढ़ना चाहिए।
  • सम्मान और उच्च पद मिलता है – यह कवच व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान दिलाने में मदद करता है।

तांत्रिक और सुरक्षा लाभ

  • तंत्र-मंत्र और जादू-टोने से सुरक्षा – यदि किसी पर काला जादू या नकारात्मक ऊर्जा का असर हो, तो यह कवच उसे दूर कर सकता है।
  • दुष्ट लोगों और शत्रुओं से बचाव – यह कवच दुश्मनों से रक्षा करता है और जीत दिलाता है।
  • भूत-प्रेत बाधा से छुटकारा – यदि किसी को बुरी आत्माओं का डर सताता है, तो यह कवच बहुत फायदेमंद है।
  • हर तरफ से सुरक्षा – यदि इस कवच को भोजपत्र पर लिखकर धारण किया जाए, तो यह व्यक्ति को चारों दिशाओं से सुरक्षा देता है।

स्वास्थ्य लाभ

  • शारीरिक रोगों से मुक्ति – यह कवच कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
  • मानसिक तनाव और डिप्रेशन से छुटकारा – यह कवच मन को शांत करता है और तनाव को दूर करता है।
  • ऊर्जा और दीर्घायु बढ़ती है – इसका पाठ करने से शरीर में नई ऊर्जा आती है और जीवन लंबा होता है।
  • रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है – यह कवच शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है।

कामख्या कवच पाठ विधि

माँ कामाख्या देवी की कृपा पाने और जीवन में हर प्रकार की बाधाओं से रक्षा के लिए कामाख्या कवच का पाठ किया जाता है। इस कवच को सही विधि से पढ़ने पर अधिक लाभ मिलता है।

स्थान और समय का चयन करें

  • सुबह या संध्या का समय सबसे शुभ माना जाता है।
  • शुद्ध, पवित्र और शांत स्थान पर पाठ करें।
  • पाठ के लिए मंदिर, पूजा स्थान या किसी एकांत जगह का चुनाव करें।

स्नान और शुद्धता

  • पाठ से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
  • मन को शुद्ध और एकाग्र करें।
  • यदि संभव हो तो लाल या पीले वस्त्र पहनें, ये माँ कामाख्या को प्रिय हैं।

माँ कामाख्या की स्थापना

  • माँ कामाख्या की मूर्ति, चित्र या यंत्र को साफ स्थान पर रखें।
  • माँ को लाल फूल, अक्षत (चावल), सिंदूर और मिठाई अर्पित करें।
  • घी या तिल के तेल का दीपक जलाएँ।
  • धूप-अगरबत्ती जलाकर वातावरण को पवित्र करें।

संकल्प और ध्यान

  • पाठ करने से पहले संकल्प लें कि आप यह पाठ अपने कल्याण, रक्षा और सिद्धि के लिए कर रहे हैं।
  • माँ कामाख्या का ध्यान करें और अपनी मनोकामना माँ को बताएँ।

कामाख्या कवच का पाठ

  • रुद्राक्ष या स्फटिक माला से पाठ करें (यदि संभव हो)।
  • 1, 21, 51 या 107 बार पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।
  • पाठ के दौरान मन को भटकने न दें और पूरी श्रद्धा से पढ़ें।
  • उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए।
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Published by Sri Mandir·April 8, 2025

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