क्या राहू की दशा और अशुभ प्रभाव से परेशान हैं? राहू ग्रह कवच का पाठ आपके जीवन में संतुलन और शांति ला सकता है। जानें इसकी पाठ विधि और शक्तिशाली लाभ।
राहु ग्रह कवच जो आपको नकारात्मक ऊर्जा, राहू दोष और अदृश्य शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है। इस लेख में आप जानेंगे राहू ग्रह कवच का महत्व, इसकी महिमा, जाप विधि, पाठ समय और इससे मिलने वाले दिव्य लाभों के बारे में।
राहु एक छाया ग्रह है, जिसका वैदिक ज्योतिष में बहुत खास महत्व है। यह हमारे पिछले जन्म की अधूरी इच्छाओं और लक्ष्यों को दर्शाता है, जिन्हें हमें इस जीवन में पूरा करना होता है। राहु यह दिखाता है कि किस चीज की हमें सबसे ज्यादा चाह होती है और हम इसे पाने के लिए कितनी मेहनत करते हैं। लेकिन राहु का असर समझने के लिए यह देखना जरूरी होता है कि कुंडली में यह किस राशि में स्थित है। राहु उन इच्छाओं का प्रतीक है, जो किसी भी बंधन से मुक्त होकर पूरी करना चाहते हैं।
अस्य श्रीराहुकवचस्तोत्रमंत्रस्य चंद्रमा ऋषिः ।
अनुष्टुप छन्दः । रां बीजं I नमः शक्तिः ।
स्वाहा कीलकम्। राहुप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।।
प्रणमामि सदा राहुं शूर्पाकारं किरीटिन् ।।
सैन्हिकेयं करालास्यं लोकानाम भयप्रदम् ।। १।।
निलांबरः शिरः पातु ललाटं लोकवन्दितः।
चक्षुषी पातु मे राहुः श्रोत्रे त्वर्धशरीरवान् ।। २ ।।
नासिकां मे धूम्रवर्णः शूलपाणिर्मुखं मम।
जिव्हां मे सिंहिकासूनुः कंठं मे कठिनांघ्रीकः ।। ३ ।।
भुजङ्गेशो भुजौ पातु निलमाल्याम्बरः करौ ।
पातु वक्षःस्थलं मंत्री पातु कुक्षिं विधुंतुदः ।।४ ।।
कटिं मे विकटः पातु ऊरु मे सुरपूजितः ।
स्वर्भानुर्जानुनी पातु जंघे मे पातु जाड्यहा ।।५ ।।
गुल्फ़ौ ग्रहपतिः पातु पादौ मे भीषणाकृतिः ।
सर्वाणि अंगानि मे पातु निलश्चंदनभूषण: ।।६ ।।
राहोरिदं कवचमृद्धिदवस्तुदं यो।
भक्ता पठत्यनुदिनं नियतः शुचिः सन् ।
प्राप्नोति कीर्तिमतुलां श्रियमृद्धिमायु
रारोग्यमात्मविजयं च हि तत्प्रसादात् ।।७ ।।
।।इति श्रीमहाभारते धृतराष्ट्रसंजयसंवादे द्रोणपर्वणि राहुकवचं संपूर्णं ।।
राहु एक छाया ग्रह है, जो जीवन में अचानक बदलाव, भ्रम, डर और परेशानियाँ ला सकता है। जब राहु अशुभ स्थिति में होता है, तो यह मानसिक तनाव, धन की परेशानी, कानूनी झगड़े और जीवन में अस्थिरता का कारण बनता है। ऐसे में राहु ग्रह कवच का पाठ करने से इन समस्याओं से राहत मिलती है और जीवन में शांति आती है।
डर और नकारात्मकता से मुक्ति
राहु के बुरे प्रभाव से कई बार व्यक्ति बिना वजह घबराहट, तनाव और उलझन महसूस करता है। राहु ग्रह कवच का पाठ करने से मन शांत होता है, सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है और व्यक्ति सही फैसले ले पाता है।
नौकरी और व्यापार में सफलता
अगर राहु के कारण नौकरी में दिक्कतें आ रही हों, प्रमोशन नहीं मिल रहा हो या व्यापार में नुकसान हो रहा हो, तो राहु कवच का पाठ करना बहुत फायदेमंद होता है। इससे काम में स्थिरता आती है और तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
अशुभ राहु धन की कमी, कर्ज और आर्थिक परेशानी ला सकता है। राहु ग्रह कवच का पाठ करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और धन से जुड़ी परेशानियाँ दूर होती हैं।
राहु का संबंध तंत्र-मंत्र और बुरी नजर से भी होता है। अगर किसी पर बुरी नजर या नकारात्मक ऊर्जा का असर हो रहा हो, तो राहु कवच का पाठ करने से सुरक्षा मिलती है और शत्रु परास्त होते हैं।
अगर राहु के कारण कोर्ट-कचहरी या कानूनी झगड़ों में फँसे हैं, तो राहु ग्रह कवच का पाठ करने से फैसला आपके पक्ष में आने की संभावना बढ़ जाती है और आपको राहत मिलती है।
राहु विदेश यात्रा और अचानक मिलने वाले नए अवसरों से जुड़ा होता है। जो लोग विदेश जाने की कोशिश कर रहे हैं या नए मौके की तलाश में हैं, उनके लिए राहु ग्रह कवच का पाठ बहुत लाभकारी होता है।
राहु ग्रह जीवन में अचानक बदलाव, भ्रम, मानसिक तनाव और परेशानियाँ ला सकता है। अगर राहु अशुभ हो, तो यह धन की हानि, कानूनी समस्याएँ और अस्थिरता पैदा कर सकता है।
स्नान और शुद्धता
राहु ग्रह कवच का पाठ करने से पहले शरीर और मन की शुद्धता बहुत जरूरी होती है। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए और शांत मन से पूजा के लिए बैठना चाहिए। जब मन और शरीर दोनों शुद्ध होते हैं, तभी राहु की कृपा जल्दी प्राप्त होती है और पूजा का संपूर्ण फल मिलता है।
कवच पाठ के लिए एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनना चाहिए। घर के पूजा स्थल में बैठकर यह पाठ किया जा सकता है, लेकिन यदि संभव हो, तो शिव मंदिर या राहु मंदिर में जाकर इसका पाठ करना अधिक शुभ माना जाता है। पूजा के लिए काले तिल, सरसों का तेल, नीले या काले फूल, धूप, दीप, नारियल और मिठाई जैसी चीज़ों का उपयोग किया जाता है। यह भी माना जाता है कि राहु ग्रह से जुड़े अनुष्ठान में काले या नीले रंग का वस्त्र पहनना शुभ होता है।
राहु ग्रह कवच पाठ से पहले "ॐ रां राहवे नमः" मंत्र का 108 बार जाप करना बहुत लाभकारी होता है। इसके बाद ही राहु ग्रह कवच का पाठ करना चाहिए। यदि राहु की दशा बहुत खराब हो या राहु से जुड़ी समस्याएँ अधिक हो रही हों, तो लगातार 40 दिनों तक इस पाठ को करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। यह पाठ पूरी श्रद्धा और ध्यान से करने पर ही फलदायी होता है।
राहु ग्रह कवच का पाठ करने के लिए शनिवार और बुधवार को सबसे शुभ माना जाता है। विशेष रूप से राहु काल के दौरान (दोपहर 12:00 से 1:30 बजे के बीच) इसका पाठ करने से जल्दी और अधिक प्रभावी परिणाम मिलते हैं। यह भी कहा जाता है कि ग्रहों की अशुभ दशा को दूर करने के लिए यह पाठ अमावस्या या ग्रहण के दिन करना भी बहुत लाभदायक होता है।
राहु ग्रह की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान सरसों के तेल का दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। अगर संभव हो, तो राहु ग्रह शांति के लिए हवन करना भी अच्छा माना जाता है। हवन में काले तिल, गुड़ और जौ की आहुति देने से राहु के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं।
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