क्या आप जानते हैं शनि कवच का नियमित पाठ जीवन से दरिद्रता, बाधाएं और दुर्भाग्य को दूर करता है? जानिए इसकी सही पाठ विधि और इससे मिलने वाले अद्भुत लाभ।
शनि कवच एक शक्तिशाली वैदिक स्तोत्र है जो भगवान शनि की कृपा प्राप्त करने और उनकी अशुभ दृष्टि से रक्षा के लिए पाठ किया जाता है। यह कवच नकारात्मक ऊर्जा, बाधाओं और दुर्भाग्य से सुरक्षा प्रदान करता है। नियमित पाठ से मन में शांति और जीवन में स्थिरता आती है।
सनातन धर्म में शनि देव को न्याय के देवता माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देने वाले माने जाते हैं। यदि किसी की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो, तो उसके जीवन में बाधाएं, रोग, दुर्घटनाएं, मानसिक तनाव, गरीबी और कोर्ट-कचहरी जैसे संकट उत्पन्न हो सकते हैं। ऐसे में शनि कवच का पाठ एक शक्तिशाली उपाय माना गया है, जो व्यक्ति को इन सभी कष्टों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह पाठ शनि स्तोत्र, शनि चालीसा या शनि महात्म्य की तरह ही अत्यंत प्रभावशाली होता है।
अस्य श्री शनैश्चरकवचस्तोत्रमन्त्रस्य कश्यप ऋषिः।।
अनुष्टुप् छन्दः।। शनैश्चरो देवता।। श्रीं शक्तिः।।
ॐ कीलकम्।। शनैश्चरप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।।
नीलाम्बरः नीलवपुः किरीटी गृध्रस्थितात्करो धनुःशबान्।
चतुर्भुजः सूर्यसुतः सदा मम् स्वार्दः प्रशान्तः।।१।।
श्रृणु वक्ष्ये पयः सर्वं शनि पीडाहरं महत्।
कवचं शनिराजस्य सौरिंनम्य सदा पठेत्।।२।।
कवचं देवतावासं वज्रपञ्जरसंयुतम्।
शनैश्चरकृपायुक्तं सर्वाभीष्टफलप्रदम्।।३।।
ॐ श्रीशनैश्चरः पातु भालं मे सूर्यनन्दनः।।
नेत्रे छायात्मजः पातु कर्णौ मम यमानुजः।।४।।
नासा वेदवक्त्रः पातु मुखं मे भास्करः सदा।।
शिरः कण्ठं च मे कण्ड पृष्ठं पातु महाभुजः।।५।।
स्कन्धौ पातु शनैश्चैव करे पातु शुभप्रदः।
वक्षः पातु यमभ्राता कटीं पातु पावनः सदा।।६।।
नाभिं गृहपति पातु मन्दः पातु कटिं तथा।
ऊरू ममाम्बुवाहः पातु जानुजङ्घे तथा।।७।।
पदौ मन्दस्तथा पातु सर्वं पातु पिप्पलः।
अङ्गोपाङ्गानि सर्वाणि रक्षेन्मे सूर्यनन्दनः।।८।।
इत्येतत् कवचं दिव्यं यो देवः सूर्यसन्नुतः।
न तस्य जायते पीडा प्रीति भवानि सूर्यजः।।९।।
व्यसनाद्धितदोषेभ्यो मृत्युसन्निभतादपि।
कलत्रस्य गतोवापि सुतानां सदा शनिः।।१०।।
अथश्रेये सूर्यसुतो मये जन्मद्वितीये।
कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित्।।११।।
इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरैर्मुनिभिः पुरा।
जनकल्याणसिद्ध्यर्थं सर्वत्राश्रयते प्रभुः।।१२।।
॥ इति शनि कवच सम्पूर्ण ॥
शनि कवच का पाठ एक धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही आत्म-रक्षा और उन्नति का माध्यम है। जब आप विधिपूर्वक, नियमों के साथ श्रद्धा से इसका जाप करते हैं, तो यह आपके जीवन में स्थिरता, सुरक्षा, आत्मबल और सौभाग्य लेकर आता है। शनि देव का आशीर्वाद पाने का यह एक सहज, एवं प्रभावशाली उपाय है।
ऐसी ही अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए श्री मंदिर के साथ बने रहें। जय शनिदेव
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