शकट योग क्या होता है? इसके प्रभाव और संभावनाएं
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शकट योग क्या होता है? इसके प्रभाव और संभावनाएं

शकट योग व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, कठिनाई और मानसिक तनाव का संकेत हो सकता है। हालांकि, सही उपायों से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।

शकट योग के बारे में

शकट योग एक अशुभ योग है, जो तब बनता है जब चंद्रमा और गुरु छठे, आठवें या बारहवें भाव में एक-दूसरे से स्थित होते हैं। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक अस्थिरता, मानसिक तनाव और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यदि कुंडली में अन्य शुभ योग या ग्रह मजबूत स्थिति में हों, तो इसके नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। उपायों से इसके प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।

शकट योग

शकट योग एक अशुभ योग माना जाता है, जो किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा और बृहस्पति की विशेष स्थिति के कारण बनता है। इस योग का नाम "शकट" इसलिए रखा गया है क्योंकि ये योग व्यक्ति के जीवन को गाड़ी (शकट/रथ) की तरह उतार-चढ़ाव भरा बना देता है। इस योग के कारण जीवन में आर्थिक और मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। हम आपको शकट योग से जुड़ी कुछ खास जानकारियां बताएंगे साथ ही उसके प्रभाव, निर्माण और निवारण भी बताएंगे. तो सबसे पहले बताते हैं कब बनता है शकट योग.

शकट योग कब बनता है?

शकट योग मुख्य रूप से तब बनता है जब:

चंद्रमा और बृहस्पति के बीच केंद्र में संबंध न हो:

  • यदि चंद्रमा और बृहस्पति किसी कुंडली में केंद्र स्थान (1, 4, 7, 10) में नहीं हैं, बल्कि 6ठे, 8वें या 12वें भाव में स्थित हैं।

बृहस्पति चंद्रमा से 6ठे, 8वें, या 12वें भाव में हो:

  • ये स्थिति शुभ बृहस्पति के प्रभाव को कम कर देती है और चंद्रमा भी कमजोर हो जाता है।

चंद्रमा या बृहस्पति अशुभ ग्रहों (राहु, केतु, शनि) से प्रभावित हों:

  • यदि इन ग्रहों के बीच पाप ग्रहों की युति या दृष्टि हो, तो ये योग और भी अशुभ परिणाम देता है।

शकट योग के प्रभाव

शकट योग बनने से व्यक्ति को जीवन में निम्नलिखित परेशानियां हो सकती हैं:

आर्थिक उतार-चढ़ाव:

  • व्यक्ति के जीवन में धन की हानि, अस्थिरता, और कर्ज जैसी समस्याएं बनी रहती हैं।

स्वास्थ्य समस्याएं:

  • मानसिक तनाव, चंद्रमा की कमजोरी के कारण भावनात्मक असंतुलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

परिवारिक समस्याएं:

  • पारिवारिक जीवन में विवाद, अशांति और अस्थिरता हो सकती है।

कैरियर में बाधाएं:

  • व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में निरंतर संघर्ष करता है और उसे बार-बार असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है।

मन की अशांति:

  • चंद्रमा की दुर्बलता से मानसिक तनाव और निर्णय लेने में कठिनाई होती है।

क्या शकट योग को टाला जा सकता है?

हालांकि शकट योग को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके प्रभाव को कम करने के उपाय किए जा सकते हैं।

शकट योग को दूर करने के उपाय

गुरु और चंद्रमा की पूजा करें:

  • हर गुरुवार भगवान बृहस्पति (विष्णु) और सोमवार को भगवान शिव की पूजा करें।
  • शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।

गुरु का मंत्र जाप करें:

  • ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।

चंद्रमा का मंत्र जाप करें:

  • ॐ सों सोमाय नमः मंत्र का प्रतिदिन जाप करें।

दान करें:

  • गुरुवार को पीले वस्त्र, चने की दाल, गुड़, और केसर का दान करें।
  • सोमवार को चावल, दूध, और सफेद वस्त्र का दान करें।

रत्न धारण करें:

  • बृहस्पति के लिए पुखराज और चंद्रमा के लिए मोती (मोती रत्न) धारण करें।
  • (केवल ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही रत्न धारण करें।)

व्रत करें:

  • गुरुवार और सोमवार का व्रत रखें।

हनुमान जी की उपासना करें:

  • हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें और मंगलवार को बजरंग बली को चोला चढ़ाएं।

शकट योग में सुधार के लिए दशा का प्रभाव

  • शकट योग का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में गुरु की महादशा और चंद्रमा की महादशा के दौरान अधिक होता है।
  • उपाय करने से इन दशाओं के दौरान अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।

शकट योग में शुभ ग्रहों का प्रभाव

  • यदि कुंडली में बृहस्पति या चंद्रमा उच्च राशि में हों या किसी शुभ ग्रह (जैसे बुध या शुक्र) के प्रभाव में हों, तो शकट योग का असर कम हो सकता है।
  • यदि लग्नेश और नवम भाव (भाग्य स्थान) मजबूत हों, तो व्यक्ति को इस योग के बावजूद सफलता मिल सकती है।

शकट योग से संबंधित कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलु:

शकट योग और दशाओं का महत्व

शकट योग का प्रभाव उस समय अधिक प्रबल हो सकता है जब व्यक्ति की कुंडली में गुरु (बृहस्पति) या चंद्रमा की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो। अगर गुरु या चंद्रमा कमजोर हों या अशुभ भावों में स्थित हों, तो इस दौरान आर्थिक और मानसिक परेशानियां बढ़ सकती हैं। वहीं, अगर किसी शुभ ग्रह की महादशा साथ में हो, तो ये योग का अशुभ प्रभाव कम कर सकता है।

निष्कर्ष:

शकट योग जीवन में कठिनाइयों का संकेत देता है, लेकिन सही उपाय और सकारात्मक सोच से इन परेशानियों को कम किया जा सकता है। कुंडली का विश्लेषण कर किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।

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Published by Sri Mandir·January 16, 2025

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