शकट योग व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, कठिनाई और मानसिक तनाव का संकेत हो सकता है। हालांकि, सही उपायों से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
शकट योग एक अशुभ योग है, जो तब बनता है जब चंद्रमा और गुरु छठे, आठवें या बारहवें भाव में एक-दूसरे से स्थित होते हैं। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक अस्थिरता, मानसिक तनाव और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यदि कुंडली में अन्य शुभ योग या ग्रह मजबूत स्थिति में हों, तो इसके नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। उपायों से इसके प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
शकट योग एक अशुभ योग माना जाता है, जो किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा और बृहस्पति की विशेष स्थिति के कारण बनता है। इस योग का नाम "शकट" इसलिए रखा गया है क्योंकि ये योग व्यक्ति के जीवन को गाड़ी (शकट/रथ) की तरह उतार-चढ़ाव भरा बना देता है। इस योग के कारण जीवन में आर्थिक और मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। हम आपको शकट योग से जुड़ी कुछ खास जानकारियां बताएंगे साथ ही उसके प्रभाव, निर्माण और निवारण भी बताएंगे. तो सबसे पहले बताते हैं कब बनता है शकट योग.
शकट योग मुख्य रूप से तब बनता है जब:
शकट योग बनने से व्यक्ति को जीवन में निम्नलिखित परेशानियां हो सकती हैं:
हालांकि शकट योग को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके प्रभाव को कम करने के उपाय किए जा सकते हैं।
शकट योग का प्रभाव उस समय अधिक प्रबल हो सकता है जब व्यक्ति की कुंडली में गुरु (बृहस्पति) या चंद्रमा की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो। अगर गुरु या चंद्रमा कमजोर हों या अशुभ भावों में स्थित हों, तो इस दौरान आर्थिक और मानसिक परेशानियां बढ़ सकती हैं। वहीं, अगर किसी शुभ ग्रह की महादशा साथ में हो, तो ये योग का अशुभ प्रभाव कम कर सकता है।
शकट योग जीवन में कठिनाइयों का संकेत देता है, लेकिन सही उपाय और सकारात्मक सोच से इन परेशानियों को कम किया जा सकता है। कुंडली का विश्लेषण कर किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।
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जानें कुंडली के 12 भाव का महत्व, उनके कारक ग्रह और जीवन में उनके प्रभाव के बारे में।
चंद्र मंगल योग तब बनता है जब कुंडली में चंद्रमा और मंगल ग्रह एक साथ शुभ स्थान पर स्थित होते हैं। यह योग व्यक्ति को साहस, मानसिक शक्ति, और सफलता प्रदान करता है।
विपरीत राजयोग तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ ग्रह एक साथ जुड़कर सकारात्मक परिणाम उत्पन्न करते हैं। यह योग व्यक्ति को जीवन की कठिन परिस्थितियों से उबारने और अप्रत्याशित सफलता देने का योग है।