प्रयागराज कुंभ मेले में कैसे पहुंचे 2025 में
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प्रयागराज कुंभ मेले में कैसे पहुंचे 2025 में

2025 में प्रयागराज कुंभ मेले की यात्रा की तैयारी कर रहे हैं? जानिए आसान और सबसे तेज़ रास्ते – ट्रेन, बस, और हवाई मार्ग से अपनी यात्रा को सुगम बनाएं!

कुंभ मेले में कैसे पहुंचे इसके बारे में

प्रयागराज कुंभ मेला 2025 में संगम तट पर आयोजित होगा, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है। इस लेख के माध्यम से आप कुम्भ मेले में पहुँचने की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

प्रयागराज कुंभ मेले में कैसे पहुंचे

प्रयागराज कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। यह हर 12 साल में एक बार प्रयागराज (अलाहाबाद) में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित किया जाता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु दुनिया भर से आते हैं। साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है। यह 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक चलेगा। देश के हर कोने-कोने से लोग प्रयागराज पहुंचेंगे।

कुंभ मेले में कैसे पहुंचे?

फ्लाइट से कैसे पहुंचे:

अगर आप महाकुंभ में शामिल होने के लिए हवाई मार्ग से प्रयागराज पहुंचना चाहते हैं तो आप देश के किसी भी कोने से प्रयागराज पहुंच सकते हैं। इसके लिए आप दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई आदि शहरों से फ्लाइट लेकर प्रयागराज पहुंच सकते हैं। बता दें कि प्रयागराज (इलाहाबाद) का अपना हवाई अड्डा है, लेकिन कई शहरों से सीमित उड़ानें हैं। ऐसे में आप देश के किसी भी शहर से वाराणसी (करीब 120 किमी) और लखनऊ (करीब 200 किमी) एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। वाराणसी या लखनऊ पहुंचने के बाद आप हवाई अड्डे से टैक्सी या कैब किराए पर लेकर प्रयागराज पहुंच सकते हैं। हालांकि, फ्लाइट से प्रयागराज जाने में आपको अधिक खर्च करना पड़ सकता है।

ट्रेन से कैसे पहुंचे:

अगर आप ट्रेन के जरिए प्रयागराज पहुंचना चाहते हैं तो आप देश के किसी भी कोने से ट्रेन के जरिए पहुंच सकते हैं। ट्रेन से प्रयागराज पहुंचना आसान और सस्ता माना जाता है। प्रयागराज (इलाहाबाद) भारतीय रेलवे के उत्तर-मध्य डिवीजन का मुख्यालय है और लगभग हर प्रमुख शहर और राज्य से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, कानपुर, पटना, झारखंड, आगर आदि कई बड़े शहरों से प्रयागराज के लिए ट्रेनें चलती हैं। आप दिल्ली से प्रयागराज तक चलने वाली ट्रेन संख्या 22436,12312,18310,12488 के लिए टिकट बुक कर सकते हैं। इसके अलावा आप पटना से चलने वाली ट्रेन संख्या 19484, 07008 और 05585 के लिए टिकट बुक कर सकते हैं।

सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे:

अगर आप सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर से पहुंच सकते हैं। प्रयागराज कानपुर, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर जैसे कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा भी प्रयागराज पहुंचा जा सकता है। बता दें कि प्रयागराज शहर NH-2 पर पड़ता है जो दिल्ली से कोलकाता तक है। आगरा से प्रयागराज के लिए भी बसें चलती हैं। दिल्ली से प्रयागराज लगभग 700 किमी (लगभग 10 घंटे की ड्राइव), लखनऊ से प्रयागराज लगभग 250 किमी (लगभग 5-6 घंटे की ड्राइव), वाराणसी से प्रयागराज लगभग 120 किमी (लगभग 4- घंटे की ड्राइव), कानपुर से प्रयागराज लगभग 200 किमी (लगभग 4-5 घंटे की ड्राइव)।

कुंभ मेले का महत्व

हिंदू धर्म में कुंभ मेले का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दौरान स्नान करने से मोक्ष मिलता है। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का एक अनूठा उदाहरण है। यहां आप विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों को एक साथ देख सकते हैं। कुंभ मेला एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां आप विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों और मेले का आनंद ले सकते हैं।

कुंभ मेले में क्या करें

  • कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण संगम स्नान है। मान्यता है कि इस दौरान स्नान करने से पापों का नाश होता है।
  • मेले में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं जैसे कि हवन, यज्ञ और आरती।
  • मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे कि संगीत, नृत्य और नाटक का आयोजन किया जाता है।
  • मेले में आप विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद ले सकते हैं।
  • मेले में आप विभिन्न प्रकार के धार्मिक सामान, हस्तशिल्प और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं।

कुंभ मेले में जाने के टिप्स

  • कुंभ मेले में भीड़ बहुत होती है, इसलिए अपनी यात्रा की योजना पहले से बना लें।
  • महाकुंभ में जाने के लिए फ्लाइट, ट्रेन या बस का टिकट बुक कर लें।
  • मेले में ठहरने के लिए पहले से होटल या धर्मशाला बुक कर लें।
  • अपने साथ पर्याप्त पानी और भोजन ले जाएं।
  • महाकुंभ में भीड़ बहुत होती है, ऐसे में अपने सामान का विशेष रूप से ध्यान रखें।
  • अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सावधान रहें।
  • मेले को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दें।
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Published by Sri Mandir·January 3, 2025

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