मां काली हिंदू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें शक्ति और विनाश की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे पार्वती का एक उग्र रूप हैं और ब्रह्मांड की सृष्टि, पालन और संहार की शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। मां काली का मूल मंत्र, उनके भक्तों द्वारा उनके आशीर्वाद और शक्ति प्राप्त करने के लिए जापा जाता है।
मां काली मूल मंत्र | Maa Kali Mool Mantra
क्रीं बीज मंत्र
यह मां काली का सबसे सरल और शक्तिशाली बीज मंत्र माना जाता है। इसका जाप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं यह मंत्र मां काली को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करने में सहायक माना जाता है।
श्री दक्षिणा काली मंत्र
यह मंत्र दक्षिणा काली के रूप में मां काली की पूजा करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र शत्रुओं से रक्षा और सफलता प्राप्त करने में सहायक माना जाता है।
मां काली मूल मंत्र कैसे पढ़ने चाहिए | Maa Kali Mool Mantra Kaise Padhna Chaiye
मां काली का मंत्र जाप एक पवित्र और शक्तिशाली अनुष्ठान है। इसे सही तरीके से करने से बहुत लाभ मिल सकते हैं। आइए जानते हैं कि मां काली का मंत्र जाप कैसे करना चाहिए। · मंत्र जाप से पहले स्नान करके शरीर को शुद्ध कर लें। · साफ और सफेद वस्त्र धारण करें। · एक साफ और शांत स्थान पर आसन बिछाकर बैठें। · पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें। · रुद्राक्ष या तुलसी की माला का उपयोग करें। · मां काली की मूर्ति या चित्र सामने रखें। · मंत्र जाप करते समय मां काली के प्रति अगाध श्रद्धा और भक्ति रखें। · मंत्र को ध्यानपूर्वक और स्पष्ट उच्चारण करें। · मंत्र जाप की गति धीमी और स्थिर रखें। · मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या में करें। · मंत्र जाप के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें।
मां काली मूल मंत्र के लाभ | Maa Kali Mool Mantra Benefits
नकारात्मक ऊर्जा का नाश मां काली का मंत्र जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और मन शांत होता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार नियमित रूप से मंत्र जाप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। सकारात्मक ऊर्जा का संचार मंत्र जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में खुशहाली आती है। मनोकामनाओं की पूर्ति मां काली की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मां काली मूल मंत्र: FAQs
Q1. काली मां किसकी बेटी है? Ans. काली मां, माता पार्वती का ही रूप हैं। काली को काली माता, अंधेरी मां, समय या मृत्यु की देवी, और शिव की पत्नी भी कहा जाता है। काली को कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि सती, रुद्राणी, पार्वती, छिन्नमस्तिका, कामाक्षी, उमाक मेनाक्षी, हिमावती, और कुमारी। काली मां की उत्पत्ति के बारे में कहा जाता है कि मां भगवती का वह अंश भगवान शिव के शरीर में प्रवेश कर उनके कंठ में स्थित विष से अपना आकार धारण करने लगा था। विष के प्रभाव से वह काले वर्ण में परिवर्तित हुआ।
Q2. मां काली का दिन कौन सा होता है?
Ans. मां काली की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन अच्छा माना जाता है। माता काली की आराधना के लिए सबसे उपयुक्त समय मध्यरात्रि होता है। इस दिन पवित्र होकर हल्के लाल या गुलाबी वस्त्र पहनकर मां काली के मंदिर में जाएं। गुग्गल की धूप जलाएं और गुलाब के फूल चढ़ाएं। मां काली की मूर्ति के सामने बैठकर अपनी समस्याओं के खत्म होने की प्रार्थना करें।
Q3. काली माता का असली नाम क्या है?
Ans. काली माता को कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि कालिका, क्रोधकाली, क्रोधेश्वरी, कृष्णा क्रोधिनी। तिब्बत में उन्हें 'त्रोमा नग्मो' कहा जाता है। काली माता को हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवी माना जाता है
Q4. काली माता का वाहन कौन सा है?
Ans. कालरात्रि माता गर्दभ या शेर पर सवार होती हैं। कालरात्रि माता को काली और शुभंकरी भी कहा जाता है। कालरात्रि को माता दुर्गा की सातवीं शक्ति माना जाता है। नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि की पूजा की जाती है।