नीलम रत्न पहनने से तेजी से बदल सकती है किस्मत, लेकिन गलत चयन से बढ़ सकती हैं परेशानियां! जानें सही पहनने की विधि और असली नीलम की पहचान।
नीलम रत्न शनि ग्रह से संबंधित है। इसे पहनने से करियर, स्वास्थ्य और वित्तीय स्थिति में तेजी से सुधार होता है। यह रत्न उन्नति, स्थिरता और सफलता दिलाता है। नीलम अचानक धन लाभ, कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय और बुरी नजर से बचाव करता है। आइये जानते हैं इसके बारे में...
नीलम (ब्लू सैफायर) एक कीमती रत्न है, जो मुख्य रूप से नीले रंग में पाया जाता है। यह रत्न शनि ग्रह से जुड़ा हुआ है और ज्योतिष में इसे विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है। नीलम धारण करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, बुद्धि, आत्मविश्वास और सफलता बढ़ती है। यह विपरीत परिस्थितियों में रक्षा करता है, लेकिन इसे धारण करने से पहले ज्योतिषीय परामर्श लेना आवश्यक होता है, क्योंकि यह तुरंत प्रभाव दिखाने वाला रत्न है।
• शुभ दिन – शनिवार • शुभ समय – सूर्यास्त से पहले, शनि होरा या शनि प्रधान मुहूर्त में • शुभ तिथि – शुक्ल पक्ष का शनिवार अधिक शुभ माना जाता है
• रत्न का वजन – कम से कम 5 कैरेट (व्यक्ति की कुंडली के अनुसार) • धातु – चाँदी, पंचधातु या सोना (चाँदी सबसे उत्तम) • उच्च गुणवत्ता – श्रीलंका, बर्मा, या कश्मीर का नीलम श्रेष्ठ माना जाता है
शनिवार को पहनने से पहले यह करें- नीलम को शुद्ध करें – एक कटोरी में गंगाजल, कच्चा दूध, तुलसी के पत्ते, शहद और शुद्ध जल मिलाकर नीलम को 20-30 मिनट रखें।
• ॐ शं शनैश्चराय नमः (108 बार) • या ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः (108 बार) • ध्यान करें – शनिदेव का ध्यान करें और अपनी मनोकामना प्रकट करें। • उँगली में धारण करें – मध्यमा उंगली (मिडिल फिंगर) में पहनें।
सफलता और धन-संपत्ति में वृद्धि नीलम पहनने से व्यक्ति के व्यवसाय और करियर में सफलता मिलती है। यह अचानक धन लाभ और समृद्धि लाने वाला रत्न माना जाता है।
मानसिक शांति और फोकस यह रत्न तनाव, चिंता और डिप्रेशन को दूर करता है। मानसिक संतुलन बनाए रखता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
शत्रुओं से रक्षा और सुरक्षा नीलम बुरी नजर, तंत्र-मंत्र और शत्रु बाधा से बचाने में अत्यंत प्रभावी होता है। यह व्यक्ति की आभा (Aura) को मजबूत करता है।
स्वास्थ्य लाभ नीलम पहनने से गठिया, हड्डी से जुड़ी समस्याओं, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों में राहत मिल सकती है।
यात्रा और दुर्घटनाओं से बचाव यदि कोई व्यक्ति बार-बार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहा हो या यात्रा में बाधाएँ आ रही हों, तो नीलम इनसे बचाने में मदद करता है।
आध्यात्मिक उन्नति यह रत्न ध्यान और साधना करने वालों के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह सातवें चक्र (सहस्रार चक्र) को सक्रिय करता है और आत्मिक विकास में सहायक होता है।
गलत व्यक्ति के लिए अशुभ परिणाम यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह अनुकूल न हो, तो नीलम पहनने से जीवन में अचानक समस्याएँ आ सकती हैं, जैसे—आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य समस्याएँ और मानसिक तनाव।
अत्यधिक प्रभावशाली (जल्दी असर दिखाने वाला रत्न) नीलम 72 घंटे के भीतर असर दिखाना शुरू कर देता है। यदि यह अनुकूल है, तो तुरंत लाभ मिलता है, लेकिन यदि प्रतिकूल हो, तो भारी नुकसान हो सकता है।
संबंधों में दरार और अकेलापन यदि यह किसी व्यक्ति के लिए उपयुक्त न हो, तो रिश्तों में खटास आ सकती है। व्यक्ति का व्यवहार रूखा और अकेलापन बढ़ सकता है।
दुर्घटनाओं और अपमान का कारण यदि यह रत्न अनुकूल न हो, तो व्यक्ति को बार-बार दुर्घटनाओं, कानूनी समस्याओं, और सामाजिक अपमान का सामना करना पड़ सकता है।
अनिद्रा और मानसिक तनाव कुछ लोगों को नीलम पहनने के बाद अनिद्रा, बुरे सपने और मानसिक अस्थिरता की समस्या हो सकती है।
नीलम को हमेशा दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली (Middle Finger) में पहनना चाहिए। कारण-
• मध्यमा उंगली शनि ग्रह से संबंधित होती है, और नीलम शनि का रत्न है। • यह उंगली संतुलन, अनुशासन, और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक है, जो शनि ग्रह के गुण हैं। • इससे रत्न का पूरा प्रभाव मिलता है और व्यक्ति के जीवन में शनि ग्रह से संबंधित सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।
अन्य राशियाँ जो नीलम पहन सकती हैं (ज्योतिषीय सलाह के बाद ही)
वृषभ (Taurus) ♉️ शनि छठे घर का स्वामी होता है, जिससे व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक स्थिरता मिलती है।
तुला (Libra) ♎️ तुला राशि के लिए शनि योगकारक ग्रह होता है, जिससे यह व्यवसाय और करियर में उन्नति देता है।
मिथुन (Gemini) ♊️ और कन्या (Virgo) ♍️ यदि शनि कुंडली में शुभ स्थान पर हो, तो यह आर्थिक उन्नति और बौद्धिक वृद्धि में सहायक होता है।
यदि नीलम अनुकूल हो तो क्या लक्षण दिखते हैं?
दिन: शनिवार
नीलम को सही धातु में पहनना बेहद जरूरी है ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नीलम को चाँदी (Silver), पंचधातु (Five Metals) या सफेद सोने (White Gold) में पहनना शुभ होता है।
असली नीलम का रंग गहरा नीला (रॉयल ब्लू) होता है, लेकिन अधिक गहरा या हल्का नहीं होना चाहिए। उसमें चमक नैचुरल और संतुलित होती है, जबकि नकली नीलम में कृत्रिम चमक अधिक हो सकती है।
नीलम बहुत कठोर (Mohs स्केल पर 9) होता है और इसे आसानी से खरोंचा नहीं जा सकता। इसे किसी कांच की सतह पर रगड़ें, अगर कांच पर खरोंच आ जाए और नीलम पर कोई असर न हो, तो यह असली हो सकता है।
असली नीलम में हल्की नैचुरल अशुद्धियां हो सकती हैं, लेकिन उसमें हवा के बुलबुले नहीं होंगे। सिंथेटिक या नकली नीलम में अक्सर छोटे-छोटे बुलबुले होते हैं।
असली नीलम ठंडा महसूस होता है और हाथ में पकड़ने पर तुरंत गर्म नहीं होता। नकली नीलम जल्दी गर्म हो सकता है।
UV लाइट के नीचे असली नीलम हल्की फ्लोरोसेंस (नीली या बैंगनी चमक) दिखा सकता है। नकली या ग्लास से बने नीलम में यह प्रभाव नहीं होगा।
असली नीलम पानी में सीधा डूब जाएगा, जबकि नकली हल्का हो सकता है और तैर सकता है।
10x मैग्निफायर से देखने पर असली नीलम में नैचुरल लाइन्स और इन्क्लूज़न दिख सकते हैं। सिंथेटिक नीलम में बहुत साफ सतह होगी, जो असामान्य लग सकती है।
किसी जेमोलॉजिस्ट से इसकी जाँच करवाकर सर्टिफिकेट लें। विश्वसनीय स्रोत से खरीदी गई नीलम के साथ प्रमाणपत्र जरूर लें।
नोट - अगर आप नीलम खरीद रहे हैं, तो विश्वसनीय ज्वेलरी स्टोर से ही खरीदें और जेमोलॉजिकल रिपोर्ट की मांग करें।
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