नीलम पहनने की विधि, फायदे-नुकसान, कीमत और असली नीलम की पहचान
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नीलम पहनने की विधि, फायदे-नुकसान, कीमत और असली नीलम की पहचान

नीलम रत्न पहनने से तेजी से बदल सकती है किस्मत, लेकिन गलत चयन से बढ़ सकती हैं परेशानियां! जानें सही पहनने की विधि और असली नीलम की पहचान।

नीलम पहनने के बारे में

नीलम रत्न शनि ग्रह से संबंधित है। इसे पहनने से करियर, स्वास्थ्य और वित्तीय स्थिति में तेजी से सुधार होता है। यह रत्न उन्नति, स्थिरता और सफलता दिलाता है। नीलम अचानक धन लाभ, कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय और बुरी नजर से बचाव करता है। आइये जानते हैं इसके बारे में...

नीलम रत्न

नीलम (ब्लू सैफायर) एक कीमती रत्न है, जो मुख्य रूप से नीले रंग में पाया जाता है। यह रत्न शनि ग्रह से जुड़ा हुआ है और ज्योतिष में इसे विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है। नीलम धारण करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, बुद्धि, आत्मविश्वास और सफलता बढ़ती है। यह विपरीत परिस्थितियों में रक्षा करता है, लेकिन इसे धारण करने से पहले ज्योतिषीय परामर्श लेना आवश्यक होता है, क्योंकि यह तुरंत प्रभाव दिखाने वाला रत्न है।

नीलम पहनने की विधि

नीलम पहनने का शुभ दिन और समय

• शुभ दिन – शनिवार • शुभ समय – सूर्यास्त से पहले, शनि होरा या शनि प्रधान मुहूर्त में • शुभ तिथि – शुक्ल पक्ष का शनिवार अधिक शुभ माना जाता है

नीलम की शुद्धता और धातु का चयन

• रत्न का वजन – कम से कम 5 कैरेट (व्यक्ति की कुंडली के अनुसार) • धातु – चाँदी, पंचधातु या सोना (चाँदी सबसे उत्तम) • उच्च गुणवत्ता – श्रीलंका, बर्मा, या कश्मीर का नीलम श्रेष्ठ माना जाता है

नीलम पहनने की विधि

शनिवार को पहनने से पहले यह करें- नीलम को शुद्ध करें – एक कटोरी में गंगाजल, कच्चा दूध, तुलसी के पत्ते, शहद और शुद्ध जल मिलाकर नीलम को 20-30 मिनट रखें।

इन मंत्रों का जाप करें

• ॐ शं शनैश्चराय नमः (108 बार) • या ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः (108 बार) • ध्यान करें – शनिदेव का ध्यान करें और अपनी मनोकामना प्रकट करें। • उँगली में धारण करें – मध्यमा उंगली (मिडिल फिंगर) में पहनें।

नीलम के फायदे और नुकसान

नीलम पहनने के फायदे

सफलता और धन-संपत्ति में वृद्धि नीलम पहनने से व्यक्ति के व्यवसाय और करियर में सफलता मिलती है। यह अचानक धन लाभ और समृद्धि लाने वाला रत्न माना जाता है।

मानसिक शांति और फोकस यह रत्न तनाव, चिंता और डिप्रेशन को दूर करता है। मानसिक संतुलन बनाए रखता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

शत्रुओं से रक्षा और सुरक्षा नीलम बुरी नजर, तंत्र-मंत्र और शत्रु बाधा से बचाने में अत्यंत प्रभावी होता है। यह व्यक्ति की आभा (Aura) को मजबूत करता है।

स्वास्थ्य लाभ नीलम पहनने से गठिया, हड्डी से जुड़ी समस्याओं, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों में राहत मिल सकती है।

यात्रा और दुर्घटनाओं से बचाव यदि कोई व्यक्ति बार-बार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहा हो या यात्रा में बाधाएँ आ रही हों, तो नीलम इनसे बचाने में मदद करता है।

आध्यात्मिक उन्नति यह रत्न ध्यान और साधना करने वालों के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह सातवें चक्र (सहस्रार चक्र) को सक्रिय करता है और आत्मिक विकास में सहायक होता है।

नीलम पहनने के नुकसान

गलत व्यक्ति के लिए अशुभ परिणाम यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह अनुकूल न हो, तो नीलम पहनने से जीवन में अचानक समस्याएँ आ सकती हैं, जैसे—आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य समस्याएँ और मानसिक तनाव।

अत्यधिक प्रभावशाली (जल्दी असर दिखाने वाला रत्न) नीलम 72 घंटे के भीतर असर दिखाना शुरू कर देता है। यदि यह अनुकूल है, तो तुरंत लाभ मिलता है, लेकिन यदि प्रतिकूल हो, तो भारी नुकसान हो सकता है।

संबंधों में दरार और अकेलापन यदि यह किसी व्यक्ति के लिए उपयुक्त न हो, तो रिश्तों में खटास आ सकती है। व्यक्ति का व्यवहार रूखा और अकेलापन बढ़ सकता है।

दुर्घटनाओं और अपमान का कारण यदि यह रत्न अनुकूल न हो, तो व्यक्ति को बार-बार दुर्घटनाओं, कानूनी समस्याओं, और सामाजिक अपमान का सामना करना पड़ सकता है।

अनिद्रा और मानसिक तनाव कुछ लोगों को नीलम पहनने के बाद अनिद्रा, बुरे सपने और मानसिक अस्थिरता की समस्या हो सकती है।

नीलम की कीमत

  • नीला नीलम रत्न मूल्य : 25000 INR.
  • प्राकृतिक नीला नीलम (नीलम) रत्न मूल्य : 40000 INR.
  • पीला नीलम पुखराज रत्न मूल्य : 3000 INR.
  • Blue Sapphire Gemstone - Stone Type: Natural. मूल्य : 15000.00 INR.

नीलम किस उंगली में पहनना चाहिए

नीलम को हमेशा दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली (Middle Finger) में पहनना चाहिए। कारण-

• मध्यमा उंगली शनि ग्रह से संबंधित होती है, और नीलम शनि का रत्न है। • यह उंगली संतुलन, अनुशासन, और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक है, जो शनि ग्रह के गुण हैं। • इससे रत्न का पूरा प्रभाव मिलता है और व्यक्ति के जीवन में शनि ग्रह से संबंधित सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।

नीलम किस राशि को पहनना चाहिए

  1. मकर (Capricorn) ♑️ और कुंभ (Aquarius) ♒️ सबसे उपयुक्त राशि: मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं, इसलिए इनके लिए नीलम बहुत शुभ और लाभकारी होता है। फायदे- जीवन में स्थिरता, करियर में सफलता, धन, आत्मविश्वास और सुरक्षा प्रदान करता है।

अन्य राशियाँ जो नीलम पहन सकती हैं (ज्योतिषीय सलाह के बाद ही)

  1. वृषभ (Taurus) ♉️ शनि छठे घर का स्वामी होता है, जिससे व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक स्थिरता मिलती है।

  2. तुला (Libra) ♎️ तुला राशि के लिए शनि योगकारक ग्रह होता है, जिससे यह व्यवसाय और करियर में उन्नति देता है।

  3. मिथुन (Gemini) ♊️ और कन्या (Virgo) ♍️ यदि शनि कुंडली में शुभ स्थान पर हो, तो यह आर्थिक उन्नति और बौद्धिक वृद्धि में सहायक होता है।

नीलम कितने दिन में असर दिखाता है

  • पहला असर: 24 घंटे से 72 घंटे (1-3 दिन) के भीतर नीलम अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है।
  • पूर्ण प्रभाव: 30 से 45 दिनों के अंदर नीलम का पूरा असर अनुभव किया जा सकता है।
  • दीर्घकालिक लाभ: 2 से 5 वर्षों तक यह रत्न सकारात्मक प्रभाव प्रदान करता है।

यदि नीलम अनुकूल हो तो क्या लक्षण दिखते हैं?

  • अचानक धन लाभ
  • करियर और व्यवसाय में सफलता
  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि
  • स्वास्थ्य में सुधार
  • शत्रुओं से मुक्ति और कानूनी मामलों में विजय

नीलम किस दिन पहनना चाहिए?

दिन: शनिवार

  • मुहूर्त: प्रातः काल (सुबह) या सूर्यास्त से पहले (शनि होरा में पहनना उत्तम माना जाता है)
  • तिथि: शुक्ल पक्ष के शनिवार को पहनना अधिक शुभ होता है।
  • नक्षत्र: पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में पहनना उत्तम रहता है।

नीलम पहनने की विधि

  • नीलम को पहनने से पहले शुद्ध करें – इसे गंगाजल, दूध, शहद और तुलसी के पत्तों वाले जल में 30 मिनट के लिए रखें।
  • मंत्र जाप करें – नीलम धारण करने से पहले "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • धारण करने की उंगली: मध्यमा उंगली (Middle Finger) में पहनें।
  • धातु: नीलम को चाँदी, पंचधातु या सफेद सोने (White Gold) में जड़वाना चाहिए।
  • पहले 3 दिन तक असर पर ध्यान दें – यदि कोई नकारात्मक प्रभाव महसूस हो, तो इसे तुरंत हटा दें और ज्योतिषी से परामर्श लें।

नीलम किस धातु में पहने

नीलम को सही धातु में पहनना बेहद जरूरी है ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नीलम को चाँदी (Silver), पंचधातु (Five Metals) या सफेद सोने (White Gold) में पहनना शुभ होता है।

चाँदी (Silver) – सबसे श्रेष्ठ धातु

  • शनि ग्रह से संबंधित होती है, इसलिए नीलम का प्रभाव बढ़ाती है।
  • आर्थिक और मानसिक शांति प्रदान करती है।
  • मध्यम बजट वालों के लिए सबसे अच्छा विकल्प।

पंचधातु (Five Metals) – वैदिक ज्योतिष के अनुसार श्रेष्ठ

  • पंचधातु (सोना, चाँदी, तांबा, जस्ता, और लोहा) नीलम की ऊर्जा को संतुलित करता है।
  • यदि कुंडली में शनि मध्यम प्रभावशाली है, तो इसे धारण करना शुभ होता है।

सफेद सोना (White Gold) – उच्च वर्ग के लिए लोकप्रिय विकल्प

  • यह स्टाइलिश और आधुनिक दिखता है।
  • हालांकि, चाँदी या पंचधातु की तुलना में इसका प्रभाव थोड़ा कम हो सकता है।

नीलम किसे पहनना चाहिए?

मकर (Capricorn) और कुंभ (Aquarius) ♒️ राशि वाले

  • शनि देव इन राशियों के स्वामी हैं, इसलिए इनके लिए नीलम धारण करना अत्यधिक शुभ होता है। यह करियर, धन, स्वास्थ्य और मानसिक शांति में मदद करता है।

वृषभ (Taurus) ♉️ और तुला (Libra) ♎️ राशि वाले

  • यदि कुंडली में शनि शुभ स्थान पर हो, तो नीलम धारण करने से व्यापार, करियर और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
  • शनि की महादशा या साढ़े साती झेल रहे लोग
  • यदि आपकी कुंडली में साढ़े साती, ढैय्या, या शनि की महादशा/अंतर्दशा चल रही हो और कष्ट हो रहे हों, तो नीलम अत्यंत लाभकारी हो सकता है।
  • न्याय, प्रशासन और रिस्क लेने वाले प्रोफेशन के लोग
  • न्यायाधीश, वकील, नेता, पुलिस अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर, रिसर्चर, खदान/तेल उद्योग से जुड़े लोग इसे पहन सकते हैं।

असली नीलम की पहचान

रंग और चमक की जांच करें

असली नीलम का रंग गहरा नीला (रॉयल ब्लू) होता है, लेकिन अधिक गहरा या हल्का नहीं होना चाहिए। उसमें चमक नैचुरल और संतुलित होती है, जबकि नकली नीलम में कृत्रिम चमक अधिक हो सकती है।

स्क्रैच टेस्ट (कठोरता जांचें)

नीलम बहुत कठोर (Mohs स्केल पर 9) होता है और इसे आसानी से खरोंचा नहीं जा सकता। इसे किसी कांच की सतह पर रगड़ें, अगर कांच पर खरोंच आ जाए और नीलम पर कोई असर न हो, तो यह असली हो सकता है।

बुलबुले और अशुद्धियों की जांच करें

असली नीलम में हल्की नैचुरल अशुद्धियां हो सकती हैं, लेकिन उसमें हवा के बुलबुले नहीं होंगे। सिंथेटिक या नकली नीलम में अक्सर छोटे-छोटे बुलबुले होते हैं।

तापमान (थर्मल) टेस्ट करें

असली नीलम ठंडा महसूस होता है और हाथ में पकड़ने पर तुरंत गर्म नहीं होता। नकली नीलम जल्दी गर्म हो सकता है।

फ्लोरोसेंस टेस्ट (UV लाइट टेस्ट)

UV लाइट के नीचे असली नीलम हल्की फ्लोरोसेंस (नीली या बैंगनी चमक) दिखा सकता है। नकली या ग्लास से बने नीलम में यह प्रभाव नहीं होगा।

पानी में डालकर जांचें

असली नीलम पानी में सीधा डूब जाएगा, जबकि नकली हल्का हो सकता है और तैर सकता है।

मैग्निफायर से जांच करें

10x मैग्निफायर से देखने पर असली नीलम में नैचुरल लाइन्स और इन्क्लूज़न दिख सकते हैं। सिंथेटिक नीलम में बहुत साफ सतह होगी, जो असामान्य लग सकती है।

एक्सपर्ट से प्रमाणित करवाएं

किसी जेमोलॉजिस्ट से इसकी जाँच करवाकर सर्टिफिकेट लें। विश्वसनीय स्रोत से खरीदी गई नीलम के साथ प्रमाणपत्र जरूर लें।

नोट - अगर आप नीलम खरीद रहे हैं, तो विश्वसनीय ज्वेलरी स्टोर से ही खरीदें और जेमोलॉजिकल रिपोर्ट की मांग करें।

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Published by Sri Mandir·April 11, 2025

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