नाग स्तोत्रम् पढ़ने का महत्व
नाग स्तोत्रम् पढ़ने का महत्व

नाग स्तोत्रम् पढ़ने का महत्व

पढ़ें काल सर्प दोष निवारण के लिए


नाग स्तोत्रम् विशेष (Naag Stotram)

नाग स्तोत्र नाग देवता को समर्पित है। इस स्त्रोत के जरिये उन्हें धन्यवाद व्यक्त किया गया है कि उन्होंने सम्पूर्ण पृथ्वी का भार अपने मणि पर धारण किया हुआ है। हिन्दू धर्म में नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा अर्चना करने का विधान है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग होता है उसे भी इस स्त्रोत का पाठ करने से फल की प्राप्ति होती है। इस स्त्रोत का पाठ करने से सर्प भय से भी मुक्ति मिलती है।

नाग स्तोत्रम् का महत्व (Importance of Nag Stotra)

हिन्दू मान्यताओं में नाग देवता को पूजनीय स्थान प्राप्त है। इसलिए उनकी पूजा अर्चना की जाती है। देश में उनके कई प्रसिद्ध मंदिर भी बनाए गए हैं। जो व्यक्ति नाग देवता के दर्शन करने के साथ साथ नाग स्तोत्र का पाठ भी करते हैं तो उन्हें कल्याणकारी फल की प्राप्ति होती है। नाग पंचमी के दिन यदि नागों की पूजा की जाए तो उस व्यक्ति को नाग से किसी प्रकार का भय नहीं रहता। नाग पंचमी पर कुश से नाग बनाकर उसकी दूध, दही और घी से पूजा करने और नाग स्तोत्र का पाठ करने से नाग देवता अत्यधिक प्रसन्न होते हैं।

नाग स्तोत्र पढ़ने के फायदे (Benefits of reading Nag Stotra)

  • नाग स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से मनुष्य को सभी क्षेत्रों में विजय की प्राप्ति होती है।
  • काल सर्प दोष निवारण के लिए इस नाग स्तोत्र का नित्य पाठ करना अच्छा माना जाता है।
  • श्राद्ध पक्ष में भी नाग स्तोत्र का पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसलिए श्राद्ध काल में विधिवत तरीके से नाग स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
  • जो जातक इस स्त्रोत का पाठ करता है। तो उसके ऊपर यदि राहु - केतु का दुष्प्रभाव होता है तो वह भी समाप्त हो जाता है।
  • आपको बता दें कि नाग देवता माता लक्ष्मी जी के सेवक माने जाते हैं। वह अमूल्य नागमणि एवं दैव निधियों के प्रहरी भी हैं। इस कारण प्रतिदिन नाग स्त्रोत का पाठ करने से माँ लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। व्यक्ति को कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

नाग स्तोत्र का हिंदी अर्थ (Hindi meaning of Nag Stotra)

नाग स्तोत्रम

ब्रह्म लोके च ये सर्पाः शेषनागाः पुरोगमाः। नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥1॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प ब्रह्म लोक में और शेषनाग के साथ पुरोहित के रूप में हैं, उन सभी सर्पों को मेरी पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

विष्णु लोके च ये सर्पाः वासुकि प्रमुखाश्चये। नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥2॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प विष्णु लोक में हैं और उनमें वासुकी प्रमुख हैं, उन सभी सांपों को मेरी पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

रुद्र लोके च ये सर्पाः तक्षकः प्रमुखास्तथा। नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥3॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प रुद्र लोक में हैं और उनमें तक्षक प्रमुख हैं, उन सभी सर्पों को मेरी पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

खाण्डवस्य तथा दाहे स्वर्गन्च ये च समाश्रिताः। नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥4॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प खाण्डव में हैं और अग्नि के दहन में और स्वर्ग में भी समाहित हैं, उन सभी सर्पों को मेरी पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

सर्प सत्रे च ये सर्पाः अस्थिकेनाभि रक्षिताः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥5॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प यज्ञ सत्र के अवसर पर अस्थिकेन द्वारा रक्षित होते हैं, उन सभी सर्पों को मेरा पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

प्रलये चैव ये सर्पाः कार्कोट प्रमुखाश्चये । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥6॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प प्रलय के समय और कार्कोट प्रमुख सर्प हैं, उन सभी सर्पों को मेरा पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

धर्म लोके च ये सर्पाः वैतरण्यां समाश्रिताः। नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥7॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प धर्म लोक में हैं और वैतरणी नदी में आश्रित हैं, उन सभी सर्पों को मेरा पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

ये सर्पाः पर्वत येषु धारि सन्धिषु संस्थिताः। नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥8॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प पर्वतों में हैं और धारियों के संगमों में स्थित हैं, उन सभी सर्पों को मेरा पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

ग्रामे वा यदि वारण्ये ये सर्पाः प्रचरन्ति च। नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥9॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प गाँवों में या जंगलों में विचरण करते हैं, उन सभी सर्पों को मेरा पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

पृथिव्याम् चैव ये सर्पाः ये सर्पाः बिल संस्थिताः। नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा॥10॥

हिंदी अर्थ - जो सर्प पृथ्वी पर हैं और जमीन के अंदर भी रहते हैं, उन सभी सर्पों को मेरा पूर्ण श्रद्धा भावना के साथ नमस्कार।

रसातले च ये सर्पाः अनन्तादि महाबलाः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥11॥

हिंदी अर्थ - रसातल में जो सर्प हैं, वे अनंत और बहुत बलशाली हैं। मैं उनको नमस्कार करता हूँ, जो हमेशा मेरे प्रति प्रसन्न और आनंदित हों।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?

समान लेख

thumbnail
नवग्रह स्तोत्र | Navagraha Stotram
नवग्रह स्तोत्र नौ ग्रहों की उपासना करने वाला शक्तिशाली स्तोत्र है। इसके पाठ से ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि तथा स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। जानिए सम्पूर्ण पाठ, अर्थ और लाभ।
thumbnail
बृहस्पति स्तोत्र | Brihaspati Stotram
बृहस्पति स्तोत्र भगवान बृहस्पति (गुरु) की स्तुति करने वाला शक्तिशाली स्तोत्र है। इसके नियमित पाठ से जीवन में ज्ञान, धन, वैभव और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जानिए सम्पूर्ण पाठ, अर्थ और लाभ।
thumbnail
श्री तुलसी षोडशकनाम स्तोत्रम् | Shri Tulsi Shodashkanam Stotram
श्री तुलसी षोडशकनाम स्तोत्रम् तुलसी जी के पवित्र रूप और गुणों की स्तुति करने वाला दिव्य स्तोत्र है। इसके पाठ से भक्त को मानसिक शांति, आध्यात्मिक बल और भगवान की कृपा प्राप्त होती है। जानिए सम्पूर्ण पाठ, अर्थ और लाभ।
thumbnail
काली कर्पूर स्तोत्र और उसके फायदे | Kali Karpoor Stotram & Benefits
काली कर्पूर स्तोत्र देवी काली की महिमा का दिव्य स्तोत्र है। इसके पाठ से मानसिक शक्ति बढ़ती है, भय और नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं तथा जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा आती है। जानिए सम्पूर्ण पाठ, अर्थ और स्तोत्र के अद्भुत लाभ।
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 100 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook