जानिए छठ पूजा कब है, नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य की पूरी जानकारी
बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड और अब पूरे भारत में मनाया जाने वाला छठ आस्था का एक महापर्व है। यह पूजा सूर्य देव और उनकी पत्नी उषा देवी की उपासना के रूप में होती है, जिसमें श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ देते हैं। ये पर्व आज इतना लोकप्रिय हो चुका है कि अब इसकी चर्चा विदेशों में भी होने लगी है। छठ एक प्रकृति पर्व है जिसे करने से सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।
छठ पूजा भारत के कई हिस्सों में, खासकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह चार दिवसीय उत्सव सूर्य देवता और उनकी पत्नी छठी माता को समर्पित है। इस पूजा में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय नदी या तालाब में खड़े होकर अर्ध्य देने की परंपरा है। दिवाली के छह दिन बाद छठ पूजा मनाई जाती है। इस पर्व की शुरुआत भाई दूज के तीसरे दिन से होती है, और यह कुल चार दिनों तक चलता है। यह त्योहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। छठ पूजा को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। चौथे, यानि अंतिम दिन व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करते हैं।
दर्शकों, छठ पूजा वैदिक काल से चला आ रहा पर्व है। इस पर्व में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। संपूर्ण विधि के साथ छठ पूजा करने से रोग-दोष दूर होते हैं, संपन्नता आती है और पति की उम्र लंबी होती है।
तो यह थी छठ पूजा से संबंधित विशेष जानकारी। यदि आप इसके महत्व और पूजन विधि के बारे में जानना चाहते हैं तो श्री मंदिर ऐप पर अवश्य जाएं।
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