दुर्गा अष्टमी 2024 | Durga Ashtami
हिंदू धर्म में नवरात्रि के 9 दिनों का विशेष महत्व होता है। इस दौरान मां दुर्गा नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। यूं तो हर तिथि का अपना अलग महत्व है, लेकिन महा अष्टमी तिथि विशेष महत्वपूर्ण मानी गई है। नवरात्रि के आठवें दिन को महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी कहा जाता है। यह दिन माता दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी को समर्पित होता है।
दुर्गा अष्टमी की पूजा कब है ? | Durga Ashtami 2024 Date & Time
- दुर्गा अष्टमी 11 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
- अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ होगी।
- अष्टमी तिथि का समापन 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर होगा।
दुर्गा अष्टमी पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के अंतिम 2 दिन विशेष माने जाते हैं, क्योंकि अष्टमी के दिन देवी दुर्गा ने चंद और मुंड का वध किया था, और नवमी के दिन महिषासुर का संहार कर संसार की रक्षा की थी।
ये भी कहा जाता है कि यदि कोई भक्त नवरात्रि में पूरे नौ दिन का व्रत न रख सके तो अष्टमी और नवमी के दिन उपवास रखकर माता दुर्गा की पूजा करने से उसे नवरात्रि व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त हो सकता है।
मान्यता है अष्टमी तिथि पर माता महागौरी की आराधना करने से जातक की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही माता अपने भक्तों तो निर्भयता, आरोग्य व रूप-सौंदर्य का वरदान देती हैं। इसके अलावा, देवी महागौरी की कृपा से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सुख-समृद्धि मिलती है।
दुर्गा अष्टमी पूजन सामग्री | Durga Ashtami Puja Samagri
मां महागौरी की मूर्ति, लाल कपड़ा, लाल चुनरी या साड़ी, कपूर, धूप, घी, रोली, सिंदूर, अक्षत, फूल, फल, मिष्ठान, गंगाजल, नारियल, सिंगार का सामान, हल्दी की गांठ, लौंग, सुपारी आदि।
दुर्गा अष्टमी पूजन विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi
- दुर्गा अष्टमी के दिन प्रातः उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- इसके बाद गंगा जल छिड़ककर पूजा स्थल को पवित्र कर लें।
- फिर लकड़ी की चौकी पर या मंदिर में महागौरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- अब चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र की स्थापना करें।
- अब माता महागौरी का आह्वान करके उन्हें कुमकुम का तिलक लगाएं।
- फिर माता के सम्मुख धूप दीप प्रज्वलित करें।
- इसके बाद माता को लौंग, सुपारी, नारियल व फूल अर्पित करें।
- अब देवी को लाल चुनरी, साड़ी व श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं।
- फिर माता महागौरी को फल व नैवेद्य अर्पित कर भोग लगाएं।
- अब माता महागौरी के मंत्रों का जाप करें।
- इसके बात देवी मां की आरती उतारें।
- अंत में पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए माता से क्षमा प्रार्थना करें।
इन उपायों से मिलेगा माँ दुर्गा का आशीर्वाद
छात्रों के लिए उपाय
यदि आप छात्र हैं और मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिल रही है तो माता दुर्गा को कपूर व 12 लौंग चढ़ाएं। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें- "या देवी सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः।"
आरोग्य के लिए उपाय
यदि आप लंबे समय से किसी स्वास्थ्य समस्या से परेशान हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा को कपूर के साथ 6 लौंग अर्पित करें। इसके अलावा 21 बार इस मंत्र का जाप करें- “देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि”।
करियर में सफलता के लिए उपाय
अगर आप अपने करियर में तरक्की चाहते हैं, तो अष्टमी के दिन माता दुर्गा के सम्मुख घी का दीपक जलाएं, और 11 बार मंत्र का जाप करें- "सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।"
धन प्राप्ति के लिए उपाय
जो लोग जीवन में धन समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा को खोया का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद 108 बार इस मंत्र का जाप करें- “सर्वा बाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः”।
कर्ज़ से मुक्ति के लिए उपाय
अगर आप पर कर्ज़ का बोझ है, और इससे मुक्ति पाना चाहते हैं, तो अष्टमी के दिन 5 सफेद कौड़ियां लेकर उन्हें लाल कपड़े में बांध लें, और इसे पूजा के दौरान माता के मंदिर में रखें। पूजा के बाद इस कपड़े को घर ले आएं, और तिजोरी में रख लें। इससे शीघ्र ही कर्ज़ से छुटकारा मिलेगा।
पारिवारिक शांति के लिए उपाय
यदि आप पारिवारिक कलह से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो दुर्गा अष्टमी के दिन माता को लाल चुनरी चढ़ाएं, और इस मंत्र का 11 बार जाप करें- "सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते”।
दुर्गा अष्टमी पूजा के लाभ | Durga Ashtami Puja Labh
- जीवन में चल रही समस्याओं व आने भविष्य में आने वाले संकटों से छुटकारा मिलेगा।
- बड़े से बड़ा कर्ज़ भी जल्द ख़त्म होगा।
- असाध्य रोगों से मुक्ति मिलेगी और आरोग्य का वरदान प्राप्त होगा।
- तनाव कम होगा और मन की शांति मिलेगी।
- नौकरी व्यापार में तरक्की मिलेगी और आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी।
- संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेगा, और दाम्पत्य जीवन सुखमय होगा।