फाल्गुन चौमासी चौदस की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जानें। इस विशेष दिन के महत्व को समझें और भगवान की कृपा प्राप्त करें।
फाल्गुन चौमासी चौदस जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जैन धर्मावलंबी व्रत, उपवास और साधना करते हैं। यह दिन आत्मशुद्धि, संयम और तपस्या का प्रतीक माना जाता है।
चौमासी चौदस का पर्व जैन समुदाय के लोगों के लिए सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। चौमासी चौदस की अवधि के दौरान सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। साथ ही लोग इस दौरान आपस में क्षमा-याचना कर अपने प्रिय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाते हैं।
चौमासी चौदस पर्व का उद्देश्य लोगों को सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चलना सिखाना है। इस पर्व की अवधि के दौरान जैन समुदाय द्वारा भगवान महावीर द्वारा दिए गए ज्ञान और उपदेशों को अपनाने की प्रतिबद्धता ली जाती है।
फाल्गुन चौमासी चौदस 13 मार्च 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी।
जैन धर्म एक ऐसा धर्म है जो अहिंसा परमो धर्मः पर बल देता है, और चौमासी चौदस इसी संकल्प को जनमानस तक पहुंचाने का एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण पर्व है। इस पर्व के दौरान जैन धर्म के संत और अनुयायी एक साथ बैठकर भगवान महावीर द्वारा दी गई शिक्षाओं पर चर्चा करते हैं, साथ ही कई धार्मिक गतिविधियां भी होती हैं। चौमासी चौदस पर्व पर पूजा, दान एवं कोई भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
चौमासी चौदस की अवधि के समय ही पर्यूषण पर्व आता है, जो कि जैन धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहार माना जाता है। पर्यूषण पर्व पर लोग अपने द्वारा की कई किसी भी भूल के लिए अपने सगे संबंधियों से क्षमा-याचना करते हैं।
तो यह थी फाल्गुन चौमासी चौदस से जुड़ी जानकारी, हम आशा करते हैं कि आपका व्रत एवं प्रार्थना सफल हो। व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर पर।
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