
मंडला पूजा 2025: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व। इस खास अवसर पर जानें पूजा का सही तरीका!
मंडला पूजा दक्षिण भारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है, जिसे विशेष रूप से सबरीमाला अयप्पा मंदिर में मनाया जाता है। यह पूजा 41 दिनों तक चलती है और इस दौरान श्रद्धालु पूरी श्रद्धा के साथ भगवान अयप्पा की आराधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस समय पवित्र मन से पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मण्डला पूजा दक्षिण भारत का एक प्रमुख धार्मिक उत्सव है, जो विशेष रूप से केरल के सबरीमाला अयप्पा मंदिर में अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पूजा 41 दिनों तक चलती है, और इस अवधि में भक्त भगवान अयप्पा की आराधना करते हैं। इन 41 दिनों की साधना को “मंडल काल” कहा जाता है। इस दौरान भक्त व्रत, संयम और पवित्रता का पालन करते हुए भक्ति मार्ग पर चलते हैं।
साल 2025 में मंडला पूजा का आयोजन 27 दिसंबर 2025, शनिवार को किया जाएगा।
आध्यात्मिक शुद्धि का पर्व:
भगवान अयप्पा की कृपा प्राप्ति:
अनुशासन और संयम का प्रतीक:
मानसिक और शारीरिक संतुलन:
मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति:
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:38 ए एम से 05:31 ए एम |
प्रातः सन्ध्या | 05:04 ए एम से 06:24 ए एम |
अभिजित मुहूर्त | 11:24 ए एम से 12:07 पी एम |
विजय मुहूर्त | 01:33 पी एम से 02:16 पी एम |
गोधूलि मुहूर्त | 05:05 पी एम से 05:32 पी एम |
सायाह्न सन्ध्या | 05:07 पी एम से 06:27 पी एम |
अमृत काल | 03:42 पी एम से 05:22 पी एम |
निशिता मुहूर्त | 11:19 पी एम से 12:12 ए एम, नवम्बर 28 |
मण्डला पूजा के लिए आवश्यक सामग्रियां सरल होती हैं, परंतु उन्हें पूर्ण श्रद्धा से अर्पित करना चाहिए। पूजन सामग्री इस प्रकार है:
मण्डला पूजा की शुरुआत अत्यंत पवित्र मानी जाती है, क्योंकि यह भगवान अयप्पा स्वामी की उपासना का आरंभिक चरण होता है। यह पूजा 41 दिनों तक चलने वाले व्रत (मण्डल काल) का प्रथम दिन होता है, जिसे भक्त पूर्ण श्रद्धा और संयम से आरंभ करते हैं। पूजा प्रारम्भ के समय किए जाने वाले मुख्य कार्य इस प्रकार हैं:
स्नान और शुद्धिकरण:
संकल्प लेना:
गुरुस्वामी से दीक्षा:
माला धारण करना:
अयप्पा स्वामी की प्रतिमा या चित्र की स्थापना:
प्रार्थना और मंत्र जाप:
मण्डला पूजा भगवान अयप्पा स्वामी की आराधना का पर्व है। भगवान अयप्पा को धर्म शास्ता भी कहा जाता है, और उन्हें भगवान शिव व मोहिनी (भगवान विष्णु का स्त्री रूप) का पुत्र माना गया है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान अयप्पा की पूजा की जाती है, साथ ही भगवान गणेश, शिव-पार्वती, और हनुमान जी का पूजन भी शुभ माना जाता है। सबरीमाला परंपरा के अनुसार, भगवान अयप्पा को “कन्यकुमार ब्रह्मचारी देवता” माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा अत्यंत पवित्रता और संयम से करनी चाहिए।
तो ये थी मंडला पूजा की संपूर्ण जानकारी। हमारी कामना है कि आप व आपके परिवार पर भगवान अयप्पा पर की कृपा बनी रहे। व्रत त्यौहारों से जुड़ी ऐसी ही जानकारियों के लिए जुड़े रहिए ‘श्री मंदिर’ पर।
मण्डला पूजा के 41 दिनों तक भक्त को अत्यंत अनुशासित और सात्त्विक जीवन जीना आवश्यक है। इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन अनिवार्य होता है:
ब्रह्मचर्य का पालन करें:
सात्त्विक भोजन करें:
शरीर और मन की पवित्रता बनाए रखें:
नंगे पैर चलें और साधारण जीवन अपनाएं:
प्रार्थना और नामस्मरण करें:
दान और सेवा करें:
क्रोध, लोभ और अहंकार से दूर रहें:
नियमित आरती और दीपदान करें:
तो ये थी मंडला पूजा की संपूर्ण जानकारी। हमारी कामना है कि आप व आपके परिवार पर भगवान अयप्पा पर की कृपा बनी रहे। व्रत त्यौहारों से जुड़ी ऐसी ही जानकारियों के लिए जुड़े रहिए ‘श्री मंदिर’ पर।
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