मंडला पूजा | Mandala Pooja 2024, Shubh Muhurat, Puja Vidhi

मंडला पूजा 2024

मंडला पूजा 2024: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व। इस खास अवसर पर जानें पूजा का सही तरीका!


मंडला पूजा | Mandala Pooja 2024

मंडला पूजा दक्षिण भारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है, जिसे विशेष रूप से सबरीमाला अयप्पा मंदिर में मनाया जाता है। यह पूजा 41 दिनों तक चलती है और इस दौरान श्रद्धालु पूरी श्रद्धा के साथ भगवान अयप्पा की आराधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस समय पवित्र मन से पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इस लेख में आप जानेंगे-

  • मंडला पूजा कब है?
  • मंडला पूजा का महत्व
  • मंडला पूजा की विधि
  • मंडला पूजा व्रत के लाभ
  • मंडल पूजा के विशेष अनुष्ठान

मंडला पूजा कब है?

  • साल 2024 में मंडला पूजा का आयोजन 26 दिसंबर 2024, गुरुवार को किया जाएगा।

मंडला पूजा का महत्व

सबरीमाला अयप्पा मंदिर में मंडला पूजा और मकर विलक्कू दो सबसे विशेष आयोजन माने जाते हैं। इस दौरान भक्त दूर-दूर से आकर मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन करते हैं। इन दिनों में मंदिर भक्तों के लिए पूरे दिन खुला रहता है। मंडला पूजा का महत्व कई पुराणों में वर्णित है। ये पूजा स्त्री-पुरूष कोई भी कर सकता है। मान्यता है कि इस पूजा के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है, और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मंडला पूजा के शुभ मुहूर्त | Mandala Puja 2024 Shubh Muhurat

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04 बजकर 54 मिनट से प्रातः 05 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
  • प्रातः सन्ध्या मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 21 मिनट से सुबह 06 बजकर 42 मिनट तक होगा।
  • इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
  • विजय मुहूर्त दिन में 01 बजकर 44 मिनट से 02 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
  • इस दिन गोधूलि मुहूर्त शाम में 05 बजकर 13 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
  • सायाह्न सन्ध्या काल शाम में 05 बजकर 16 मिनट से 06 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।
  • इस दिन अमृत काल प्रातः 08 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।
  • इस दिन निशिता मुहूर्त रात को 11 बजकर 32 मिनट से 12 बजकर 26 मिनट (27 दिसंबर) तक रहेगा।

मंडला पूजा की विधि

  • मंडला पूजा में 41 दिनों का व्रत रखा जाता है। इस दौरान व्रतधारी को पवित्र और साधारण जीवन का पालन करना चाहिए।
  • इस दौरान केवल शरीर ही नहीं, मन को भी पवित्र रखने की आवश्यकता होती है।
  • इन दिनों, भक्त सांसारिक इच्छाओं और भोग-विलास से दूर रहते हैं, और शराब, धूम्रपान और अन्य तामसिक गतिविधियों से बचते हैं।
  • प्रतिदिन सुबह और शाम को दो बार भगवान की आराधना करना अनिवार्य माना जाता है।
  • इस अवधि में अधिकतर भक्त काली धोती पहनते हैं और भगवान अयप्पा को ‘इरुमुदी’ अर्पित करते हैं।
  • कुछ भक्त इस व्रत में बिस्तर पर न सोने और नंगे पैर संकल्प लेते हैं कि वे बिस्तर पर नहीं सोएंगे और नंगे पैर मंदिर तक जाएंगे।
  • इस व्रत के दौरान दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है, जिससे भक्तों को मानसिक शांति प्राप्त होती है।

मंडला पूजा व्रत से होने वाले लाभ | Mandala Puja Vrat Labh

  • मंडला पर ध्यान केंद्रित करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
  • मंडला की सुंदरता और समरूपता देखकर तनाव कम होता है और मन प्रसन्न होता है।
  • मंडला बनाने की प्रक्रिया में व्यक्ति की सृजनात्मकता का विकास होता है।
  • मंडला पूरा करने से व्यक्ति को संतुष्टि मिलती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • मंडला पूजा करने से व्यक्ति में धार्मिक भावनाओं का विकास होता है।
  • मंडला में सकारात्मक ऊर्जा होती है जो व्यक्ति के आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है।
  • मंडला के सममित पैटर्न, व्यक्ति के भीतर संतुलन और सामंजस्य लाते हैं।
  • मंडला थेरेपी का उपयोग कई मनोवैज्ञानिक समस्याओं जैसे चिंता, अवसाद और तनाव को कम करने में किया जाता है।

मंडल पूजा के दौरान होने वाले विशेष अनुष्ठान:

  • व्रतम या उपवास मंडला पूजा का एक अभिन्न अंग है जिसे दक्षिण भारत के पारंपरिक लोगों द्वारा पूर्ण समर्पण और नियम के साथ मनाया जाता है।
  • सबरीमाला मंदिर में तीर्थ यात्रा करने वाले लोगों के लिए तपश्चर्या का पालन करना अनिवार्य है। मंडला पूजा की अवधि के दौरान, भक्त एक पवित्र और सरल जीवन व्यतीत करते हैं।
  • भक्त भगवान अयप्पा के नाम की माला के साथ रुद्राक्ष या तुलसी माला तब तक पहने रखते हैं, जब तक वे सबरीमाला अयप्पा मंदिर के दर्शन ना कर लें,और उसके बाद ही यह माला निकालते हैं। इस दौरान भक्तों को 'स्वामी' या 'अय्यप्पन' कहा जाता है।
  • मंडला पूजा की अवधि के दौरान, भक्तों को अपने शरीर के साथ-साथ मन को भी साफ रखने की आवश्यकता होती है और उन्हें सांसारिक सुखों को पूरी तरह से त्यागना अनिवार्य होता है।
  • मंडला पूजा के दौरान सबरीमाला मंदिर में आने वाले सभी भक्तों के लिए शराब और धूम्रपान वर्जित माना जाता है। साथ ही उन्हें काम और व्याभिचार से भी दूर रहने का नियम मानना होता है।
  • इसके अतिरिक्त ध्यान रखना होता है कि किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस न पहुंचे, और किसी भी तरह की अनीति न हो।

तो ये थी मंडला पूजा की संपूर्ण जानकारी। हमारी कामना है कि आप व आपके परिवार पर भगवान अयप्पा पर की कृपा बनी रहे। व्रत त्यौहारों से जुड़ी ऐसी ही जानकारियों के लिए जुड़े रहिए ‘श्री मंदिर’ पर।

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