सावन में भूलकर भी न करें ये काम! जानिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं शिव कृपा पाने के लिए ज़रूर पढ़ें ये नियम।
सावन में भगवान शिव की पूजा, रुद्राभिषेक, व्रत और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। इस दौरान मांस, शराब, लहसुन-प्याज और क्रोध से दूर रहें। संयमित आचरण और सात्त्विक जीवनशैली अपनाना लाभकारी होता है। आइये जानते हैं इसके बारे में...
शिवभक्त बड़े ही आस्था के साथ हर वर्ष सावन के सोमवार का व्रत रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये व्रत इतना महत्वपूर्ण क्यों माना गया है? पहले सावन सोमवार व्रत में क्या करना चाहिए, जिससे इस व्रत का सम्पूर्ण फल मिले, तो चलिए आज इस व्रत से जुड़ी कुछ विशेष बातें जानते हैं।
सावन सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जो लोग सावन के सोमवार का व्रत रखकर महादेव का जलाभिषेक करते हैं, और विधिवत् पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पौराणिक कथाओं में वर्णन मिलता है कि देवी सती ने अपने प्राण त्यागने के बाद अगला जन्म पार्वती के रूप में लिया। और फिर से भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए पार्वती जी ने कई वर्षों तक सावन के सोमवार का व्रत रख घोर तपस्या की थी।
मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव के कारण ही देवी पार्वती की शिव जी से विवाह करने की मनोकामना पूर्ण हुई थी। तब से कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर पाने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं। इसके अलावा ये व्रत सभी शिवभक्तों के लिए भी विशेष फलदाई होता है। यह था श्रावण मास के सोमवार का महत्व, आगे हम जानेंगे कि पहले सावन सोमवार व्रत में क्या करना चाहिए?
तो यह था कि पहले सावन सोमवार व्रत में क्या करना चाहिए। अब आगे जानेंगे कि पहले सावन सोमवार व्रत में क्या नहीं करना चाहिए और पहले सावन सोमवार व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
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