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तुला संक्रांति 2025

जानिए कब है, शुभ मुहूर्त, तारीख और समय

जानिए तुला संक्रांति के बारे में

तुला संक्रांति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन लोग नदी, तालाब या समुद्र में स्नान करते हैं और दान करते हैं। सूर्य देव की पूजा भी की जाती है। तुला संक्रांति को किसानों का त्योहार भी कहा जाता है।

तुला संक्रांति कब है?

तुला संक्रान्ति शुक्रवार, अक्टूबर 17, 2025

तुला संक्रांति का महत्व

तुला संक्रांति हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण तिथियों में से एक है। इसे त्योहारों का आगमन माना जाता है और यह सूर्य के गतिशीलता में परिवर्तन का समय है। यह एक महत्वपूर्ण कृषि पर्व भी है जो भारतीय कृषि समुदाय में मनाया जाता है। तुला संक्रांति के दिन लोग दान करते हैं। दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग गरीबों, जरूरतमंदों और मंदिरों को दान देते हैं। इस दिन किसान अपने खेतों में खरीफ फसलों की कटाई शुरू करते हैं।

तुला संक्रांति मनाने का उद्देश्य

तुला संक्रांति के साथ ही वर्षा ऋतु समाप्त हो जाती है और शरद ऋतु का आगमन होता है। यह त्योहार प्रकृति के इस परिवर्तन का स्वागत करने और कृषि की समृद्धि के लिए धन्यवाद देने का अवसर होता है। कई धर्मों में इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म में इसे देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को समर्पित किया जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

तुला संक्रांति के शुभ मुहूर्त

  • तुला संक्रान्ति शुक्रवार, अक्टूबर 17, 2025
  • तुला संक्रान्ति पुण्य काल - 10:03 ए एम से 05:29 पी एम
  • अवधि - 07 घण्टे 25 मिनट्स
  • तुला संक्रान्ति महा पुण्य काल - 11:59 ए एम से 03:49 पी एम
  • अवधि - 03 घण्टे 51 मिनट्स
  • तुला संक्रान्ति का क्षण - 01:54 पी एम

तुला संक्रांति के अन्य शुभ मुहूर्त

मुहूर्त

समय

ब्रह्म मुहूर्त

04:18 ए एम से 05:07 ए एम

प्रातः सन्ध्या

04:43 ए एम से 05:57 ए एम

अभिजित मुहूर्त

11:20 ए एम से 12:06 पी एम

विजय मुहूर्त

01:38 पी एम से 02:24 पी एम

गोधूलि मुहूर्त

05:29 पी एम से 05:54 पी एम

सायाह्न सन्ध्या

05:29 पी एम से 06:44 पी एम

अमृत काल

11:26 ए एम से 01:07 पी एम

निशिता मुहूर्त

11:18 पी एम से 12:08 ए एम, अक्टूबर 18

तुला संक्रान्ति फलम्तुला संक्रान्ति फलम्

  • छोटे (निम्न) कार्यों में शामिल लोगों के लिए यह संक्रान्ति अच्छी है।
  • वस्तुओं की लागत महँगी होगी।
  • अति कष्टपूर्ण समय लाती है।
  • लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा, राष्ट्रों के बीच सम्बन्ध मधुर होंगे और अनाज भण्डारण में वृद्धि होगी।

तुला संक्रान्ति मुहूर्त

  • संक्रान्ति करण: कौलव
  • संक्रान्ति दिन: शुक्रवार
  • संक्रान्ति अवलोकन दिनाँक: 17 अक्टूबर 2025
  • संक्रान्ति गोचर दिनाँक: 17 अक्टूबर 2025
  • संक्रान्ति का समय: 01:54 पी एम, अक्टूबर 17
  • संक्रान्ति घटी: 21 (दिनमान)
  • संक्रान्ति चन्द्रराशि: सिंह
  • संक्रान्ति नक्षत्र: मघा (उग्र संज्ञक)

तुला संक्राति पूजा विधि

  • इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं, और पास के किसी जलाशय या नदी में स्नान करें।
  • अगर ऐसा संभव न हों तो आप घर पर ही पानी में तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
  • स्नान करते समय मन ही मन भगवान सूर्य का स्मरण करें, स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें।
  • यदि आप इस दिन व्रत रखना चाहते हैं, तो सूर्यदेव को नमन करके व्रत का संकल्प लें, और तांबे के कलश में तिल, जल और फूल मिलाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें।
  • अर्घ्य देते समय ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करते रहें।
  • इसके बाद पूजा स्थल को साफ करके, यहां नियमित रूप से की जाने वाली पूजा करें और सभी देवों को धुप-दीप, पुष्प, अक्षत, भोग समेत संपूर्ण पूजा सामग्री अर्पित करें।
  • अब सर्वदेवों को नमन करके अपने घर परिवार के लिए सुख- समृद्धि और शांति की कामना करें।
  • इसके बाद आप अपनी क्षमता के अनुसार तिल-गुड़ के लड्डू, अन्न (धान और गेहूं) और वस्त्र का दान करके अपने व्रत को पूरा करें।

तुला संक्रांति के अनुष्ठान एवं लाभ क्या हैं?

  • तुला संक्रांति के दिन लोग गंगा, यमुना, नर्मदा, आदि पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। सूर्य देव को जीवन का स्रोत माना जाता है। सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को आरोग्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • पूजा के समय सूर्य चालीसा और सूर्य कवच का पाठ करें। साथ ही कुंडली में सूर्य मजबूत करने हेतु सूर्य मंत्र ‘ॐ ह्रीं सूर्याय नमः’ का जाप करें।
  • इस दिन लोग दान-पुण्य करते हैं। दान-पुण्य करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जीवन में सुख-शांति आती है।
  • इस दिन प्रातः के समय तांबे की कोई वस्तु, गुड़, जौ और लाल फूल का दान करने का विशेष महत्व है।
  • कुछ लोग तुला संक्रांति के दिन व्रत रखते हैं। व्रत रखने से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।

तुला संक्रांति के दिन क्या करें?

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  • आप अपने घर के मंदिर में दीपक जला सकते हैं और फल, फूल चढ़ा सकते हैं।
  • इस दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप गरीबों को भोजन, कपड़े या धन दान कर सकते हैं।
  • तिल को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। आप तिल के लड्डू, चूरमा या तिल के अन्य व्यंजन बनाकर खा सकते हैं।
  • इस दिन नए कपड़े पहनने की परंपरा है। यह नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
  • तुला संक्रांति का दिन परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर समय बिताने का एक अच्छा अवसर है। आप एक साथ खाना बना सकते हैं, खा सकते हैं और खेल सकते हैं।
  • इस दिन पेड़ लगाने या पर्यावरण संरक्षण से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पुण्य मिलता है।
  • आप अपने इष्टदेव का मंत्र जाप कर सकते हैं। यह मन को शांत और एकाग्र करने में मदद करता है।

तुला संक्रांति के दिन क्या न करें?

  • इस दिन किसी से भी झगड़ा या विवाद करना वर्जित माना जाता है। शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए।
  • इस दिन नकारात्मक विचारों से दूर रहें और सकारात्मक सोच रखें।
  • अन्न को देवता का रूप माना जाता है। इस दिन अन्न का अपव्यय करना वर्जित है।
  • इस दिन किसी भी तरह के अशुभ काम जैसे कि झूठ बोलना, चोरी करना आदि नहीं करना चाहिए।
  • मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन किसी भी तरह के अनैतिक कार्य से बचना चाहिए।
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Published by Sri Mandir·October 8, 2025

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