गुरु यंत्र के महत्व और इसे पूजा में शामिल करने की विधि
गुरु ग्रह को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। इसीलिए इस ग्रह का मजबूत होना सभी जातकों के लिए बेहद जरूरी है। गुरु यंत्र गुरु ग्रह को मजबूत बनाता है, जिससे जातक की जिंदगी में सकारात्मक प्रभाव आने लगते हैं। आइए इस आर्टिकल में हम गुरु यंत्र के फायदों को जानते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, नौ ग्रह में गुरु ग्रह को अहम और सबसे शुभ ग्रह माना गया है। यह ग्रह दीर्घायु, मनचाही नौकरी, धन, अच्छा जीवनसाथी प्रदान कराता है। अगर किसी साधक की कुंडली में इस ग्रह की स्थिति अच्छी होती है तो उसे शुभ फल प्राप्त होता है और वह जीवन में सुखी रहता है। लेकिन अगर कुंडली में इस ग्रह की दशा और दिशा ठीक नहीं है तो हर काम में रुकावट आने लगती हैं, मान-सम्मान में कमी होने लगती है, वाद-विवाद, अनचाहे मन-मोटाव होना, नौकरी और पारिवारिक क्लेश आदि होने लगते हैं। ऐसे में गुरु यंत्र की मदद से गुरु के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह यंत्र तमाम तरह की परेशानियों को दूर करने में लाभकारी होता है।
गुरु यंत्र गुरु ग्रह के प्रभाव को सशक्त करता है। गुरु ग्रह को विद्या, बुद्धि, शिक्षा, समृद्धि, और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। गुरु यंत्र की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता, ज्ञान, और आंतरिक शांति मिलती है। यह यंत्र नकारात्मकता और संकटों से रक्षा करता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है। गुरु यंत्र का पूजन दोषों को नष्ट करता है। इसके अलावा यह यंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है जिनकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर स्थिति में होता है। इस यंत्र को स्थापित करने से व्यक्ति में आध्यात्मिक रुचि बढ़ती है।
प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह यंत्र फायदेमंद होता है, लेकिन जिन लोगों को लीवर, पीलिया, सूजन, बड़े फोड़े, सूजन, मस्से, गाठें बनना, कानों से सम्बन्धित परेशानियां होती हैं। उनके लिए यह यंत्र बहुत ही ज्यादा लाभकारी और असरदारी होता है। इन सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए मात्र एक यही यंत्र है, जिससे साधक इन कठिन परेशानी से बच सकता है।
स्थापना विधिः गुरु यंत्र की स्थापना हमेशा गुरुवार के दिन शुभ मुहर्त में और सही दिशा में करना चाहिए। यंत्र की स्थापना करने से पूर्व शरीर को स्वच्छ और मन को पवित्र कर लें। फिर यंत्र को गंगाजल, गौमूत्र या कच्चे दूध से शुद्ध करें और अन्य पूजन सामग्री को चढ़ाएं। पूजन सामग्री में पीली मिठाई, पीले फूल, पीला चंदन आदि यंत्र पर चढ़ा सकते हैं। इस कार्य के बाद साधक को भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि उनके जीवन की सभी बाधाओं को दूर करें औऱ सुखी रखें। ध्यान रखें इस यंत्र को खरीदते समय इसकी पूरी तरह से जांच जरूर कर लें। वहीं, किसी जानकार पंडित, ज्योतिषि से इसकी स्थापना विधि, उपयोग और धारण करने के बारे में सही जानकारी लेने के बाद ही इस यंत्र को खरीदें। सही तरीके से की गई पूजा से और नियम से इस यंत्र का प्रभाव सकारात्मक रूप से होगा और जीवन के दोषों आदि को दूर करेगा।
सावधानियां: इस यंत्र को स्थापित करते समय साधक को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जिससे स्थापित यंत्र से शुभ फल की प्राप्ति हो सके। इस यंत्र को स्थापित करते समय उसकी सही दिशा, दिन और मुहर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यंत्र को खरीदते वक्त हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि यह विधिवत बनाया गया हो और प्राण-प्रतिष्ठा हुई हो। इसके अलावा यंत्र को स्थापित करते वक्त पूजन सामग्री, साफ-सफाई, मंत्रों का सही उच्चारण, जाप आदि का पूरा ध्यान रखना आवश्यक होता है। पूजन को पूर्ण विधि के साथ पूरे मन से करना चाहिए। इसके अलावा यंत्र की स्थापना के बाद नियमित रूप से यंत्र की पूर्णाहुति समेत पूजा करनी चाहिए।
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