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राहु यंत्र क्या है?

राहु यंत्र क्या है? जानें इसके लाभ, पूजा विधि और उपयोग। राहु यंत्र से राहु दोष निवारण के उपाय।

राहु यंत्र के बारे में

राहु यंत्र एक ऐसा शक्तिशाली यंत्र है, जिसे आप अपने घर, ऑफिस, दुकान या गाड़ी कहीं पर भी रख सकते हैं। इसे रखने से आप बुरी नजर से बचे रहते हैं और आपके आसपास सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होते रहता है। मगर इस यंत्र की स्थापना कैसे करनी है ये जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आइए इस आर्टिकल में हम राहु यंत्र के लाभ समेत इसके प्रयोग के तरीकों को जानेंगे।

राहु यंत्र क्या है?

ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी का छाया या पापी ग्रह यानि की राहु ग्रह खराब है तो उसका पूरा जीवन संकटों और कष्टों में ही बीतता है। सभी कार्यों में रुकावटें ही आती रहती हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु ग्रह को पापी ग्रह माना गया है। ऐसी स्थिति में एक मात्र यंत्र ही इन तमाम समस्याओं का निवारण करने में सक्षम है, जो है राहु यंत्र। राहु यंत्र की विधि विधान से पूजा करके स्थापित करने से राहु ग्रह का प्रभाव कम होता है और शुभ फल की प्राप्ति भी होती है। यह बहुत चमत्कारिक यंत्र माना जाता है।

राहु यंत्र महत्त्व

राहु यंत्र का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि यह राहु ग्रह के दुष्प्रभावों को शांत करता है और मनुष्य के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाने में मदद करता है। यह यंत्र विशेष रूप से मानसिक शांति, मानसिक स्थिरता, सफलता, और कर्ज से मुक्ति के लिए लाभकारी होता है। इसके अलावा यदि किसी की कुंडली में राहु ग्रह अशुभ स्थिति में है, तो राहु यंत्र की पूजा से उसे राहत मिल सकती है और जीवन में सुधार आ सकता है।

राहु यंत्र और वास्तु शास्त्र

राहु यंत्र और वास्तु शास्त्र का आपस में गहरा संबंध है। राहु यंत्र का उपयोग केवल ज्योतिष शास्त्र में ही नहीं, बल्कि वास्तु शास्त्र में भी घर और कार्यालय की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए किया जाता है। राहु का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याओं और उलझनों का कारण बन सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस ग्रह के प्रभाव को संतुलित करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। वहीं, वैदिक ज्योतिष में नवग्रह यंत्रों की तुलना में राहु यंत्र  का अधिक प्रयोग किया जाता है, क्योंकि राहु अधिकतर कुंडलियों में या तो अशुभ रूप से कार्य करते हैं या फिर मिश्रित फल देते है।

राहु यंत्र लाभ 

  • राहु यंत्र पितृदोष या कालसर्पदोष के निवारण के लिए बहुत उत्तम होता है।
  • इस यंत्र से नकारात्मका ऊर्जा का विनाश होता है।
  • इस यंत्र के प्रयोग से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
  • यह यंत्र अनुसंधान, गोला बारूद से संबंधित कारोबार में लाभकारी होता है।
  • इस यंत्र की आराधना करने से त्वचा संबंधित समस्याएं, मानसिक पीड़ा, स्वप्न में मृत व्यक्तियों का दिखाई देना और मन का दुर्व्यसन की ओर भागना आदि समस्याओं से निजात मिलती है।
  • इस यंत्र का इस्तेमाल करने से आर्थिक संकट दूर होता है और दरिद्रता खत्म होती है।
  • इस यंत्र की उपासना करने से साधक के किसी भी कार्य में आ जाने वाली अनायास बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। 
  • इस यंत्र से गृहक्लेश, पारिवारिक झगड़ों में सुधार होता है।

राहु यंत्र की स्थापना किस दिशा में और कैसे करें?

राहु यंत्र को पश्चिम दिशा में शनिवार के दिन स्थापित करना चाहिए। यंत्र को स्थापित करने से पूर्व सुबह उठकर शरीर को पवित्र कर लें। फिर यंत्र को साफ स्थान पर स्थापित कर 11 या 21 बार राहु के बीज मंत्र ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः का जाप करें। इसके बाद यंत्र पर गंगाजल छिड़के और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि वह उनके जीवन को रोगों, कष्टों से दूर रखें और जीवन पूरी तरह से सुखमय रहे। ध्यान रखें इस यंत्र को खरीदते समय इसकी पूरी तरह से जांच जरूर कर लें। वहीं, किसी जानकार पंडित, ज्योतिषि से इसकी स्थापना विधि, उपयोग और धारण करने के बारे में सही जानकारी लेने के बाद ही इस यंत्र को खरीदें। सही तरीके से की गई पूजा से और नियम से इस यंत्र का प्रभाव सकारात्मक रूप से होगा और जीवन के दोषों आदि को दूर करेगा। 

राहु यंत्र स्थापित करते वक्त ध्यान देने वाली बातें  

राहु यंत्र को स्थापित करते समय बहुत सावधानी रखना जरूरी होता है। क्योंकि अगर कोई भी गलती होती है तो इसका विपरित असर हो सकता है, लेकिन अगर विधि –विधान से यंत्र को स्थापित करते हैं तो इसका शुभ फल प्राप्त होता है। इसके लिए यंत्र की प्रतिष्ठा से पहले इसको शुद्ध करना अति आवश्यक होता है। इस यंत्र को खरीदते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि यह विधिवत बनाया गया हो और प्राण प्रतिष्ठित हो। इसके अलावा यंत्र को स्थापित करते वक्त पूजन सामग्री, स्वच्छता, मंत्रों का जाप आदि का पूरा ध्यान रखना आवश्यक होता है। पूजन को पूर्ण विधि के साथ पूरे मन से करना चाहिए। इसके अलावा यंत्र की स्थापना के बाद नियमित रूप से यंत्र की पूजा और पूर्णाहुति को भी पूरा करना चाहिए

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Published by Sri Mandir·February 10, 2025

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