श्री शिव यंत्र के महत्व और इसे पूजा विधि के अनुसार स्थापित करने की जानकारी
अपने जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए आपको शिव यंत्र की पूजा जरूर करनी चाहिए। शिव यंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक यंत्र है, जिसके प्रयोग से आप डर, भय, चिंता, मानसिक असंतुष्टि इन सभी समस्यायों से दूर रहते हैं और आपका शरीर ऊर्जा से भरा रहता है। आइए विस्तार से जानते हैं शिव यंत्र के बारे में।
देवों के देव महादेव को भोलेनाथ, शंकर, आदिदेव, आशुतोष, महेश, कपाली, पार्वतीवल्लभ, कपाली, महाकाल, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि त्रिकालदर्शी की अराधना करके उन्हें सबसे जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है। हिंदू धर्म में भी भगवान शिव को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। इसके साथ ही त्रिदेव की उपासना करके स्त्रियां मन चाहे वर की प्राप्ति करती हैं। सावन में इनकी विशेष पूजा होती है, जिससे मनोकामना पूर्ण होती है।
यदि साधक अपने जीवन में अधिक शुभ फल प्राप्त करना चाहते हैं तो शिव के यंत्र की साधना करके जीवन को सुखमय बना सकते हैं। इस यंत्र का प्रयोग असाध्य रोगों, मृत्यु तुल्य कष्टों एवं अचानक आने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए किया जाता है। साथ ही कुंडली के कष्टकारक ग्रहों और पीड़ादायक दशा-अर्न्तदशा में शुभ फल देता है। विधिपूर्वक स्थापिक करके इस यंत्र की पूजा करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते है। इस यंत्र में शिव का निवास भी होता है, जिससे साधक पर उनका आशीष बना रहता है।
शिव यंत्र का महत्व बहुत गहरा और विशिष्ट है। यह यंत्र भगवान शिव के प्रतीक के रूप में माना जाता है और धार्मिक साधना तथा ध्यान के लिए अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। यह यंत्र साधक को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करता है। इस यंत्र को तंत्र-मंत्र की साधना में भी अत्यधिक महत्व दिया जाता है। यह यंत्र साधक के जीवन में आने वाले मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों को दूर करने में सहायक होता है। शिव यंत्र को एक विशेष रूप में बनाया जाता है।
शिव यंत्र का उपयोग सभी लोगों के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन यह यंत्र उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है जो जीवन में किसी भी प्रकार के मानसिक, शारीरिक या भौतिक कष्टों से जूझ रहे होते हैं। इसके साथ ही जो अपनी आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाना चाहते हैं उन साधकों के लिए भी यह यंत्र कारगर साबित हो सकता है। इसके अलावा आर्थिक परेशानियां, पारिवारिक जीवन में अशांति महसूस करने वाले लोगों के लिए यह यंत्र काफी प्रभावकारी होता है। इन सभी परेशानियों से निजात दिलाने में यह शक्तिशाली यंत्र बहुत लाभकारी है।
शिव यंत्र की स्थापना विधि और सावधानियां अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, ताकि यंत्र की साधना सही तरीके से की जा सके और इसके लाभ मिल सकें। सही तरीके से शिव यंत्र की स्थापना और पूजा से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
शिव यंत्र स्थापना विधि : यंत्र को उत्तर या पूर्व दिशा में सोमवार के दिन स्थापित करना उत्तम माना जाता है। हालांकि, महाशिवरात्रि में इस यंत्र को स्थापित करना अधिक शुभ फलदायी माना जाता है। स्थापना से पूर्व सुबह उठक शरीर को पवित्र कर लें। इसके बाद शिव प्रतिमा के समक्ष यंत्र को स्थापित करें। फिर यंत्र के सामने देसी घी का दीपक, धीप-दीप जलाएं और यंत्र का पंचामृत से अभिषेक करें। इस कार्य के बाद यंत्र पर चंदन, सफेद फूल और सफेद मिष्ठान आदि अर्पित करें। इसके पश्चात श्री शिव यंत्र के बीज मंत्र "ऊं नमः शिवाय" का 11 या 21 बार जाप करना चाहिए और भोलेनाथ से प्रार्थना करें। ध्यान रखें इस यंत्र को खरीदते समय इसकी पूरी तरह से जांच जरूर कर लें। वहीं, किसी जानकार पंडित, ज्योतिषि से इसकी स्थापना विधि, उपयोग और धारण करने के बारे में सही जानकारी लेने के बाद ही इस यंत्र को खरीदें। सही तरीके से की गई पूजा से और नियम से इस यंत्र का प्रभाव सकारात्मक रूप से होगा और जीवन के दोषों आदि को दूर करेगा।
शिव यंत्र स्थापित करते समय सावधानियां: इस यंत्र को स्थापित करते समय उसकी सही दिशा, दिन और मुहर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यंत्र को खरीदते वक्त हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि यह विधिवत बनाया गया हो और प्राण-प्रतिष्ठा हुई हो। इसके अलावा यंत्र को स्थापित करते वक्त पूजन सामग्री, साफ-सफाई, मंत्रों का सही उच्चारण, जाप आदि का पूरा ध्यान रखना आवश्यक होता है। पूजन को पूर्ण विधि के साथ पूरे मन से करना चाहिए। इसके अलावा यंत्र की स्थापना के बाद नियमित रूप से ध्यान और साधना करें। सुबह और शाम, शिव यंत्र के सामने बैठकर ध्यान लगाएं और मंत्र जाप करें।
Did you like this article?
यंत्र क्या है? जानें यंत्र के प्रकार, पूजा विधि और इसके लाभ। यंत्र पूजा से जुड़ी सभी जानकारी यहां प्राप्त करें।
महालक्ष्मी यंत्र क्या है? जानें इसकी पूजा विधि, लाभ और इसे स्थापित करने के नियम। महालक्ष्मी यंत्र से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त करें।
श्री यंत्र क्या है? जानें इसके प्रकार, लाभ, और पूजा विधि। श्री यंत्र को कैसे स्थापित करें, इसकी विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।