गोवर्धन पूजा आरती का महत्व क्या है और यह किस तरह आपके जीवन में सुख और समृद्धि ला सकती है? जानें इस आरती में छिपे भक्ति के भाव और भगवान श्रीकृष्ण की महिमा, जो आपके घर में शांति और खुशहाली का संचार करेगी।
गोवर्धन पूजा में भगवान श्रीकृष्ण की आरती का विशेष महत्त्व है, क्योंकि यह दिन उनकी गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला को समर्पित है। आरती करते समय भक्त भगवान की कृपा और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं, जैसे भगवान ने गोकुलवासियों की रक्षा की थी। गोवर्धन पूजा के दिन आरती करना शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस आरती के माध्यम से भगवान कृष्ण की महिमा का गुणगान करते हुए उनसे जीवन में हमेशा आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना की जाती है। जानिए कैसे करें गोवर्धन पूजा की आरती।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
तेरे गले को कण्ठा सज रहेओ ठोड़ी पे हीरा लाल!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ तेरी झांकी बनी विशाल!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
तेरी सात कोस की परिक्रमा, चकलेश्वर है विश्राम!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
गिरिराज धारण प्रभु मेरी शरण करो भक्त का बेड़ा पार तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ!
और ये भी पढ़े
Did you like this article?
बुधवार की आरती का पाठ करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। 'आरती श्री गणेश जी की' विशेष रूप से बुधवार को की जाती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है। इस आरती के माध्यम से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करें और सभी विघ्नों का नाश करें।
भगवान गणेश की आरती, जो उनकी बुद्धि, समृद्धि और शुभता का गुणगान करती है। इस आरती के पाठ से जीवन में विघ्नों का नाश होता है, सफलता और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
नाग पंचमी पर आरती से पूरी होती है पूजा। जानें नाग देवता की पारंपरिक आरती, इसके शब्द, महत्व और आरती करने की सही विधि।