साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या रात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या रात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या रात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या रात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या रात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या रात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या रात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या रात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन
दर्श अमावस्या रात्रि विशेष

दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन

साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, पश्चिम बंगाल
pooja date
4 जुलाई, गुरुवार, दर्श अमावस्या
पूजा बुकिंग बंद होने में शेष समय:
Day
Hour
Min
Sec
slideslideslide
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या रात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन

हिन्दू धर्म में मां काली की पूजा को अमावस्या के दिन करने के धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही महत्व है। ऐसा माना जाता है कि मां काली की पूजा तांत्रिक साधना के लिए मुख्य रूप से की जाती है। अमावस्या का दिन इस पूजा के लिए बहुत ही खास माना जाता है। मां काली का स्वरूप भयंकर और उग्र होता है और वह अध्यात्मिक लड़ाई और दुर्गति का नाश करने की शक्ति का प्रतीक है। इसलिए, अमावस्या का समय इस उग्र रूप की पूजा के लिए शास्त्रों में सबसे उपयुक्त बताया गया है। दर्श अमावस्या की आधी रात पर मां महाकाली की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं।

मान्यता है कि देवी काली की पूजा नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करने और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए बेहद कारगर है। कहते हैं सृष्टि की रचना से पहले देवी महाकाली अंधकार के रूप में सब तरफ विद्यमान थीं। सृष्टि को प्रारंभ करने के लिए देवी ने ज्योति स्वरुप में माँ तारा को प्रकट किया और प्रकृति की रचना शुरू की। इसी कारण पश्चिम बंगाल के श्री तारापीठ मंदिर में देवी महाकाली की पूजा का विशेष महत्त्व है। इसलिए अमावस्या की रात्रि इस शक्तिपीठ में पूजा-अर्चना कर देवी काली से साहस एवं शक्ति का परम आशीर्वाद पाया जा सकता है। इसलिए दर्श अमावस्या की रात्रि पर इस दिव्य शक्तिपीठ में दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और साहस प्राप्ति के साथ बाधाओं से सुरक्षा का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
साहस प्राप्त करने के लिए
मां महाकाली को भय पर विजय पाने वाली के रूप में भी पूजा जाता है, उनका उग्र रूप निडरता और साहस का प्रतीक है, जो भक्तों को डर का सामना करने और उस पर काबू पाने में मदद करता है। इस विशेष हवन में शामिल भक्तों को बिना डरे जीवन की चुनौतियों का सामना करने का साहस एवं शक्ति का आशीष मां महाकाली से प्राप्त होता है।
puja benefits
बाधाओं से सुरक्षा के लिए
मां महाकाली के इस हवन को करने से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे करियर, आर्थिक एवं स्वास्थ्य से जुडी कई अनचाही बाधाओं एवं चुनौतियों से मुक्ति मिलती है। दर्श अमावस्या के दिन विशेष रूप से रात्रि में की गई इस पूजा का प्रभाव अत्यंत लाभकारी होता और मां काली की कृपा से भक्तों को सफलता और समृद्धि का आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं एवं बुरी शक्तियों का विनाश
तारापीठ में देवी काली की इस विशेष रात्रि विशेष हवन से भक्तों को नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीष प्राप्त होता है। मां काली सभी बुरी एवं नकारात्मक शक्तियों के विनाश के लिए जानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी काली की जो भक्त सच्चे दिल से आराधना करते हैं उनके जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाएं एवं बुरी शक्तियां टिक नहीं पाती हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, पश्चिम बंगाल

शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, पश्चिम बंगाल
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां तारा की उत्पत्ति उस समय हुई थी जब समुद्र मंथन के समय विष निकला था, उस दौरान भगवान शिव ने यह विष ग्रहण कर लिया था, जिसके कारण शिवजी के शरीर में अत्याधिक जलन और पीड़ा होने लगी थी। भगवान शिव को पीड़ा से मुक्त करने के लिए मां काली ने दूसरा स्वरूप धारण किया और शिव जी को स्तनपान कराया, जिसके बाद उनके शरीर की जलन शांत हुई थी। इसलिए कहते हैं कि तारा देवी मां काली का ही दूसरा स्वरूप है।

पुराणों के अनुसार पश्चिम बंगाल में स्थित श्री तारापीठ मंदिर तंत्र साधना का जागृत स्थल माना जाता है। 10 महाविद्या में दूसरा स्थान रखने वाली मां तारा यहां अपने सौम्य रूप में विराजित हैं। मान्यता है कि सुदर्शन चक्र से भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर के टुकड़े किए थें। उस दौरान माता सती के अंगों में से आंख की पुतली यहां गिरी थी। बांग्ला में आंख की पुतली को तारा कहते हैं और इसलिए इस जगह का नाम तारापीठ पड़ा। यहां पूजा करने से भक्तों के जीवन से सभी तरह की आपदाएं दूर हो जाती हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा-संकल्प में पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे।
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा-संकल्प में पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे।
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा-संकल्प में पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे।
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा-संकल्प में पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे।
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

दिल्ली
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ
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सुनील कुमार सैनी

चंडीगढ़

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों