जीवन में विलंब एवं बाधाओं से मुक्ति का आशीष के लिए शनि का श्रवण नक्षत्र विशेष 11,000 शिव मूल मंत्र जाप और शनि तिल तेल अभिषेक
जीवन में विलंब एवं बाधाओं से मुक्ति का आशीष के लिए शनि का श्रवण नक्षत्र विशेष 11,000 शिव मूल मंत्र जाप और शनि तिल तेल अभिषेक
जीवन में विलंब एवं बाधाओं से मुक्ति का आशीष के लिए शनि का श्रवण नक्षत्र विशेष 11,000 शिव मूल मंत्र जाप और शनि तिल तेल अभिषेक
जीवन में विलंब एवं बाधाओं से मुक्ति का आशीष के लिए शनि का श्रवण नक्षत्र विशेष 11,000 शिव मूल मंत्र जाप और शनि तिल तेल अभिषेक
जीवन में विलंब एवं बाधाओं से मुक्ति का आशीष के लिए शनि का श्रवण नक्षत्र विशेष 11,000 शिव मूल मंत्र जाप और शनि तिल तेल अभिषेक
जीवन में विलंब एवं बाधाओं से मुक्ति का आशीष के लिए शनि का श्रवण नक्षत्र विशेष 11,000 शिव मूल मंत्र जाप और शनि तिल तेल अभिषेक
जीवन में विलंब एवं बाधाओं से मुक्ति का आशीष के लिए शनि का श्रवण नक्षत्र विशेष 11,000 शिव मूल मंत्र जाप और शनि तिल तेल अभिषेक
शनि का श्रवण नक्षत्र विशेष

11,000 शिव मूल मंत्र जाप और शनि तिल तेल अभिषेक

जीवन में विलंब एवं बाधाओं से मुक्ति का आशीष के लिए
temple venue
श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर , हरिद्वार, उत्तराखंड
pooja date
26 जुलाई, शुक्रवार, श्रावण कृष्ण षष्ठी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

जीवन में विलंब एवं बाधाओं से मुक्ति का आशीष के लिए शनि का श्रवण नक्षत्र विशेष 11,000 शिव मूल मंत्र जाप और शनि तिल तेल अभिषेक

शास्त्रों के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसलिए सावन माह भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस महीने में शिव भक्त उनकी कृपा पाने के लिए पूजा अराधना करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव के प्रिय भक्तों में शनिदेव भी शामिल हैं। भगवान शिव से ही शनिदेव को नवग्रहों में सर्वश्रेष्ठ, न्यायाधीश और दंडकारक होने का वरदान प्राप्त हुआ था। इसलिए जो लोग श्रावण मास में भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करते हैं, उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार शनिदेव का जन्म सूर्यदेव की दूसरी पत्नी छाया से हुआ था। जब शनिदेव अपनी माता के गर्भ में थे, तब छाया भगवान शिव की कठोर तपस्या में लीन थीं, यहां तक ​​कि उन्होंने भोजन और जल की भी उपेक्षा कर दी थी। छाया की कठोर तपस्या के कारण बालक शनि भी जन्म के बाद शिव के भक्त बन गए। एक दिन शनिदेव ने अपने पिता सूर्यदेव से कहा कि मैं हर तरह से आपसे सात गुना बेहतर बनना चाहता हूं।

शनि की उच्च आकांक्षाओं से प्रसन्न होकर सूर्य देव ने उन्हें काशी जाकर भगवान शिव की तपस्या करने की सलाह दी और वचन दिया कि उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए शनि देव काशी गए, वहां शिवलिंग का निर्माण किया और भगवान शिव की आराधना आरंभ की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें ग्रहों में सर्वोच्च स्थान प्रदान किया तथा मृत्यु लोक का न्यायाधीश नियुक्त किया। कठोर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उन्हें साढ़े साती और ढैया नामक ग्रहों के प्रभाव का वरदान भी दिया। ज्योतिषियों की मानें तो उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी शनि है, इसलिए भगवान शिव के प्रिय माह श्रावण एवं भाद्रपद नक्षत्र में भगवान शिव के साथ शनि की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

पूजा लाभ

puja benefits
जीवन में विलंब से मुक्ति का वरदान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में अगर शनि की महादशा चल रही हो या फिर किसी व्यक्ति पर शनि की कुदृष्टि पड़ती है तो जातक को जीवन के सभी कार्यों में रूकावट का सामना करना पड़ता है। इसलिए मान्यता है कि शनिदेव के इस प्रभाव से मुक्त होने के लिए सावन में शिव जी के साथ शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में भगवान शिव को शनिदेव का गुरु बताया गया है, तथा शनिदेव को न्याय करने एवं किसी को दंडित करने की शक्ति भगवान शिवजी के आशीर्वाद द्वारा ही प्राप्त हुई है।
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बाधाओं से मुक्ति का आशीष
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में शनि पीड़ित या अशुभ स्थित में होने पर वह करियर और पेशेवर जीवन में कई बाधाएं ला सकता है। ऐसे में लोगों को नौकरी ढूंढने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है या फिर पदोन्नति में देरी हो सकता है। इसके अलावा कार्यों में प्रयास का श्रेय नहीं मिल पाता है। इसलिए माना जाता है कि श्रावण के शुभ मास में शनिदेव एवं शिव जी की पूजा साथ में करने से जातक को इन बाधाओं से मुक्ति का आशीष मिलता है।
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शनि दोष से राहत
श्रावण में शनिदेव के साथ शिव जी की पूजा का महत्व वैदिक ज्योतिष और धार्मिक ग्रंथों में व्यापक रूप से वर्णित है। शनि को कर्म का कारक माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयों का कारण बनता है। मान्यता है कि श्रावण मास में शिव जी संग शनिदेव की पूजा करने से जीवन की चुनौतियों से सुरक्षा मिलती है क्योंकि यह कुंडली में मौजूद शनि के दोषों को कम करने में मददगार होता है, जिससे व्यक्ति को क्षमता और स्थिरता का एहसास होता है।

पूजा प्रक्रिया

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श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर , हरिद्वार, उत्तराखंड

श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर , हरिद्वार, उत्तराखंड
केदारनाथ चार धाम यात्रा में प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जिसे भगवान शिव के निवास के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नेपाल के काठमांडू में भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन किए बिना केदारनाथ की यात्रा अधूरी रहती है। इस महत्व को देखते हुए, नेपाल के राजा ने काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाई, और हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा नदी के तट के पास उसी पवित्र पत्थर से एक शिव लिंगम की स्थापना की।

हरिद्वार में, पशुपतिनाथ महादेव मंदिर नेपाल और भारत के बीच साझा प्राचीन संस्कृति के प्रतीक के रूप में स्थापित है। माना जाता है कि पशुपतिनाथ की पूजा करने वाले भक्तों को समृद्धि, अच्छे मानसिक स्वास्थ्य और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थित शिव लिंग ग्रह दोषों के प्रभाव को कम करता है, राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है और जीवन की बाधाओं को दूर करता है, जिससे व्यक्ति को जीवन में सफलता व संतुष्टि की प्राप्ति होती है।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

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आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पार्टनर पूजा

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2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में भगवान शिव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
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आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में भगवान शिव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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