निर्भयता प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्रावण अमावस्या शक्तिपीठ विशेष महा काल भैरव पूजन और हवन एवं कालिका पूजन
निर्भयता प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्रावण अमावस्या शक्तिपीठ विशेष महा काल भैरव पूजन और हवन एवं कालिका पूजन
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निर्भयता प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्रावण अमावस्या शक्तिपीठ विशेष महा काल भैरव पूजन और हवन एवं कालिका पूजन
श्रावण अमावस्या शक्तिपीठ विशेष

महा काल भैरव पूजन और हवन एवं कालिका पूजन

निर्भयता प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर , कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल
pooja date
4 अगस्त, रविवार, श्रावण कृष्ण अमावस्या (04:42 दोपहर तक)
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

निर्भयता प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्रावण अमावस्या शक्तिपीठ विशेष महा काल भैरव पूजन और हवन एवं कालिका पूजन

हिंदु धर्म में श्रावण मास को भगवान शिव का महीना माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। भगवान काल भैरव को भगवान शिव का उग्र रूप माना जाता है और उन्हें समय का देवता भी कहा जाता है। काल भैरव को काल के देवता भी कहा गया है। भैरव का अर्थ है ‘भय को हरने वाला’। धर्म शास्त्रों के अनुसार, जिस तरह भगवान काल भैरव भगवान शिव के रौद्र अवतार हैं, उसी तरह देवी काली माता दुर्गा का उग्र रूप हैं। अमावस्या का दिन देवी देवताओं के उग्र रूप की पूजा की जाती है, इसे तंत्र साधना का दिन भी माना गया है। इसलिए शिव जी के प्रिय माह श्रावण में अमावस्या तिथि पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव के साथ देवी काली की उपासना अत्यंत शुभ मानी गई है। मान्यता है कि इस शुभ दिन पर महा काल भैरव के साथ देवी काली की पूजा करने से भक्त के सारे भय खत्म हो जाते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने सभी शक्तिपीठों की रक्षा की जिम्मेदारी भगवान भैरव को दी थी। इसलिए सभी शक्तिपीठ मंदिरों में काल भैरव का भी विशेष पूजन किया जाता है। काल भैरव के दर्शन के बिना देवी मंदिरों के दर्शन का पुण्य अधूरा माना जाता है। इसलिए इस शुभ दिन पर देवी काली का आशीष पाने के लिए उनके साथ काल भैरव की पूजा करना भी आवश्यक माना गया है। महा काल भैरव और मां काली सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट कर भक्तों को निर्भयता का आशीष देते हैं। इसलिए श्री मंदिर द्वारा श्रावण माह के अमावस्या तिथि पर पश्चिम बंगाल में स्थित शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में महा काल भैरव पूजन और हवन एवं कालिका पूजन का आयोजन किया जा रहा है। यह मंदिर तांत्रिक पूजा के लिए सबसे शुभ शक्तिपीठ माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां देवी सती का दाहिने पैर की उंगली गिरी थी, जब भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे। इस कारण, यह स्थल अत्यंत पवित्र 51 शक्तिपीठों में शामिल है। श्री मंदिर के माध्यम से जीवन में निर्भयता प्राप्ति एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए इस पूजा में भाग लें और काल भैरव संग देवी काली का दिव्य आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
निर्भयता प्राप्ति का आशीष
भगवान काल भैरव भय को हरने वाले देवता के रूप में भी जाना जाता है और मां काली साहस और बुरी शक्तियों का विनाश करने वाली देवी हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त अमावस्या पर भगवान भैरव के साथ देवी काली की उपासना करते हैं उनके जीवन में भय पर नियंत्रण पाने की शक्ति प्राप्त होती है जिससे वो अपने जीवन की सभी बाधाओं से निर्भयता पूर्वक लड सकते हैं।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
शास्त्रों में कालीघाट शक्तिपीठ मंदिर को तांत्रिक दृष्टिकोण से बड़ा महत्वपूर्ण है। मां काली की उपासना के लिए यह सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। मान्यता है कि यहां अमावस्या तिथि पर महाकाल भैरव पूजन और हवन एवं कालिका पूजन करने से इनका संरक्षण प्राप्त होता है और देवी काली सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद देती हैं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं।
puja benefits
ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति
पुराणों के अनुसार भगवान महाकाल भैरव रुद्र अवतार है और भगवान शिव की उपासना करने से कुंडली के ग्रहों के अशुभ प्रभावों से भी मुक्ति मिल सकती है। माना जाता है कि अमावस्या पर इस मंदिर में महाकाल भैरव और मां काली की उपासना करने से भक्तों को ग्रहों के अशुभ प्रभाव से सुरक्षा का आशीष प्राप्त होता है।

पूजा प्रक्रिया

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शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर ,कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल

शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर ,कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल
कालीघाट मंदिर, जो कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है, हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है और अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जो शक्ति, ऊर्जा और विनाश की देवी मानी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां देवी सती का दाहिने पैर की उंगली गिरी थी, जब भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे। इस कारण, यह स्थल अत्यंत पवित्र 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यहां इस मंदिर में देवी काली की प्रचण्ड रूप की प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा में देवी काली भगवान शिव की छाती पर पैर रखे नजर आ रही हैं और उनके गले में नरमुंडों की माला है, उनके हाथ में कुछ कुल्हाड़ी और कुछ नरमुंड हैं, कमर में कुछ नरमुंड भी बंधे हुए हैं। उनकी जीभ बाहर निकली हुई है और जीभ से कुछ रक्त की बूंदे टपक रह हैं। गौरतलब है कि प्रतिमा में मां काली की जीभ स्वर्ण से बनी हुई है।

वर्तमान में मौजूद मंदिर का निर्माण सबॉर्नो रॉय चौधरी परिवार और बाबू कालीप्रसाद दत्तो के संरक्षण में किया गया था, जिसका निर्माण सन् 1798 में शुरू हुआ और 1809 में पूर्ण हुआ। कालीघाट मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत बड़ा है। यह मंदिर कई सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है, जो यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कालीघाट में देवी काली की पूजा से भक्तों को डर, बुराई, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा, यह मंदिर बंगाल के सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है और यहां के धार्मिक त्योहार, विशेषकर दुर्गा पूजा और काली पूजा, बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

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पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

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आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में भगवान महाकाल भैरव और मां काली को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में भगवान महाकाल भैरव और मां काली को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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