क्या आप जानते हैं कि भैरव कवच का पाठ करने से भय, बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है? जानिए इसकी सही विधि और शक्तिशाली फायदे।
भैरव कवच एक शक्तिशाली तांत्रिक स्तोत्र है जो भगवान भैरव की कृपा प्राप्त करने हेतु पाठ किया जाता है। यह कवच साधक की रक्षा करता है, भय दूर करता है और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा देता है। इसका नियमित पाठ करने से आत्मबल और साहस में वृद्धि होती है। आइये जानते हैं इसके बारे में...
भैरवनाथ, भगवान शिव के रौद्र एवं उग्र रूप माने जाते हैं। भैरव शब्द का अर्थ है – जो भय को ध्वस्त कर दे। ये तंत्र साधना के अधिपति, न्यायप्रिय और रक्षा करने वाले देवता है। भैरव नाथ के आठ स्वरूप हैं, जिनमें कालभैरव सबसे प्रमुख हैं। इनका वाहन श्वान (कुत्ता) है, जो वफादारी और सतर्कता का प्रतीक माना जाता है।
भैरव नाथ को विशेषतः रात्रि के देवता माना जाता है, साथ ही उन्हें काल का स्वामी भी कहा जाता है। शिवपुराण एवं अन्य तांत्रिक ग्रंथों में वर्णन है कि भगवान शिव ने ब्रह्मा जी के अहंकार को समाप्त करने के लिए काल भैरव का अवतार लिया था।
भगवान कालभैरव को प्रसन्न के लिए भैरव कवच का पाठ करना अत्यंत प्रभावशाली उपाय है। यह कवच भगवान काल भैरव की कृपा पाने का तांत्रिक व सिद्ध उपाय है।
ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः ।
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥
पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥
नैऋत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥
भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा ।
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥
ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥
रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु ।
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च ॥
डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः ।
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः ।
मालिनी पुत्रकः पातु पशुनश्वान् गंजास्तथा ॥
महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा ।
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥
।। इति भैरव कवच ।।
भैरव कवच एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है, जो भगवान भैरव की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह कवच साधक को हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, भय, बाधाओं और शत्रुओं से रक्षा प्रदान करता है।
भैरव कवच का पाठ करने से व्यक्ति को मन में बसे अनजाने डर, भूत-प्रेत बाधा, टोने-टोटके और बुरे स्वप्न से छुटकारा मिलता है। यह साधक के अंदर आत्मबल और साहस पैदा करता है।
यह कवच एक ऊर्जा कवच की तरह कार्य करता है, जो आपको नकारात्मकता, बुरी नजर, शत्रुओं की बुरी सोच और ऊपरी बाधाओं से बचाता है।
यदि जीवन में लगातार कोई न कोई बाधा आती रहती हो, काम बनते-बनते बिगड़ जाते हों, तो भैरव कवच का पाठ अत्यंत लाभकारी होता है। यह सभी प्रकार के संकटों को दूर करता है।
जो लोग दुश्मनों या विरोधियों से परेशान हैं, उनके लिए यह कवच बहुत प्रभावशाली होता है। यह शत्रुओं की बुद्धि भ्रमित करता है और उन्हें साधक से दूर रखता है।
भैरव कवच का पाठ करने से वर्षों से रुके हुए काम भी बनने लगते हैं, विशेष रूप से नौकरी, व्यापार, आर्थिक और क़ानूनी मामलों में सफलता मिलने लगती है।
भैरव बाबा शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। इस कवच के माध्यम से साधक भगवान भैरव की शरण में आकर उनकी विशेष कृपा पाता है।
जय भैरवनाथ।
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