माँ तारा कवच
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

माँ तारा कवच

क्या आप जीवन में भय, बाधा और नकारात्मकता से मुक्ति चाहते हैं? माँ तारा का शक्तिशाली कवच आपकी रक्षा करता है और आत्मबल प्रदान करता है। जानें इसकी पाठ विधि और अद्भुत लाभ।

माँ तारा कवच के बारे में

तारा कवच आध्यात्मिक उन्नति की ओर मार्गदर्शन करता है। तारा कवच का जाप संकटों से मुक्ति और देवी तारा के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यदि आप इस कवच के लाभ के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को पढ़ें और इस कवच के बारे में जानिए संपूर्ण जानकारी।

माँ तारा कवच क्या है?

माँ तारा कवच, देवी तारा की दिव्य सुरक्षा प्राप्त करने के लिए एक अत्यधिक शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र भक्तों को नकारात्मक शक्तियों, बुरी नज़र और मानसिक संकटों से बचाता है। देवी तारा की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए यह कवच एक प्रभावी साधन है, जो मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है। माँ तारा का भक्तों पर गहरा आशीर्वाद होता है, जो उनके जीवन को समृद्ध और सुखमय बनाता है। तारा कवच का नियमित जाप न केवल सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि यह आत्मविश्वास में वृद्धि और जीवन के संकटों से मुक्ति दिलाने में भी सहायक होता है। यह मंत्र मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव देखता है। कवच का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता का आगमन होता है। इसके माध्यम से देवी तारा के आशीर्वाद से जीवन के सभी दुखों और समस्याओं का समाधान होता है। इस प्रकार, माँ तारा कवच एक शक्तिशाली साधना है जो भक्तों को हर प्रकार की कठिनाई से मुक्ति दिलाने में सहायक है।

माँ तारा कवच श्लोक 

ॐ कारो मे शिरः पातु ब्रह्मारूपा महेश्वरी।

ह्रींकारः पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी।।

स्त्रीन्कारः पातु वदने लज्जारूपा महेश्वरी।

हुन्कारः पातु हृदये भवानीशक्तिरूपधृक्।।

फट्कारः पातु सर्वांगे सर्वसिद्धिफलप्रदा।

नीला मां पातु देवेशी गंडयुग्मे भयावहा।।

लम्बोदरी सदा पातु कर्णयुग्मं भयावहा।।

व्याघ्रचर्मावृत्तकटिः पातु देवी शिवप्रिया।

पीनोन्नतस्तनी पातु पाशर्वयुग्मे महेश्वरी।।

रक्त वर्तुलनेत्रा च कटिदेशे सदाऽवतु।

ललज्जिहव सदा पातु नाभौ मां भुवनेश्वरी।।

करालास्या सदा पातु लिंगे देवी हरप्रिया।

पिंगोग्रैकजटा पातु जन्धायां विघ्ननाशिनी।।

खड्गहस्ता महादेवी जानुचक्रे महेश्वरी।

नीलवर्णा सदा पातु जानुनी सर्वदा मम।।

नागकुंडलधर्ती च पातु पादयुगे ततः।

नागहारधरा देवी सर्वांग पातु सर्वदा।।

इति माँ तारा कवच समाप्त।।

यह श्लोक माँ तारा के दिव्य कवच का पाठ है। इसे विधिपूर्वक और श्रद्धा से पाठ करने से देवी तारा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।

माँ तारा कवच का पाठ करने के लाभ / फायदे

  • माँ तारा कवच का पाठ करने से साधक के घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होने लगता है।

  • साधक को अपने जीवन में देवी तारा के मार्गदर्शन का अनुभव होने लगता है।

  • यह कवच साधक को मानसिक शांति और जीवन के प्रति संतुलन प्रदान करता है।

  • तारा कवच जीवन की चुनौतियों का सामना करने और सभी बाधाओं को दूर करने के लिए साहस और दृढ़ संकल्प प्रदान करता है।

  • यह साधक को जीवन की समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है।

  • यदि किसी साधक की कुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति हो, तो तारा कवच का पाठ नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक में बदलने में मदद करता है।

  • यह मंत्र ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदलता है, जिससे जीवन में सुधार आता है।

  • तारा कवच का पाठ करने से साधक के बिगड़े हुए काम बनते हैं और वह सफलता की ओर अग्रसर होता है।

  • साधक को मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन की प्राप्ति होती है।

  • यह कवच साधक के जीवन से तनाव को दूर करने में मदद करता है।

  • माँ तारा अपने भक्तों को समर्थन और सामर्थ्य प्रदान करती हैं।

  • तारा कवच के पाठ से साधक जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने में सक्षम बनता है।

  • यह साधना साधक की आध्यात्मिक उन्नति को गति प्रदान करती है।

  • तारा कवच साधक को देवी तारा की दिव्य सुरक्षा और शक्ति प्रदान करता है।

  • यह कवच साधक को जीवन के प्रत्येक मार्ग पर सफलता और सुख की प्राप्ति दिलाने में सहायक होता है।

माँ तारा कवच पाठ विधि

माँ तारा कवच पाठ विधि सरल और प्रभावशाली है, जो भक्तों को देवी तारा की कृपा और सुरक्षा प्राप्त करने का उत्तम तरीका है। कवच का पाठ करने से सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर आसन बिछाकर बैठ जाएं और ध्यान केंद्रित करें। पूजा के लिए एक शांत स्थान चुनें, जहां कोई विघ्न या अशुद्धि न हो। फिर, पूजा स्थल पर दीपक और अगरबत्ती लगाकर मातंगी देवी की प्रतिमा या चित्र रखें। यंत्र के चारों ओर चावल की ढेरियां बनाएं, प्रत्येक ढेरी पर एक लौंग रखें और यंत्र के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद, माँ तारा के मंत्र "ॐ तारे तुत्तारे तुरे सोहा" का जाप 108 बार करें, जो मानसिक शांति, सुरक्षा और देवी तारा की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रभावी है। इसके बाद कवच का पाठ पूरे मन से करें। अंत में, श्रद्धापूर्वक माँ तारा की कथा सुनें और उनकी उपासना करें। यह पूजा विधि नियमित रूप से करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है, साथ ही सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान भी होता है, जिससे देवी तारा की कृपा प्राप्त होती है।

divider
Published by Sri Mandir·April 14, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:

Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102

Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.