4 मुखी रुद्राक्ष
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

4 मुखी रुद्राक्ष

क्या आप अपनी बुद्धि और एकाग्रता बढ़ाना चाहते हैं? 4 मुखी रुद्राक्ष विद्या और आत्मज्ञान का स्रोत है, जो मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। जानिए इसका रहस्य!

4 मुखी रुद्राक्ष के बारे में

4 मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का आशीर्वाद माना जाता है, जो धारण करने वाले को असीम ज्ञान, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। यह रुद्राक्ष खासतौर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वक्ताओं के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। आइए जानते हैं 4 मुखी रुद्राक्ष के सभी लाभ के बारे में।

4 मुखी रुद्राक्ष क्या है?

4 मुखी रुद्राक्ष एक पवित्र और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण बीज है, जिसे हिंदू धर्म में भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है। इसमें चार प्राकृतिक रेखाएँ (मुख) होती हैं, जो इसकी विशेषता को दर्शाती हैं।

4 मुखी रुद्राक्ष और भगवान शिव का संबंध

4 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का पवित्र आशीर्वाद माना जाता है। यह न केवल भगवान शिव से जुड़ा हुआ है, बल्कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा का प्रतीक भी है। रुद्राक्ष शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुआ माना जाता है, और प्रत्येक मुख अलग-अलग देवताओं और ऊर्जाओं का प्रतिनिधित्व करता है।

4 मुखी रुद्राक्ष और शिव तत्व 

1. भगवान शिव का आशीर्वाद – रुद्राक्ष को भगवान शिव के अश्रुओं से उत्पन्न होने वाला दिव्य बीज कहा जाता है। यह शिव की कृपा और उनकी आध्यात्मिक शक्ति को धारण करने वाला होता है।

2. ब्रह्मा और सृष्टि का प्रतीक – 4 मुखी रुद्राक्ष को भगवान ब्रह्मा से भी जोड़ा जाता है, जो चारों वेदों के ज्ञाता और सृष्टि के रचयिता हैं।

3. शिव के चार पहलू – यह रुद्राक्ष भगवान शिव के चार महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाता है-

  • ज्ञान (ज्ञानेश्वर रूप)

  • सृजन (सृष्टिकर्ता रूप)

  • संरक्षण (पालक रूप)

  • विनाश (संहारक रूप)

4. गले के चक्र (विशुद्ध चक्र) को सक्रिय करता है – शिव के गले में विष धारण करने की कथा प्रसिद्ध है। 4 मुखी रुद्राक्ष गले के चक्र को संतुलित करता है, जिससे वाणी में प्रभावशीलता और आत्मविश्वास बढ़ता है।

5. मुखी रुद्राक्ष की महिमा शिव पुराण में

शिव पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से रुद्राक्ष धारण करता है, वह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करता है और जीवन के कष्टों से मुक्ति पाता है। 4 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो ज्ञान, ध्यान और आत्म-साक्षात्कार की खोज में हैं।

4 मुखी रुद्राक्ष के लाभ

  • बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि – इसे पहनने से स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है, जिससे छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता लाभान्वित होते हैं।

  • वाणी में प्रभावशाली सुधार – यह गले के चक्र (विशुद्ध चक्र) को सक्रिय करता है, जिससे संवाद क्षमता और आत्म-विश्वास बढ़ता है।

  • ब्रह्मा का आशीर्वाद – यह रुद्राक्ष भगवान ब्रह्मा से जुड़ा है, जो सृजन और ज्ञान के देवता हैं।

  • मानसिक शांति – यह तनाव और नकारात्मक ऊर्जा को कम करने में मदद करता है।

  • कर्म और धर्म का संतुलन – यह व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने और अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।

4 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि

4 मुखी रुद्राक्ष को सही विधि से धारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके। इसे धारण करने से पहले कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक नियमों का पालन करना आवश्यक है।

1. शुभ दिन और समय

  • 4 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सोमवार या गुरुवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।

  • इसे ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या शिव पूजा के समय धारण करना श्रेष्ठ होता है।

2. रुद्राक्ष की शुद्धि प्रक्रिया

  • धारण करने से पहले इसे शुद्ध और सक्रिय करना आवश्यक होता है।

शुद्ध करने की विधि

·        एक पात्र में गंगाजल या स्वच्छ जल लें।

·        उसमें रुद्राक्ष को कुछ समय के लिए डुबोकर रखें।

·        इसके बाद इसे कच्चे दूध में डुबोकर पुनः गंगाजल से धो लें।

·        भगवान शिव का ध्यान करें और इसे पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) से स्नान कराएं।

·        रुद्राक्ष को एक साफ कपड़े से पोंछ लें।

3. मंत्र जाप और अभिषेक

·        रुद्राक्ष को धारण करने से पहले भगवान शिव की पूजा करें और मंत्र जाप करें।

मंत्र जाप (108 बार करें)

·        "ॐ ह्रीं नमः" (मुख्य बीज मंत्र)

·        "ॐ नमः शिवाय" (शिव मंत्र)

·        "ॐ ब्रह्मणे नमः" (ब्रह्मा से संबंधित मंत्र)

·        मंत्र जाप के बाद रुद्राक्ष को धूप और दीप दिखाकर भगवान शिव के चरणों में रखें और फिर धारण करें।

4. धारण करने का तरीका

किस धागे या धातु में पहनें?

·        इसे लाल या पीले धागे में पिरोकर धारण करें।

·        आप इसे सोने, चांदी या तांबे की चेन में भी पहन सकते हैं।

कहां पहनें?

·        गले में या दाहिने हाथ की कलाई में धारण करना उत्तम होता है।

·        यदि इसे माला के रूप में पहन रहे हैं, तो 32+1 या 54+1 या 108+1 रुद्राक्षों की माला शुभ मानी जाती है।

कैसे पहनें?

·        धारण करने का दिन – इसे गुरुवार या सोमवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है।

·        मंत्र – "ॐ ह्रीं नमः" का 108 बार जाप करके इसे धारण करना चाहिए।

·        धारण करने की विधि – इसे सोने, चांदी, या लाल धागे में पिरोकर गले या हाथ में पहना जा सकता है।

4 मुखी रुद्राक्ष किसे पहनना चाहिए?

·        छात्र, विद्वान, शिक्षक और वे लोग जो मानसिक शांति और ज्ञान की वृद्धि चाहते हैं।

·        जो लोग आत्म-अभिव्यक्ति और संचार कौशल को मजबूत करना चाहते हैं।

·        जो तनाव, भ्रम या मानसिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं।

धारण करने के बाद पालन करने योग्य नियम

क्या न करें...

·        मांस, शराब और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

·        रुद्राक्ष को कभी किसी और को न पहनाएं।

·        इसे उतारकर किसी अशुद्ध स्थान पर न रखें।

·        स्नान के समय या सोते समय इसे उतारकर साफ स्थान पर रखें (अगर धागा कमजोर हो तो)।

क्या करें...

·        प्रतिदिन भगवान शिव का ध्यान करें और "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।

·        रुद्राक्ष को नियमित रूप से गंगाजल से साफ करें।

·        इसे कभी भी अधिक गंदे या अपवित्र स्थान पर न रखें।

4 मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें?

वास्तविक 4 मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करें-

  1. मुख (Mukh) गिनें

·    4 मुखी रुद्राक्ष में स्पष्ट रूप से 5 प्राकृतिक रेखाएँ (मुख) होनी चाहिए, जो ऊपरी से निचले भाग तक पूरी तरह चलती हों।

·    ये रेखाएं प्राकृतिक और गहरी होनी चाहिए, न कि कृत्रिम रूप से बनाई गई।

  1. पानी में डालने का टेस्ट

·    असली रुद्राक्ष पानी में डूब सकता है या धीरे-धीरे नीचे बैठता है।

·    नकली रुद्राक्ष (जो प्लास्टिक, रसायनों, या लकड़ी से बने होते हैं) पानी में तैर सकते हैं।

·    लेकिन यह टेस्ट हमेशा सटीक नहीं होता क्योंकि कुछ असली रुद्राक्ष हल्के भी हो सकते हैं।

  1. चश्मे या माइक्रोस्कोप से जाँच

·    एक अच्छे लेंस या माइक्रोस्कोप से देखने पर आपको प्राकृतिक बनावट और ऊतक संरचना दिखेगी।

·    नकली रुद्राक्षों में मशीन से बनाई गई धारियां होती हैं।

  1. आग में जलाने का टेस्ट (सावधानीपूर्वक करें)

·    असली रुद्राक्ष जलाने पर जल्दी जलता नहीं है और कोयले की तरह धीरे-धीरे जलता है।

·    नकली रुद्राक्ष (प्लास्टिक या पॉलिश किए गए) तुरंत जलने लगते हैं।

  1. दूध में डालने का टेस्ट

·    असली 4 मुखी रुद्राक्ष को दूध में डालने पर दूध खराब नहीं होता।

·    नकली या केमिकल-ट्रीटेड रुद्राक्ष से दूध जल्दी खराब हो सकता है।

4 मुखी रुद्राक्ष खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें

प्रामाणिक विक्रेता से ही खरीदें-

हमेशा विश्वसनीय आध्यात्मिक संस्थानों, रुद्राक्ष विक्रेताओं, या सरकारी प्रमाणित दुकानों से खरीदें।

ऑनलाइन खरीदने पर सर्टिफिकेट ऑफ ऑथेंटिसिटी जरूर मांगें।

उत्पत्ति स्थान की जानकारी लें-

·    नेपाल, इंडोनेशिया और भारत (हरिद्वार, वाराणसी, काठमांडू) से प्राप्त रुद्राक्ष सबसे प्रामाणिक होते हैं।

·    नेपाल के रुद्राक्ष अधिक प्रभावशाली और बड़े आकार के होते हैं।

केमिकल-फ्री रुद्राक्ष लें-

·    कुछ विक्रेता रुद्राक्ष को चमकदार बनाने के लिए उस पर पॉलिश या केमिकल ट्रीटमेंट कर देते हैं।

·    असली रुद्राक्ष हल्का खुरदुरा और प्राकृतिक रंग-रूप का होना चाहिए।

सर्टिफिकेट लें

·    किसी प्रमाणित प्रयोगशाला से जाँच किया हुआ रुद्राक्ष ही खरीदें।

·    कई अच्छे विक्रेता अपने उत्पाद के साथ गवर्नमेंट-प्रमाणित लैब टेस्ट सर्टिफिकेट देते हैं।

4 मुखी रुद्राक्ष कहाँ से खरीदें?

ऑफलाइन खरीदारी के लिए

·    हरिद्वार, वाराणसी, काठमांडू (नेपाल), और दक्षिण भारत के आध्यात्मिक केंद्रों में प्रामाणिक रुद्राक्ष मिलते हैं।

·    रुद्राक्ष अनुसंधान केंद्र (Rudraksha Research Center), काशी रुद्राक्ष केंद्र और ISKCON जैसी जगहों से खरीदना सही रहेगा।

divider
Published by Sri Mandir·April 7, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:

Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102

Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.